नमस्कार सज्जनो!
आज हम आपको ज्योतिष से अवगत करवाने जा रहे है , क्या आप जानना चाहते है कि ज्योतिष शास्त्र क्या है (jyotish Shastra kya hai) ?
आइये जानते है ज्योतिष शास्त्र का सम्पूर्ण ज्ञान। ज्योतिष एक मात्रा शब्द नहीं है सम्पूर्ण संसार और जीव जंतु इसका एक भाग है जी हाँ ज्योतिष शास्त्र सम्पूर्ण पृथ्वी को चला रहा है परन्तु इस दिखावे के जीवन में नयी पीढ़ी इसपर विश्वाश नहीं करती है।
ज्योतिष शास्त्र में मुख्य रूप से नक्षत्र , नव ग्रह, काल , समय चक्र आदि के स्वरूप,परिभ्रमण काल, गृह ग्रहण (सूर्य ग्रहण , चंद्र ग्रहण एवं अन्य ग्रहण) और स्थिति संबधित घटनाओं का वर्णन एवं शुभाशुभ फलों का जड़ से वर्णन किया जाता है| ज्योतिष को हम सब एक धर्मशास्त्र के रूप में जानते है , परंतु वास्तिवकता में यह एक विज्ञान है जिसका ज्ञान बहुत कम महानुभावो को है | एक बात में बताना चाहता हूँ की हमें ये ज्ञात होना चाहिए कि ज्योतिष भाग्य या किस्मत को मापने का का कोई खेल-तमाशा नहीं है अपितु ये एक ऐसा ज्ञान है जिसे जाननेवाला व्यक्ति अपने ज्ञान से किसी को भी अपने चरणों में बैठा सकता है।
ज्योतिष वास्तव में एक प्रकार से संभावनाओं का ज्ञान है । सारावली के अनुसार इस ज्योतिष शास्त्र का सही एवं सटीक ज्ञान मनुष्य के जीवन में धन और समृद्धि अर्जित करने में बड़ा सहायक होता है क्योंकि ज्योतिष जब भी कोई शुभ समय या काल बताता है तो किसी भी कार्य को करने में सफलता प्राप्त कि जा सकती है परन्तु करए मन और इच्छा से करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्यो कि गणना के अनुसार अमावश्या , अष्ठमी व पूर्णिमा को समुद्र में ज्वार-भाटे का निश्चित समय दिया गया है । वैज्ञानिक भी ज्योतिष को मानने लगे है अब तो चन्द्र तिथियों व नक्षत्रों के अनुसार अब कृषि करने लगे है। ज्योतिष शास्त्र इतना सटीक होता है कि भविष्य में होने वाली किसी भी प्रकार कि दुर्घटनाओं व संकटो का आभाष मनुष्य को पहले ही कर देते है परन्तु ज्योतिष शास्त्र में जीवन में आने वाले सभी संकटो का समाधान भी है और ज्योतिष इसका उपाय बताकर मनुष्यो को इनके प्रकोप से बचाते भी है। रोग निदान में जंहा विज्ञानं विफल हो जाता है उस जगह ज्योतिष का बड़ा योगदान है।
इस ब्रह्माण्ड में जिसने भी जन्म लिया है उस व्यक्ति के जन्म का क्षण, दोष, गृह , और घडी सदा ही उसके साथ रहता है| मानव जीवन में उसके जन्म के समय का विशेष महत्व है क्योंकि मानव का जन्म समय यह बताता है कि जीवात्मा किन कर्मबीजों,प्रारब्धों व संस्कारों को लेकर किन और कैसे उर्जा -प्रवाहों के मिलन बिंदु के साथ अन्य आत्मा के रूप में जन्मी है|
ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान एक बहुत ही वृद ज्ञान है या हम कहे की जिस प्रकार समुन्द्र की गहराई को मापना नामुमकिन है वैसे ही ज्योतिष शास्त्र क्या है ये जानना एक गुथी है । इसे सीखना इतना आसान नहीं है परन्तु नामुमकिन भी नहीं है ।