सत्य साईं बाबा के चमत्कार | Sathya Sai Baba Ke Chamatkar
March 20, 2023
सत्य साईं बाबा के चमत्कार – Sathya Sai Baba Ke Chamatkar
सत्य साईं बाबा के चमत्कार
आइये दोस्तों आज हम जानेंगे श्री सत्य साईं बाबा के चमत्कारों के बारे में। इन्होने अपने जीवन काल में बहुत से चमत्कार किये है। आज हम जानेंगे उनके द्वारा किये गए 6 अद्भुद चमत्कारों के बारे में।
सत्य साईं बाबा के चमत्कार – प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल के दिन श्री सत्य साईं बाबा की पुण्यतिथि मनाई जाती है। शिरडी वाले साईं बाबा के समाधि लेने के 8 वर्ष पश्च्यात आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी नाम के स्थान पर वर्ष 1926 में सत्यनारायण राजू का जन्म हुआ। ये उनका मूल नाम है। राजू को 13 वर्ष की उम्र में ही लोग उन्हें साईं बाबा का अवतार मानने लग गये थे। आओ दोस्तों आज हम जानेंगे उनके 6 अद्भुद चमत्कारों के बारे में। दिनांक 24 अप्रैल 2011 को 7:40 बजे श्री सत्य साईं बाबा ने दुनिया को त्याग दिया। और वे स्वर्गलोक को चले गए थे।
सत्य साईं बाबा के चमत्कार – वर्ष 1940 में उनके पैर में एक बिच्छू ने काट लिया था । तब वे बेहोश हो गये थे। लगभग चार घंटे के बाद जब उनकी आंख खुली तो सारा गांव उन्हें देख कर आश्चर्य चकित रह गया था। और बाबा अचानक से संस्कृत के श्लोक बोलने लग गए। वे धारा प्रवाह के साथ संस्कृत भाषा बोल रहे थे। जबकि उन्होंने पहले कभी भी संस्कृत भाषा को नहीं पढ़ा था। अचानक से ज्ञान का भंडार को देख कर उनके माता-पिता भी घबरा गए और उन्हें लेकर डॉक्टरों और पुजारियों के पास गये थे। तभी एक दिन श्री सत्य साई बाबा ने कहा कि मैं शिरडी के साईं बाबा का ही अवतार हूं। मुझसे कोई भी डरो नहीं।
श्री सत्य साई बाबा के 6 चमत्कार– Sathya Sai Baba Ke 6 Chamatkar
ऐसा बताया जाता है कि श्री सत्य साईं बाबा के जन्म के वक़्त भी कुछ चमत्कार हुआ था। जब उनके घर में रखे हुए वाद्ययंत्र अचानक से बजने लगे।
जब बचपन में श्री सत्य साईं बाबा ने कुछ फूलो को लेकर और यूं ही जमीन पर बिखेर दिया था। जब लोगों ने जमीन पर बिखरे हुए फूलों को देखा तो वहीं तेलगू भाषा में लिखा था ‘साईं’। यह घटना वर्ष 1940 की है। जब उन्होंने स्वयं को सांई बाबा का अवतार घोषित किया था। उन्होंने ऐसा कहा था कि ‘मैं शिवशक्ति स्वरूप, शिरडी साईं बाबा का ही अवतार हूं’। यह कहकर बाबा ने मुट्ठी भर चमेली के फूलों को यूँ ही हवा में उछाल दिया था। जो जमीन पर गिरते ही तेलुगू भाषा में ‘साईंबाबा’ लिख गया।
श्री सत्य साईं बाबा अक्सर हवा में हाथ लहराते हुए अपने हाथों में वे भभूती ले आते थे। और अपने भक्तों को दे दिया करते थे। कई बार तो वे छोटे से पात्र से ही कई किलों भभूति निकाल दिया करते थे।
अक्सर वे हवा में अपना हाथ लहराते हुए हाथों में सोने या चांदी की चेन भी ले आते थे। और अपने ही किसी भी भक्त के गले में उसे डाल दिया करते थे।
ऐसे भी माना जाता है। कि वे कई मरीजों को छूकर ही उनकी शरीर की बीमारी को ठीक कर दिया करते थे।
इनके हवा से भभूति का बरसाना, अपने हाथों में सोने की चेन या अंगूठी को अचानक से उत्पन्न करना, शिवरात्रि पर सोने का शिवलिंग को अपने मुंह से निकालना देना आदि अनेको चमत्कारों को देखकर जनता में और भी ज्यादा श्रद्धा का भाव उत्पन्न हो गया था।