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कृपालु महाराज की संपत्ति | Kripalu Maharaj Ki Sampatti

कृपालु महाराज की संपत्ति
February 15, 2023

कृपालु महाराज की संपत्ति – Kripalu Maharaj Ki Sampatti 

 

आज हम बताने जा रहे है कृपालु महाराज की संपत्ति के बारे में। जगद्गुरु कृपालुजी महराज के महाप्रयाण के बाद उनकी संपत्ति एवं संस्था के संचालन को लेकर कई प्रकार की बाते आज हर किसी की जुबान पर हैं। परन्तु जगद्गुरु ने तीनों बेटियों को पहले से ही अलग-अलग जिम्मेदारी दे रखी थी। अब उन्हीं जिम्मेदारियों का निभाते हुए हुए बेटियां कृपालु जी का संदेश देश-विदेशों तक पहुंचाने का कार्य करेंगी।

कृपालु महाराज की संपत्ति – कृपालु जी महाराज का जन्म मनगढ़ गांव में हुआ था। कृपालु जी महाराज ने देश के कोने-कोने में मंदिर, चिकित्सालय निर्माण आदि अनेक कार्य किए है । कृपालु जी महाराज ने अरबों, खरबों की संपत्ति अर्जित की है। उनके महाप्रयाण के पश्च्यात उनकी संपत्ति और संस्थाओं के संचालन को लेकर लोगो में असमंजस की स्थिति बानी हुई हैं। जबकि जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के तीन बेटियाँ है उन्होंने  तीनों बेटियों को अपने जीवित रहते ही अलग-अलग जिम्मेदारी अपनी तीनो बेटियों  को देदी थी। इनके धाम से जुड़े राघवेन्द्र राय की मानें तो उन्होंने दीदियों को पहले से ही सारी जिम्मेदारी सौंप दी है। उनके मुताबिक महाराज जी ने बड़ी बेटी जिसका नाम विशाखा है उनको भक्तिधाम मनगढ़, मझली बेटी जिसका नाम श्यामा है उनको श्यामाश्याम धाम, प्रेम मंदिर तथा छोटी बेटी जिसका नाम कृष्णा है उनको बरसाना धाम वृंदावन की जिम्मेदारी सौंप दी है। महराज जी के महाप्रयाण के बाद अब उनकी तीनों बेटियां महराज जी के द्वारा दी गई जिम्मेदारी को भलीभांति संचालन कर रही है । बड़ी बेटी विशाखा के सानिध्य में भक्तिधाम मनगढ़ में जगद्गुरु कृपालु जी की समाधिस्थल को भव्यता के रूपम में दी जाएगी। जिससे देश विदेश से आने वाले सभी भक्त जगदगुरु का आशीर्वाद प्राप्त  कर सकें।

 

जगद्गुरु ने तय कर रखा था तीनों बेटियों की जिम्मेदारी 

 

कृपालु महाराज की संपत्ति – कृपालु जी के महाप्रयाण के बाद उनकी संपत्तियों के संचालन कृपालुं जी महाराज की तीनो बेटियाँ भलीभांति कर रही है। जबकि उनके दोनों पुत्रो के संबंध में अब तक कोई भी चर्चा नहीं आने वाली है। बड़ा बेटा घनश्याम तो हमेशा से ही महाराज जी के सानिध्य में ही रहा एवं संचालित सभी संस्थाओं के कार्यों में हर्षोउल्लास के साथ हिस्सा लेता रहा था। जबकि छोटा पुत्र बालकृष्ण का अधिक समय तो मुंबई में बीतता है। वह अपने परिवार समेत वहीं पर रहकर कारोबार को संभालता है।उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के मनगढ़ में अपने आश्रम की छत से गिरकर वह जख्मी हो गए थे। उनके सर में अधिक चोट लग जाने के कारण कृपालु महाराज का निधन हो गया था। मनगढ़ गांव के एक ब्राह्मण परिवार में उनका जन्‍म हुआ। आश्रम की छत से गिरकर वह घायल हुए कृपालु महाराज कोमा की स्तिथि में चले गए थे। 

कृपालु महाराज की संपत्ति – उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिले के मनगढ़ आश्रम की छत से गिरकर जख्मी हुए कृपालु महाराज का स्वर्गवास हो गया था। वह आश्रम की छत से गिरकर घायल हुए कृपालु महाराज कोमा में चले गए थे। 

कृपालु महाराज की संपत्ति – फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार कृपालु महाराज को रात को अस्पताल में लाया गया था। छत से गिरने की वजह से उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया था। विशेष्ज्ञ चिकित्सको की एक टीम 24 घंटे उनकी निगरानी कर रही थी। 

कृपालु महाराज की संपत्ति – जगदगुरु कृपालु जी महाराज वर्तमान काल में मूल जगदगुरु रह चुके थे। भारत देश के इतिहास में इन से पहले लगभग तीन हजार साल में चार और मौलिक जगदगुरु रह चुके हैं। लेकिन कृपालु जी महाराज के जगदगुरु होने में एक विशेषता यह थी कि उन्हें ‘जगदगुरुत्तम’ की उपाधि से भी नवाजा गया था। 14 जनवरी सन्न 1957 में सिर्फ 35 वर्ष की उम्र में ही कृपालु जी महाराज को ‘जगदगुरूत्तम’ की उपाधि से विभूषित भी किया गया था।  

 

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