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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114Hanuman Ji Ki Aarti -जैसा की हम सभी को ज्ञात है की हनुमान जी को बल का देवता माना जाता है। हनुमान जी भगवान् श्री राम और माता सीता के परम सेवक माने जाते है। हनुमान जी अपनी अद्भुद शक्तियों के लिए भी जाने जाते है। हनुमान जी के अनेको नाम है जैसे बालाजी,महावीर,हनुमत आदि नमो से भी जाना जाता है हनुमन जी के कुल 108 चमत्कारी नाम है। बालाजी के अनुसार किसी भी शुभ कार्य में हनुमानजी कि आरती (Hanuman Ji Ki Aarti) के बिना वो कार्य सम्पन नहीं माना जाता है क्यों की हनुमान कलयुग के देवता के रूप में पूजे जाने वाले देवताओ में से एक है । आइये साथ में मिलकर हनुमान जी की आरती का आव्हान करते है। – Hanuman Ji Ki Aarti
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की। …. …..
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। ….. ……
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। ….. …..
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। ….. …..
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की। …. …..
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई। ….. …..
// इति समाप्तम //
अन्य आरती :-