कामदा एकादशी 2023 – हिंदू धर्म में आने वाली प्रत्येक एकादशी का अपना एक महत्व होता है, लेकिन किसी न किसी कारण और मान्यता के कारण एकादशी के प्रत्येक त्योहार को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार एकादशी का समय बहुत पवित्र माना गया है। पूर्वजों और भगवान विष्णु से संबंधित एकादशी के उत्सवों को हरि का दिन माना जाता है, इसलिए इसे हरि वासर कह कर भी बुलाया जाता है। आज हम आपको ऐसी ही एक महत्वपूर्ण एकादशी के बारे में बताने जा रहें है। कामदा एकादशी की हिंदू धर्म में बहुत महत्व है, आगे हम कामदा एकादशी की पौराणिक कथा के बारे में जानेंगे। यह पवित्र एकादशी वर्ष 2023 में 1 अप्रैल के दिन आने वाली है। कामदा एकादशी के बारे हम आपको बताएंगे कि इसे कब मनाया जाता है और साल 2023 में मुहूर्त का क्या समय रहेगा।
इस साल 2023 में कामदा एकादशी 1 अप्रैल 2023 को यानि शनिवार को मनाई जाएगी।
इस तिथि की शुभ शुरआत 1 अप्रैल 2023 को 4 : 30 बजे होगी। और समाप्ति अगले दिन 2 अप्रैल 2023 को 5 : 2 बजे होगी।
कामदा एकादशी 2023 – भगवान श्री कृष्ण ने कामदा एकादशी की कथा को धर्मराज युधिष्ठिर को सुनाया था। इस कथा के अनुसार प्राचीन काल में भोगीपुर नगर पर राज करने वाला एक पुण्डरीक नाम का राजा था। जिसके दरबार में प्रतिदिन गायन के कई गंधर्व आकर अपने गायन से राजा को खुश करते थे। उस युग में ललिता नाम की अप्सरा और ललित उसका पति एक गंधर्व था, जिनको बहुत श्रेष्ठ माना जाता था।
कामदा एकादशी 2023 – एक समय की बात है जब ललित गायन हेतु राजा के दरबार में गया और जिस समय में वह अपनी प्रस्तुति दे रहा था उसे अपनी पत्नि ललिता की याद आई और वह पत्नि के विचारों में खो गया। जिससे उसके गायन के दौरान सुरों में गलती हो गई। सभा में उपस्थित कर्कट नाम के नाग ने इस गलती को पकड़ लिया और राजा को इसके बारे में बता दिया। यह गलती सुन कर राजा पुण्डरीक बहुत क्रोधित हुआ और उसने ललित को अपने श्राप से एक राक्षस बदल दिया। ताकि जिस ललिता के कारण यह गलती हुई है, इस राक्षस रूप को देखकर वह ललित का त्याग कर दे।
कामदा एकादशी 2023 – जब ललिता को इस घटना के बारे में पता चला तो वह हर जगह इसके उपाय को ढूंढने के लिए भ्रमण करने लगी। वह अपने पति को ऐसी स्थिति में देखकर बहुत दुखी थी। कई वर्षों तक भटकने के बाद वह विंध्याचल पर्वत पर ऋषि श्रृंगी के आश्रम पहुंची। उसने अपनी सारी व्यथा को सुनाकर इसके समाधान हेतु ऋषि से मार्गदर्शन करने की सहायता मांगी। तब उस ऋषि ने चैत्र माह कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन आने वाले कामदा एकादशी के व्रत को करने को कहा।
ललिता ने ऋषि द्वारा बताए गए इस व्रत को पूरे अनुष्ठान का पालन करते हुए किया, जिससे उसके पति का श्राप खत्म हो गया और पुन ललित को उसका असली रूप मिला। उस समय से इस व्रत को प्रत्येक वर्ष किया जाने लगा।
कामदा एकादशी 2023 – कामदा एकादशी का दिन उन भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है जोकि भगवान विष्णु के उपासक है। माना जाता इस दिन किए गए व्रत से कई सालों की तपस्या के समान फल की प्राप्ति होती है, इसी कारण से इसे फलदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री विष्णु के भक्त पवित्र नदियों में स्नान करके अपने पापों का नाश करते हैं और पूरा दिन श्री हरि की उपासना में अर्पित कर देते हैं। कामदा एकादशी के दिन की गई श्रद्धा पूर्वक पूजा से हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
कामदा एकादशी 2023 – इस दिन व्रत के साथ यदि सहस्त्रनाम का पाठ किया जाए तो श्री हरि बहुत प्रसन्न होते हैं। इस दिन का पूजा पाठ में प्रयोग कर द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को आदर सत्कार सहित भोजन खिलाने बाद दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। वहीं इस दिन गरीबों को भी भोजन व दान देना चाहिए।