श्री कृपालु महाराज का निधन 15 नवम्बर 2013 को हो गया था। कृपालु महाराज ने सात बजकर पांच मिनट पर अंतिम सांस ली। वह अपने आश्रम की छत से नीचे गिर गये थे। जिस वजह से उनके सर में चोट लग गई थी। उनका काफी दिनो तक गुड़गांव के फोर्टिस हॉस्पिटल में इलाज चला। परन्तु 15 नवम्बर 2013 को उन्होंने अपनी अंतिम सॉंस ली। और स्वर्गलोक को चले गए। देर शाम जब उनका पार्थिव शरीर प्रतापगढ़ स्थित उनके मूल निवास स्थान मानगढ़ धाम में ले जाया गया। 18 नवंबर 2013 को उनका अंतिम संस्कार किया गया।
91 वर्ष की ही आयु में कृपालु महाराज का निधन हो गया था। कृपालु महाराज के देवलोकगमन की खबर को सुन काफी संख्या में उनके भक्त अस्पताल पहुंच गए। उनके भक्तो में अपने गुरु की अंतिम झलक को पाने के लिए उनमें बेताबी भी देखी गई। वहीं मनगढ़ धाम में जैसे ही कृपालु महाराज का पार्थिव देह पहुंचा तो हर आंख में आंसुओं की धारा बहती रही। कृपालु महाराज के अंतिम दर्शन करने को हजारों अनुयायियों का हुजूम उमड़ गया । भक्तों की कतार अलग होने का नाम ही नहीं ले रही थी। यह सिलसिला दो-चार घंटे के लिए ही नहीं बल्कि पूरी रात चलाता ही रहा । धाम के व्यवस्थापक ‘हिरण्यमय चटर्जी’ ने बताया कि कृपालु महाराज के अंतिम संस्कार करने वाले स्थल को समाधिस्थल का रूप दे दिया गया। कृपालु महाराज की कुल संपत्ति का अनुमान करीब दस हजार करोड़ रुपये तक माना जा रहा है। कृपालु महाराज के भारत के अलावा अमेरिका, सिंगापुर एवं नेपाल में भी उनके भव्य आश्रम स्तापित किये गए हैं।
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