लेख सारणी
कुम्भ एक मेला नहीं हिन्दू धर्म का एक पावन पर्व मना जाता है। इस महा कुम्भ मेले में अनगिनत श्रद्धालु प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में आस्था की डुबकी लगाते है । इन सभी पावन स्तनों पर पर प्रति 12 वर्ष और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच 6 वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता ह। इस वर्ष 2021 में कुंभ का आयोजन हरिद्वार में होने जा रहा है।
अगर हम हिन्दू धर्म और खगोल गणनाओं के अनुसार देंखे तो यह कुम्भ का मेला मकर संक्रांति (14 जनवरी ) के दिन शुरू होता है। जब वृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करते हैं और चंदमा और सूर्ये , वृश्चिक राशि में प्रवेश करते है तो ये योग बनता है । मकर संक्रांति पर होने वाले इस महान योग को कुम्भ स्नान-योग कहा जाता हैं जो अपने आप में बहुत महत्व रखता है। ये मेला बहुत शुभ और स्वर्ग के मार्ग को पाने वाला मंगलकारी मेला मना जाता है अगर पुराणों के अनुसार देखा जाये तो इस दिन स्वर्ग के द्वार खुले रहते है। इस पर्व पर स्नान करने वाला हर एक व्यक्ति अपने पापो का प्रायश्चित कर सकता है और माँ गंगा के आँचल में प्रायश्चित की डुबकी लगा सकता है।
अगर ऐसा कहा जाये की ये स्नानं साक्षात् स्वर्ग के दर्शन करता है तो कुछ गलत नहीं कहा जायेग। ये पावन पर्व समुन्द्र मंथन से जुड़ा हुवा है ।
आइये जानते है इसमें बारे में पुराणिक कथाओ में कहा जाता है की जब देवता और दानवो में बिच समुन्द्र मंथन किया गया था तो जो विष निकला था वो भगवन शिव ने ग्रहण कर लिया था इसी कारणवश भगवन शिव को निलकंठ भी कहा जाता है। और जो अमृत की प्राप्ति हुई थी उस अमृत कलश से चार बुँदे अमृत की इस धरती लोग पर गिरी जिसमे से एक बून्द प्रयाग में गिरी , दूसरी बुंग सर्व शक्तिमान भगवन शिव की नगरी हरिद्वार में गिरी , तीसरी बून्द उज्जैन में गिरी और अंतिम बून्द नासिक में गिरी इसी कारण से इन 4 नगरी को पावन नगरी कहा जाता है। कहा जाता है की कुम्भ 12 होते है 4 इस पृथ्वी लोक में और बाकी शेष 8 देवता लोक मे।
2021 महा कुम्भ मेला इस कोरोना महामारी को देखते हुए केसा रहेगा ये तो ईश्वर ही जाने लेकिन श्रद्धा को कोई महामारी नहीं रोक सकती। कोरोना महामारी का असर इस महा कुम्भ पर जरूर पड़ेगा क्यों की मानव अपने जीवन को संकट में नहीं डालना चाहता। इस कुम्भ मेले में शिव भगत जिसे अघोरि और साधु कहा जाता है उनकी संख्या कम नजर नहीं आएगी क्यों की जो शिव का भगत हो उसको किसका डर।
14 जनवरी 2021 | मकर संक्रांति | स्नान |
11 फरवरी 2021 | मौनी अमावश्या | स्नान |
16 फरवरी 2021 | बसंत पंचमी | स्नान |
27 फरवरी 2021 | मागि पूर्णिमा | स्नान |
11 मार्च 2021 | महा शिवरात्रि | शाही स्नान |
11 अप्रैल 2021 | सोमवती अमावश्या | शाही स्नान |
11 अप्रैल 2021 | चैत्र शुक्ल | स्नान |
11 अप्रैल 2021 | बैसाखी | शाही स्नान |
11 अप्रैल 2021 | राम नवमी | स्नान |
11 अप्रैल 2021 | चैत्र पूर्णिमा | शाही स्नान |
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