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हिन्दी दिवस पर निबंध | Hindi Diwas Par Nibandh

हिन्दी दिवस पर निबंध
March 13, 2023

हिन्दी दिवस पर निबंध – Hindi Diwas Par Nibandh

 

हिन्दी दिवस पर निबंध – भारत देश में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। जबकि विश्व हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी  के दिन मनाया जाता है। भारतीय संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हमारी राजभाषा घोषित कर दिया गया था।  जबकि भारतीय संविधान 26 जनवरी सन्न 1950 को लागू किया गया था। हिन्दी भाषा को विध्द्यालय, महाविद्यालय, बैंक, कार्यालय सरकारी कार्यालय आदि में मुख्य रूप से इसको उपयोग में लिया जाता है। भारत देश की प्रमुख भाषा हिन्दी ही है। जिसे सबसे ज्यादा बोला जाता है। पढ़ा एवं समझा जाता है।भारत देश में हिन्दी दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ एवं आनंद के साथ मनाया जाता है। जिसे हम हिन्दी पखवाड़ा भी कहते है। जिसमें हिन्दी दिवस पर निबंध भाषण लेख, कविता, शायरी,आदि की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है। करियर इंडिया हिन्दी के इस आर्टिकल में आपको हिन्दी दिवस पर निबंध हिन्दी दिवस पर भाषण हिन्दी दिवस पर लेख, हिन्दी दिवस पर कविताएँ, हिन्दी दिवस के उपलक्ष में शायरी, हिन्दी दिवस पर 10 लाइन लिखने का ड्राफ्ट दिया है। हिन्दी दिवस पर निबंध के इस आर्टिकल के माध्यम से आपको हिन्दी दिवस का महत्व,हिन्दी दिवस पर स्पीच, हिन्दी पर लेख एवं हिन्दी पर 10 पंक्तिया लिखने में भी आपको मदद मिलेगी।

हिन्दी दिवस पर निबंध – हिन्दी भाषा को भारत देश की मातृभाषा बनाने की मांग बहुत समय से उठती रही ही है। हिन्दी भाषा भारत देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हमारी हिन्दी भाषा को मातृभाषा के रूप में बढ़ावा देने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में प्रथम बार हिन्दी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया था।

 

हिन्दी दिवस पर निबंध हिन्दी में कैसे पढ़ें लिखें 

 

हिन्दी दिवस पर निबंध – भारत देश पूरी दुनिया भर में सबसे विविध देशों में से एक देश है। भारत में कई धर्म है। रीति-रिवाज है परंपराएं है।  व्यंजन एवं भाषाएं भी हैं। साल 2001 के रिकॉर्ड के आधार से हिन्दी भाषा भारत की सबसे प्रमुख भाषाओं में से एक है और अधिक प्रचलित भी है। भारत देश में हिन्दी भाषा के लगभग 26 करोड़ या अधिक मूल वक्ता भी हैं। हिन्दी भारत देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक भाषा है। हमारे भारत देश में हिन्दी भाषा को हर कोई व्यक्ति आसानी से समझता है और बोलता भी है।

हिन्दी दिवस पर निबंध – हमारे विद्यालयों में 10 वीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए विद्यालयों में हिन्दी भाषा अनिवार्य कर दी है। हिन्दी भाषा को भारत में 14 सितंबर सन्न 1949 को एक उच्च स्टार का दर्जा दिया गया। जब हिन्दी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। वह दिन 14 सितंबर का दिन था। तब से इसी दिन प्रत्येक वर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। वर्तमान में हिन्दी राष्ट्र के “राष्ट्रभाषा” का दर्जा ले रही है। अनेको लोगो के दिमाग में ये ही सवाल होता है कि भारत की राष्ट्र भाषा क्या है। तो आपको बता दें कि हिन्दी ही हमारे राष्ट्र भाषा नहीं है। हिन्दी ‘राज भाषा’ भी है। जिसे 14 सितंबर 1949 में भारतीय संविधान ने संवैधानिक रूप से दर्जा भी दिया था।

हिन्दी दिवस पर निबंध – हमारी हिन्दी भाषा का इतिहास 12वीं शताब्दी का रहा है। हमारी हिन्दी भाषा का उदय लगभग 300 वर्ष पूर्व हो चुका था। हम हिन्दी दिवस को शैक्षणिक संस्थानों स्कूलों कॉलेजों एवं सरकारी कार्यालयों में भी बड़े ही उत्साह के साथ इस पर्व को मनाते हैं। हिन्दी भाषा न केवल लोगों को अपनी जड़ों को मजबूत रखने के लिए प्रेरित करता है। बल्कि हमारी हिन्दी भाषा को भी बढ़ावा देने का कार्य भी करता है। इसके अतिरिक्त, लाखों लोग ऐसे भी हैं जो आज अपनी ही मातृभाषा यानी हिन्दी भाषा में बात करने और बोलने में शर्म को महसूस करते हैं।

हिन्दी दिवस पर निबंध – हिन्दी दिवस हमें यह भी एहसास दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कि हिन्दी भाषा पूरी दुनिया में सबसे प्राचीन एवं प्रभावशाली भाषाओं में से एक है। हमें अपनी मातृभाषा यानी हिन्दी भाषा को बोलने में गर्वान्वित महसूस करना चाहिए। वर्ष 1917 में हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने एक भाषण में भी हिन्दी भाषा के महत्व को दर्शाया था। महात्मा गाँधी ने गुजरात राज्य के भरूच में आयोजित किये जाने वाला गुजरात शिक्षा सम्मेलन में भी इसके बारे में अपने विचारो को व्यक्त भी किया था।

