February 21, 2023
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार – Swami Vivekananda Ke Anmol Vichar
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार – आज हम बात करेंगे स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार के बारे में। 12 जनवरी 1863 में स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। इनका मूल नाम नरेंद्र नाथ था। इन्होने 25 वर्ष की आयु उन्होंने इस सांसारिक मोह माया को त्याग कर सन्यास को धारण कर लिया था। उसके बाद से ही नरेंद्र नाथ का नाम विवेकानंद हो गया था। विवेकानंद की माता भी एक धार्मिक प्रवर्ति की महिला थीं। जिनका प्रभाव विवेकानंद के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला।
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार – स्वामी विवेकानंद का हिंदू धर्म और आध्यात्म से लगाव इस बात का प्रतीक है। की वह छोटी सी उम्र ही में ईश्वर की खोज पर निकले फिर विवेकानंद की रामकृष्ण परमहंस से मुलाकात हो गई। तो उन्हें ईश्वर का ज्ञान प्राप्त हुआ। उसके पश्यत ही विवेकानंद विख्यात और प्रभावशाली एवं आध्यात्मिक गुरु बन गए। बाद में स्वामी विवेकानंद को अमेरिका के शिकागो शहर में आयोजित विश्व धर्म संसद में बुलाया गया। जहां उन्होंने ऐतिहासिक भाषण भी दिया। करोड़ों व्यक्ति उन्हें अपना आदर्श एवं मार्गदर्शक मानने लगे है और आज भी उनके विचारों का अनुसरण भी करते हैं। स्वामी विवेकानंद के विचारों का अनुशरण करके व्यक्ति अपना जीवन आसानी से और सफल जीवन व्यतीत करता है।
अनमोल विचार – Anmol Vichar
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार
- आपका संघर्ष जितना बड़ा होगा, जीत भी उतनी ही शानदार होगी।
- पवित्रता,धैर्य और उद्यम ये तीनों गुण मैं एक साथ आपमें देखना चाहता हूं।
- जब तक जीना है, तब तक कुछ नया सीखना है।
- अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। अनुभव लेना भी जरुरी है।
- हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने हमे बनाया है। इसलिए सदैव ध्यान रखें कि आप अपने जीवन में क्या सोचते हैं।
- यह कभी मत कहों कि ‘मैं नहीं कर सकता’, क्योंकि आप अनंत हैं।आपकी शक्तियाँ अपार है
- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।
- ख़ुद को कमज़ोर समझना ही सबसे बड़ा पाप है।
- तुम्हें कोई नहीं पढ़ा सकता, कोई आध्यात्मिक बना नहीं सकता। तुमको सब कुछ खुद से ही सीखना है। आत्मा से श्रेष्ठ कोई शिक्षक नही है।
- सत्य को अनेको तरीकों से बताया जा सकता है। फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
- बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का ही बड़ा रूप हैं।
- ब्रह्माण्ड की सभी शक्तियां पहले से हमारी ही हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आखें मूंद लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
- विश्व एक विशाल व्यायामशाला है। जहां हम खुद को मज़बूत और शक्तिशाली बनाने के लिए आते हैं।
- दिल और दिमाग के टकराव में केवल दिल की सुनो।
- शक्ति तो जीवन है,निर्बलता तो मृत्यु ही हैं। विस्तार तो जीवन है, संकुचन तो मृत्यु हैं। प्रेम तो जीवन है, द्वेष भी मृत्यु हैं।
- किसी भी दिन, यदि आपके सामने कोई भी समस्या ना आए-आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर ही चल रहे हैं।
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