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हनुमान जी के 108 नाम एवं इनके अर्थ | हनुमान जी के नाम | Hanuman Ji Names

हनुमान जी के 108 नाम
September 27, 2021

हनुमान जी के 108 नाम – जानिए राम भक्त हनुमान जी के सम्पूर्ण नाम 

 जैसा की हम सब जानते है की हनुमान जी पवन पुत्र कहलाते है और परम राम भक्त भी , संकट को हरने वाले हनुमान जी की पूजा मंगलवार के दिन सर्वश्रेस्ट मानी गयी है।  इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला और गुड़ का प्रशाद चढ़ाया जाता है , कटा जाता है की संकटमोचन ने माता सीता को और राम जी को खुश करने के लिए चोले का लवाज पहना था।  हिन्दू धर्म के अनुसार अगर हनुमान जी के 108 नाम का जाप प्रत्येक दिन किया जाये तो उस व्यक्ति के सभी काम सकुशल बन जाते है।  

हिन्दू धर्म में हनुमान जी की आस्था , पूजा और उपासना का बहुत महत्व है।  हनुमान जी शिव के रूद्र रूप है जिस प्रकार शिव भोले भंडारी है उसी प्रकार अगर इन्हे मन से याद किया जाए तो उसके सारे संकट हर लेते है पवन पुत्र हनुमा।  

अगर आप किसी काराणवंश सुन्दरकांड से वंचित रह गए है तो आप हनुमान जी के 108 नाम का जाप करिये भगवन खुश हो जायेंगे।

क्या फायदे है हनुमान जी के 108 नामो के जाप से आइये जानते है 

– मानसिक संतुलन हमेशा सही रहता है । 

– सात्विक विचार रहने से हमेशा अचे विचार मन में रहते है । 

– कभी गुस्सा नहीं आएगा क्यों की हनुमान भक्त के रूप में जाने जाते है और भक्ति में शक्ति है । 

– पैसो की कमी (आर्थिक स्तिथि) हमेशा सुदृढ़ रहेगी । 

– किसी भी शुभ काम में जाने से पहले जाप करे बिगड़े काम सफल होंगे । 

– हमेशा शरीर में एक अलग सी ताकत रहेगी जो आगे बढ़ने का राह दिखाएगी ।

 

1.आंजनेया: अंजनी पुत्र 

2.महावीर : बलशाली और बहादुर 

3.हनूमत : हनु का अर्थ है ढोडी, जिसके गाल मोटे / फुले हुए हो 

4.मारुतात्मज : देवो के देव पवन देव को रत्न सामान प्रिये 

5.तत्वज्ञानप्रद : सद्बुद्धि देने वाले 

6.सीतादेविमुद्राप्रदायक : सीता माता को भगवन राम की अंगूठी देने वाला 

7.अशोकवनकाच्छेत्रे : अशोक बाग का उथल पुथल करने वाला 

8.सर्वमायाविभंजन : छल का नाश करने वाले 

9.सर्वबन्धविमोक्त्रे : मोह को ख़तम करने वाले 

10.रक्षोविध्वंसकारक : राक्षसों का विनाश करने वाले 

11.परविद्या परिहार : दुष्ट शक्तियों को मिटाने वाले 

12.परशौर्य विनाशन : शत्रु के शौर्य को खंडित करने वाले 

13.परमन्त्र निराकर्त्रे : राम नाम का सुमिरन करने वलए 

14.परयन्त्र प्रभेदक : दुश्मनों के उद्देश्य को विफल करने वाले 

15.सर्वग्रह विनाशी : ग्रहो के प्रकोप से बचाने वाले 

16.भीमसेन सहायकृथे : भीम के सहयोगी 

17.सर्वदुखः हरा : दुखों को हरने वाले 

18.सर्वलोकचारिणे : शुद्ध और सही जगह वाशकरने वाले

19.मनोजवाय : वायु सामान गति वाले 

20.पारिजात द्रुमूलस्थ : प्राजक्ता पेड़ के नीचे रहने वाले 

21.सर्वमन्त्र स्वरूपवते : सम्पूर्ण मंत्रो के स्वामी 

22.सर्वतन्त्र स्वरूपिणे : भजनो के आकार जैसा 

23.सर्वयन्त्रात्मक : यंत्रो में रहने वाले 

24.कपीश्वर : वानर सेना के उत्तराधिकारी और देवता 

25.महाकाय : विशालकाय शरीर वाले 

26.सर्वरोगहरा : रोगो को हरने वाले 

27.प्रभवे: सभी के प्रिये 

28.बल सिद्धिकर :  बल के धनि 

29.सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायक : ज्ञान और बुद्धि देने वाले 

30.कपिसेनानायक : वानर सेना के प्रमुख

31.भविष्यथ्चतुराननाय : भविष्य के ज्ञाता 

32.कुमार ब्रह्मचारी : सम्पूर्ण ब्रह्मचारी

33.रत्नकुण्डल दीप्तिमते : कानो में मणियुक्त कुंडल धारण करने वाले 

34.चंचलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वला : जिसकी पूंछ उनके मस्तिष्क से भी उप्पर हो 

35.गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ, : आकाशीय विध्याके सर्वज्ञानी 