हिन्दी दिवस पर निबंध – गुजरात के उस विशेष सम्मेलन में महात्मा गांधी ने बोला कि अधिकांश भारतीय हिन्दी भाषा को बोल रहे हैं। इसलिए हम इस भाषा को अपने राष्ट्र की राष्ट्रीय भाषा के रूप में भी अपना सकते हैं। उन्होंने आगे हिन्दी भाषा के महत्व को भी बताया । उन्होंने कहा कि हम इस भाषा को अपने धार्मिक, अपनी राजनीतिक एवं आर्थिक संचार लिंक के रूप में भी इस भाषा का उपयोग कर सकते हैं।

हिन्दी दिवस पर निबंध – हमारी हिन्दी भाषा में कई प्रकार की साहित्यिक कृतियां भी उपलब्ध हैं। रामचरितमानस इनमे से सबसे बड़ी हिन्दी साहित्यिक कृति है। 16वीं शताब्दी में तुलसीदास ने रामचरितमानस को लिखी। हिन्दी में कई बड़े लेखक भी हैं। जैसे हरिवंश राय बच्चन एवं श्री मुंशी प्रेमचंद जी आदि बहुत से हिन्दी के साहित्य कर भी है ।

हिन्दी दिवस पर निबंध – हम जानते हैं कि हिन्दी भाषा सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक भाषा है। हिन्दी भाषा आधुनिक इंडो-आर्यन भाषाओं से आती है। हकीकत में हिन्दी भाषा को अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ भारत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में भी चुना गया। यह भारत देश की एकमात्र भाषा थी जो पूरे भारत देश में बोली जाती है और समझी भी जाती है।

 

छोटा भाषण हिन्दी दिवस पर – Hindi Diwas Par Chota Sa Bhashan 

 

हिन्दी दिवस पर निबंध – संस्कृत से है संस्कृति हमारी  हिन्दी से हिंदुस्तान हमारा। हिन्दी दिवस के इस शुभ दिन पर, हम सभी यहां एक भाषा के रूप में हिन्दी भाषा के गुण,मूल्यों एवं  विविधीकरण को मनाने के लिए यहाँ एकत्र हुए हैं। हिन्दी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में घोषित करने के साथ-साथ, हर वर्ष 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। यह भारत संघ में हिन्दी भाषा के महत्वता को भी दर्शाता है। हिन्दी भसह का महत्व काका कालेकर जैसे पुरुषों के सानिध्य में लंबे और व्यापक अभियानों में भी निहित है। जिन्होंने अपनी स्वतंत्रता को प्राप्त करने हेतु बहुत ज्यादा त्याग भी किया है । हिन्दी एक राष्ट्रभाषा के रूप में भारत देश को एक साथ जोड़े रखता है और भारत देश की अखंडता एवं एकता को बनाए रखने हेतु सही समाधान भी साबित होता है। आइए हम सब एक साथ मिलकर ये कहें कि हमें हमारी हिन्दी भाषी होने पर गर्व है।

 

10 लाइनें हिन्दी दिवस पर – Hindi Diwas Par 10 Line

 

  • भारत देश में हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को ही मनाया जाता है। हिन्दी दिवस हिन्दी भाषा के महत्व को पर हिन्दी के गुणों को दर्शाती है एवं अपने समृद्ध इतिहास एवं सामाजिक और राजनीतिक महत्व को भी प्रदर्शित करती है।

  • इंडो-आर्यन भाषा के बारे में भारत देश के संविधान सभा ने सन्न 1949 में नवगठित हमारे राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में हिन्दी भाषा को मान्यता दी।

  • जब भारत देश स्वतंत्र हुआ तो सरकार द्वारा हिन्दी भाषा की पहुँच को व्यापक बनाने के अनेक प्रयास भी किए गएन थे। लेकिन उससे ठीक पहले सन्न 1925 में अपने कराची के अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हिंदुस्तानी – हिन्दी एवं उर्दू इन दोनों भाषा को एक साथ मिलाने का फैसला कर लिया था।

  • परन्तु बाद में संशोधित भी किया गया और हिन्दी साहित्य के सम्मेलन में यह सुझाव भी दिया गया था कि केवल मात्र हिन्दी भाषा को राष्ट्रीय भाषा बनाया जाए।

  • भाषा के रूप में हिन्दी भाषा न केवल सम्मान का ही आदेश देती है जबकि व्यापक रूप से हिन्दी भाषा बोली भी जाती है।

  • हम हिन्दी भाषा को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं। क्योंकि सन्न 2011 की जनगणना के अनुसार भारत देश में कुल 43.06 प्रतिशत भारतीयों के द्वारा बोली जाने वाली भाषा के महत्व को हम स्वीकार करते हैं। जो हिन्दी भाषा को मातृभाषा के रूप में पहचानते भी हैं।

  • हिन्दी भाषा भारत देश में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। देश के लगभग 78 प्रतिशत लोग हिन्दी भाषा ही बोलते है और समझते भी है

  • हिन्दी भाषा के बारे में सबसे दिलचस्प तथ्य तो यह है कि “हिन्दी” मूल रूप से एक फारसी भाषा का ही शब्द है। प्रथम हिन्दी कविता प्रख्यात कवि “अमीर खुसरो” के द्वारा ही लिखी गई थी।

  • आप सभी को यह जानकर अधिक आश्चर्य होगा कि हिन्दी भाषा के इतिहास पर प्रथम साहित्य एक फ्रांसीसी लेखक था। जिसका नाम “ग्रेसिम द तासी” था उसी के द्वारा रचा गया था।

  • सन्न 1977 में प्रथम बार विदेश मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपनी हिन्दी भाषा में ही संबोधित किया था।

 

अन्य जानकारी :-

 

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