कैंची धाम कब जाना चाहिए और कैसे जाए | Kainchi Dham Kab Jaana Chaahiye

कैंची धाम कब जाना चाहिए – Kainchi Dham Kab Jaana Chaahiye

कैंची धाम कब जाना चाहिए – कैंची धाम के निवासी श्री पूर्णानंद तिवारी जी के कथन अनुसार सन 1942 में एक रात के समय में जब वह अपने घर लौट रहे थे। तो खुफिया डांठ नाम की एक निर्जन स्थान था वहा पर उन्हें एक विशालकाय व्यक्ति को कंबल ओढ़े दिखा । तो पहले वह उस व्यक्ति को देखकर अचानक डर गए थे। परन्तु फिर उस व्यक्ति ने उन्हें अपने पास बुलाया, और उनके डर को दूर किया और फिर 20 वर्ष के बाद वापस लौटने का उनसे वादा करके वह उस स्थान से चले गए। यह व्यक्ति कोई ओर नहीं बल्कि नीम करौली बाबा ही थे।

कैंची धाम कब जाना चाहिए – अपने वादे के मुताबिक़ ठीक 20 वर्ष बाद 24 मई 1962 में रानीखेत से नैनीताल लौटते समय बाबा जी कैंची धाम में आकर रुक गए और सड़क किनारे जाकर बैठ गए। और फिर हमेशा के लिए वही के हो गये। सन्न 1962 के बाद बाबा जी कैंची में ही अपना निवास करने लग गए। विश्व भर में बाबा नीम करौली बाबा के नाम से विख्यात हुए और इस मंदिर की स्थापना भी बाबा नीव करौरली ने ही की थी। जिन्हें कुछ लोग उन्हें नीम करौली बाबा के नाम से भी पुकारते है।

कैंची धाम कब जाना चाहिए – नीम करौली बाबा का जन्म सन्न 1900 के आस-पास उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में अकबरपुर नामक गांव में रहने वाले एक ब्राह्मण के परिवार में हुआ था। केवल 11 वर्ष की आयु में विवाह भी संपन्न हो गया था। फिर कुछ समय बाद उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था। और वह साधु बन गए परन्तु बाद में उन्होंने कुछ समय अपने गृहस्थ जीवन भी व्यतीत किया। परन्तु इस दौरान भी उन्होंने अपने आप को सामाजिक कार्यों में व्यस्त रखा।

कैंची धाम कब जाना चाहिए

कैंची धाम कब जाना चाहिए – उसी दौरान वें 3 सन्तानो के पिता भी बने, परन्तु गृहस्थ जीवन उन्हें ज्यादा रास  नहीं आया और फिर वे सन्न 1958 में उन्होंने दुबारा से अपनी गृहस्थी त्याग दी। 15 जून 1964 को प्रथम प्रयास कर उन्होंने यहां पर हनुमान जी की मूर्ति को विधिवत रूप से स्थापित किया । और आज प्रत्येक वर्ष 15 जून को प्रतिष्ठा दिवस के रुप में मनाया जाता है ।

कैंची धाम कब जाना चाहिए – नीम करौली बाबा हनुमान जी के परम भक्त माने जाते है। इस बात का अंदाज आप इस बात से लगा सकते है। कि बाबा अपने पूर्ण जीवन काल में उन्होंने देश-विदेश में कुल 100 से भी ज्यादा हनुमान जिओ के मंदिर का निर्माण करवाया । सन्न 1964 में कैंची धाम की स्थापना दो साधुओं द्वारा जिनका नाम ‘प्रेमी बाबा’ और ‘सोमवारी महाराज’ था उनके के द्वारा की गई थी। तब यहाँ पर एक चबूतरा बनाया गया और फिर हवन भी किया गया था। उसके कुछ समय बाद यहाँ पर हनुमान जी के मंदिर का निर्माण किया गया। नीम करौली बाबा आश्रम की स्थापना की वर्षगाँठ के उपलक्ष में प्रति वर्ष यहाँ 15 जून को एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है और भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। जिसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग हिस्सा लेने यहाँ आते है।