36.महाबल पराक्रम :महान शक्तियों के ज्ञानी और विशेषज्ञे 

37.काराग्रह विमोक्त्रे : कैद से मुक्त प्रदान करने वाला

38.शृन्खला बन्धमोचक: तनाव को हरने वाले 

39.सागरोत्तारक : सागर को छलांग लगा कर पार करने वाले 

40.प्राज्ञाय : विद्वान / ज्ञानी 

41.रामदूत : श्री राम के राजदूत 

42.प्रतापवते : वीरता में प्रसिद्धि प्राप्त 

43.वानर :  बन्दर सामान आचरण वाला 

44.केसरीसुत: केसरी पुत्र 

45.सीताशोक निवारक : माता सीता के दुखो को हरने वाला 

46.अन्जनागर्भसम्भूता : माता अंगनि के गर्भ से जनम लेने वाला 

47.बालार्कसद्रशानन : सूर्य सामान तेज वाला 

48.विभीषण प्रियकर : विभीषण के मित्र 

49.दशग्रीव कुलान्तक : रावण के राजवंश को समाप्त करने वाला 

50.लक्ष्मणप्राणदात्रे : भ्राता लक्ष्मण के प्राण हरने वाला 

51.वज्रकाय : धातु के समान सुदृढ़ शरीक वाला 

52.महाद्युत:  तेजस

53.चिरंजीविने : सदैव अमर रहने वाले - जिसकी मृत्यु निश्चित नहीं 

54.रामभक्त : श्री राम के करीबी और सर्वप्रिय भगत 

55.दैत्यकार्य विघातक : राक्षसों की सभी काम को समाप्त करने वाला 

56.अक्षहन्त्रे : रावण के पुत्र अक्षय का देहांत करने वाला 

57.कांचनाभ : सुनहरे रंग के शरीर का मालिक 

58.पंचवक्त्र : पांच मुख वाले अनोखे देव 

59.महातपसी :  तपस्वी मुख वाले 

60.लन्किनी भंजन : लंकिनी को समाप्त करने वाले 

61.श्रीमते : प्रतिष्ठित आचरण वाले 

62.सिंहिकाप्राण भंजन : सिंहिका के प्राण को हरने वाला 

63.गन्धमादन शैलस्थ : गंधमादन पर्वत पर निवास करने वाले

64.लंकापुर विदायक : लंका का विनाश करने वलए 

65.सुग्रीव सचिव : सुग्रीव के मंत्री स्वरुप 

66.धीर: वीर / शक्तिमान 

67.शूर: साहसी योद्धा 

68.दैत्यकुलान्तक : राक्षसों का वध करने वाला 

69.सुरार्चित : देवताओं द्वारा पूजनीय देव 

70.महातेजस : अधिकांश दीप्तिमान

71.रामचूडामणिप्रदायक : राम को सीता की चूड़ी देवे वाला 

72.कामरूपिणे : अनेक रूप के धनि 

73.पिंगलाक्ष : गुलाबी आँखों को धारण करने वाला 

74.वार्धिमैनाक पूजित : मैनाक पर्वत द्वारा पूजनीय

75.कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय : सूर्य को मुख में निगलने वाले 

76.विजितेन्द्रिय : इंद्रियों को वश में रखने वाले 

77.रामसुग्रीव सन्धात्रे : राम और सुग्रीव के बीच मध्यस्ता करने वाले 

78.महारावण मर्धन : रावण का अंत करने वाले 

79.स्फटिकाभा : बिलकुल शुद्ध 

80.वागधीश : प्रवक्ताओं के विशेषज्ञ 

81.नवव्याकृतपण्डित : सम्पूर्ण विद्याओं में निपूर्ण 

82.चतुर्बाहवे : चार भुजाओं धारी

83.दीनबन्धुरा : दुखियारों की रक्षा करने वाले 

84.महात्मा: ईश्वर 

85.भक्तवत्सल : प्रेम भक्तो की रक्षा करने वाले 

86.संजीवन नगाहर्त्रे : संजीवनी कॉम लाने वाला 

87.सुचये: पवित्र/ शुद्ध 

88.वाग्मिने : एक निपूर्ण वक्ता

89.दृढव्रता : कठोर तपस्या करने की मंशा वाला 

90.कालनेमि प्रमथन : कालनेमि को मारने वाला 

91.हरिमर्कट मर्कटा : वानरों के ईश्वर

92.दान्त: शांत

93.शान्त: रचना करने वाले

94.प्रसन्नात्मने: हंसमुख

95.शतकन्टमदापहते : शतकंट के अहंकार को ख़तम करने वाले 

96.योगी :महान व्यक्तित्व वाले 

97.रामकथा लोलाय : श्री राम की कहानी सुनने के लिए तड़पने वाला 

98.सीतान्वेषण पण्डित : सीता की खोजने वाला 

99.वज्रद्रनुष्ट : वज्रको धारण करने वाला 

100.वज्रनखा : वज्र की तरह मजबूत नाखून वाला 

101.रुद्रवीर्य समुद्भवा : भोले भंडारी शिव का अवतार 

102.इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारक : इंद्रजीत के ब्रह्मास्त्र के प्रभाव को खंडित करने वला 

103.पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने : अर्जुन के रथ पर विराजित होने वाला 

104.शरपंजर भेदक : तीरों के घोंसले को खत्म करने वाला 

105.दशबाहवे : दस भुजाओं धारण करने वाले 

106.लोकपूज्य : ब्रह्मांड के सभी जीवों द्वारा आदरणीय

107.जाम्बवत्प्रीतिवर्धन : जाम्बवत के सर्वप्रिय 

108.सीताराम पादसेवक : भगवान राम और सीता की सेवा में मोहित रहने वाले

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