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Vaishnav rama ekadashi – जैसा की हम जानते की कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष एकादशी को को वैष्णव रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। कार्तिक मास के सम्पूर्ण दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है। इसी लिए कार्तिक मास में माता लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष मानागया है इसी कार्तिक मास की एकादशी के दिन भगवाव श्री विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा का विधि विधान है। इसी कारण कार्तिक मास की एकादशी की माता लक्ष्मी और विष्णु के नाम यानि वैष्णव रमा एक देशी के नाम से जाना जाता है।
Vaishnav rama ekadashi – इस साल वैष्णव रमा एकादशी का व्रत,पूजा अक्टूबर माह में 9 नवंबर 2023 को गुरुवार के दिन रहेगा। माता लक्ष्मी और भगवान् श्री विष्णु की पूजा करने का विधान है, ऐसा माना जाता है की इस व्रत और पूजा के करने से माता लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है,और वे अपने भक्तो की सभी मनोकामना को पूर्ण करती है।
Vaishnav rama ekadashi – इस वैष्णव रमा एकादशी के दिन माता लक्ष्मी और भगवान् श्री विष्णु की पूजा का विधान है,इस दिन सूर्योदय से पहले उठ कर स्नानं आदि से निवृत होकर इस व्रत को करने का संकल्प लेना चाहिए। पूजा करने के लिए सबसे पहले चौकी पीले रंग का आसान बिछा कर,चौकी पर भगवान् विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को चौकी पर स्थापित करें। भगवन का हल्दी मिश्रित जल चढ़कर भगवान् का अभिषेक करें। फिर भगवान् को दीप,धुप,जला कर चन्दन का टीका लगाएं। इस एकादशी के दिन भगवान् श्री विष्णु जी को पीले रंग के फूल और वस्त्र अर्पित करें और माँ लक्ष्मी को गुलाबी रंग के वस्त्र अर्पित करें। भगवान् को गुड़ और चने की दाल का भोग लगा कर उच्च स्वर में कथा का पाठ करना चाहिए। और पूजा के अंत में उच्च स्वर में लक्ष्मी रमणा की आरती का गायन करना चाहिए।
Vaishnav rama ekadashi – इस वैष्णव रमा एकादशी का साल में आने वाली सभी एकादशी मे से एक विशिष्ठ प्रकार का स्थान है। इस वैष्णव रमा एकादशी का उल्लेख हमारे महाभारत की कथाओ में भी मिलता है। ऐसी मान्यता है की इस एकादशी के दिन भगवान् श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। ऐसा करने से मन जाता है की माता लक्ष्मी और भगवन श्री विष्णु अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है।
माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर की सभी दरिद्रता दूर होती है और सुख,शांति, और समृद्धि रहती हैं और साथ ही धन धान्य की प्राप्ति होती है। यह वैष्णव रमा एकादशी का व्रत हमारी सभी प्रकार की आर्थिक समस्याओ को दूर करता है। और हमारे जीवन में खुशहाली लता है।
Vaishnav rama ekadashi – वैष्णव रमा एकादशी का उल्लेख हमारे पवित्र ग्रन्थ स्कन्द पुराण और पदम् पुराण में मिलता है। इस एकदशी को वैष्णव और गैर वैष्णव समुदाय के भक्त लोग मनाते है। इस वैष्णव रमा एकादशी के व्रत को करने वाले भक्त अनाज,गैहू,सब्जियां,और मसालों का सेवन नहीं करते है। इस वैष्णव रमा एकादशी व्रत की तयारी दशमी के दिन यानि एक डिव पूर्व ही शुरू हो जाती है। यह वैष्णव रमा एकादशी का व्रत भगवान् श्री विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है।वैष्णव रमा एकादशी इस दिन भगवांन और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसमें कथा,प्रार्थना,और मंत्रो का जाप किया जाता है। और चौतरफा सुख,शांति और समृद्धि के आशीर्वाद प्राप्त के लिए भगवान् की पूजा की जाती है। अनुष्ठान के लिए दशमी के दिन ही भक्तो द्वारा स्नानं किया जाता है। वैष्णव रमा एकादशी की कथा सुनते है। फिर सूर्यास्त होने के बाद आध्यात्मिक उपदेश दिए जाते है।
Vaishnav rama ekadashi – इस वैष्णव रमा एकादशी के व्रत को पूर्ण करने के बाद इसे तोड़ने की विधि को एकादशी व्रत पारण कहा जाता है। यह विधि सूर्यास्त होने के बाद एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि को किया जाता है यह अत्यंत महत्वपूर्ण विधि है इस वैष्णव रमा एकादशी का पारण केवल द्वादशी की तिथि को ही किया जाता है। और विशेष रूप से दिन की पहली तिमाही,जिसे हरि वासर भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है की इस दिन ब्राह्मणो को भोजन कराना चाहिए और गरीबो को दान देकर भी मदद करनी चाहिए।