 

कैंची धाम कहाँ पर स्थित है

कैंची धाम कब जाना चाहिए – कैंची धाम उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है। रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग 109 में स्थित है कैंची धाम। यह लाखों भक्तो की आस्था और विश्वास का एक केंद्र है। यह धाम बीसवीं शताब्दी में जन्मे हुए दिव्य पुरुष बाबा नीम करौली जी के द्वारा स्थापित की गई पावन भूमि है।

 

कैंची धाम की ऊंचाई एवं तापमान 

कैंची धाम कब जाना चाहिए – समुद्र तल से 4593 फीट की ऊंचाई पर स्थित है कैंची धाम। ग्रीष्म कालीन समय में कैंची धाम का तापमान 22 डिग्री तक हो जाता है तो वहीं शीतकालीन समय में यह 02 डिग्री तक भी हो जाता है। नैनीताल जिले से 19.6 किलोमीटर की दूरी पर कैंची धाम है। 

कैंची धाम कब जाना चाहिए – यदि आपका कभी नैनीताल जाने का विचार बनता है। तो यहां से आप कैंची धाम दर्शन करने के लिए भी जा सकते हैं। और वहां आप पर बाबा नीम करोली के आश्रम के दर्शन कर वापस नैनीताल भी लौट सकते हैं। या फिर आप रानीखेत जाने का विचार भी कर सकते है। नैनीताल से कैंची धाम की दूरी लगभग 19.6 किलोमीटर है।

कैंची धाम कब जाना चाहिए

 

कैसे सड़क मार्ग द्वारा रानीखेत पहुंचें

 कैंची धाम जाने हेतु आपको पहले नैनीताल पहुँचना होगा। जो राष्ट्रीय राजमार्ग NH 9 से होकर गुजरता है। यहां से आपको कैंची धाम जाने के लिए टेक्सी या निजी कार भी मिल जायेगी। सड़क मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग NH 109 से होकर जाता है।

कैसे पहुंचें ट्रेन मार्ग से रानीखेत 

कैंची धाम कब जाना चाहिए – कैंची धाम जाने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम में है। यहां पहुँचने के बाद आप टैक्सी या निजी कार से कैंची धाम आसानी से पहुँच सकते हैं। काठगोदाम के रेलवे स्टेशन से कैंची धाम केवल 37.4 किलोमीटर की दूरी पर है। राष्ट्रीय राजमार्ग NH 109 से गुजरता है। इसमें आपको करीब 1 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा।

 

कैसे पहुंचें हवाई मार्ग से रानीखेत 

कैंची धाम के लिए कोई विशेष हवाई अड्डा नहीं है। लेकिन यदि आप हवाई मार्ग से आना चाहते हो तो आप केवल पंतनगर एयरपोर्ट आ सकते है। पंतनगर एयरपोर्ट से आप टैक्सी कार की मदद से कैंची धाम आसानी से पहुँच सकते हो। पंतनगर एयरपोर्ट से कैंची धाम की दूरी लगभग 71.3 किलोमीटर की दूरी पर है। जोकि राष्ट्रीय राजमार्ग NH 109 से होकर गुजरता है। पंतनगर एयरपोर्ट से कैंची धाम पहुचने में आपको टैक्सी से लगभग 02 घंटे, 20 मिनट का समय लगता है।

क्यों प्रसिद्ध है कैंची धाम 

नीम करौली बाबा आश्रम की स्थापना दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 15 जून को एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। और भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। इस स्थापना दिवस में देश-विदेश से लाखों लाखो की संख्या में भक्त  हिस्सा लेते यहाँ पहुंचते है। कैंची धाम लाखों भक्तो की आस्था व विश्वास का केंद्र है।

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