Sankashti Chaturthi 2023 – संकष्टी गणेश चतुर्थी या संकटहरा चतुर्थी का त्यौहार भगवान श्री गणेश जी को ही पूर्ण रूप से समर्पित है। श्रद्वालू इस दिन अपने जीवन के बुरे समय व जीवन की सभ कठिनाईओं को दूर करने हेतु भगवान श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं। इस संकष्टी गणेश चतुर्थी के त्यौहार को वर्ष के प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी की तिथि को मनाया जाने वाला त्यौहार है। दक्षिणी राज्य तामिलनाडू में इसे संकट हरा चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यदि मंगलवार के दिन पड़ने वाली इस चतुर्थी को अंगरकी चतुर्थी कहा जाता है और इसे सबसे शुभ और मंगलकारी माना जाता है
Sankashti Chaturthi 2023 – हमारे हिन्दू पंचांग में हर एक चन्द्र माह में दो चतुर्थी की तिथि होती है। पूर्णिमा के पश्च्यात आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते है। तथा अमावस्या के पश्च्यात आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते है। भारत के उत्तरी राज्यों एवं दक्षिणी राज्यों में संकष्टी चतुर्थी का त्यौहार धूम धाम सें मनाया जाता है। संकष्टी शब्द को संस्कृत भाषा से लिया गया है इसका मतलब होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’ ।
तिथि | महीना | वर्ष | दिनांक / वार |
संकष्टी चतुर्थी | जनवरी | 2023 | 10 जनवरी (मंगलवार) |
संकष्टी चतुर्थी | फरवरी | 2023 | 09 फरवरी (गुरुवार) |
संकष्टी चतुर्थी | मार्च | 2023 | 11 मार्च (शनिवार) |
संकष्टी चतुर्थी | अप्रैल | 2023 | 10 अप्रैल (सोमवार) |
संकष्टी चतुर्थी | मई | 2023 | 09 मई (मंगलवार) |
संकष्टी चतुर्थी | जून | 2023 | 07 जून (बुधवार) |
संकष्टी चतुर्थी | जुलाई | 2023 | 06 जुलाई (गुरुवार) |
संकष्टी चतुर्थी | अगस्त | 2023 | 05 अगस्त (शनिवार) |
संकष्टी चतुर्थी | सितम्बर | 2023 | 03 सितम्बर (रविवार) |
संकष्टी चतुर्थी | अक्टूबर | 2023 | 02 अक्टूबर (सोमवार) |
संकष्टी चतुर्थी | नवम्बर | 2023 | 01 नवम्बर (बुधवार) |
संकष्टी चतुर्थी | दिसम्बर | 2023 | 01 दिसम्बर (शुक्रवार) |
संकष्टी चतुर्थी | दिसम्बर | 2023 | 31 दिसंबर (रविवार) |
Sankashti Chaturthi 2023 – भक्तगण इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत होकर भगवान श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं एवं व्रत/उपवास रखते हैं। जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं वह केवल/हरी कच्ची सब्जियां,फल,साबुदाना, मूंगफली और आलू का ही सेवन करते हैं। शाम के समय भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति को ताजे फूलों से सजाते है। चन्द्र दर्शन करने के बाद पूजा-अर्चना की जाती है एवं व्रत कथा का पठन-पाठन किया जाता है। तथा इसके बाद में ही इस संकष्टी चतुर्थी का व्रत सम्पन माना जाता है।
Sankashti Chaturthi 2023 – संकष्टी चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन करने को बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है। चन्द्रोदय के बाद में ही इस व्रत को पूर्ण माना जाता है। मान्यता ऐसी भी है कि जो भी व्यक्ति इस संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। पूरे वर्ष में संकष्टी चतुर्थी के कुल 13 व्रत रखे जाते हैं प्रत्येक व्रत के लिए एक अलग व्रत की कथा है। ‘अदिका’ नाम की कथा जो कि सबसे आखिर व्रत में चार वर्ष बाद एक बार ही पढ़ी जाती है
Sankashti Chaturthi 2023 – इस संकष्टी चतुर्थी व्रत के अनेको प्रकार से मनुष्य को लाभ मिलते है। जिसमे से कुछ लाभ इस प्रकार से है :-