जानियें उगादी उत्सव वर्ष 2023 में कब है, कथा, महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
उगादी उत्सव 2023 – उगादी उत्सव दक्षिण भारत का एक प्रमुख पर्व है। इसे दक्षिणी राज्यों जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में नववर्ष के रुप में मनाया जाता है। उगादी उत्सव कई जगह युगादी के नाम से भी जाना जाता है। यह उत्सव चैत्र माह के पहले दिन मनाया जाता है और मार्च या अप्रैल में आता है। दक्षिण भारत के राज्यों में उगादी उत्सव को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है क्योंकि इस दौरान वसंत के आगमन का प्रतीक है जो किसानों के नयी फसल के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है। शब्द “उगादि” संस्कृत के शब्द “युग” से लिया गया है, जिसका अर्थ है युग, और “आदी”, जिसका अर्थ है शुरुआत। इसलिए, युगादी एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
उगादी उत्सव की पौराणिक कथा – Ugadi Utsav Ki Pouranik Katha
उगादी उत्सव 2023 – हिन्दू पौराणिक कथाओ के अनुसार इसी पर्व के दिन ब्रम्हा जी ने ब्रह्माण्ड की रचना प्रारम्भ की थी। आंध्रप्रदेश राज्य में आज भी उगादी अवसर पर ब्रम्हाजी की ही पूजा की जाती है और इसी दिन भगवान विष्णु ने मतस्य अवतार में अवतरित हुए थे। उगादि का यह उत्सव उस समय आता है
उगादी उत्सव 2023 – जब भारत में वसंत ऋतु अपने चरम पर होती है और इस समय किसानों को नयी फसल भी मिलती है। युगादी विशेष रूप से कलियुग को संदर्भित करता है जिसमें वर्तमान पीढ़ी रहती है।
उगादी उत्सव का महत्व – Ugadi Utsav Ka Mahatva
उगादी उत्सव 2023 – उगादी उत्सव दक्षिण भारत में बहुत विशेष महत्व रखता है। यह पर्व चैत्र माह के पहले दिन मनाया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस त्योहार के दौरान वसंत का मौसम अपने चरम पर होता है। जिसके कारण मौसम काफी सुहावना रहता है, इसके साथ ही इस समय लोग नयी फसल को लेकर भी खुश रहते है।
उगादी उत्सव 2023 – इसके साथ ही ऐसी मान्यता है कि इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है। यह लोगों के लिए सौभाग्य, धन और समृद्धि लाने के लिए कहा जाता है।इसलिए उगादी के दिन दक्षिण भारतीय राज्यों में लोग दुकानों का उद्घाटन, भवन निर्माण का आरंभ आदि जैसे नये कार्यों की शुरुआत करते हैं। उगादी या युगादी भी वसंत की शुरुआत और फसल के मौसम का प्रतीक है। त्योहार समृद्धि और कल्याण का प्रतीक है। यह एक नए युग की शुरुआत होती है।
उगादि तिथि व शुभ मुहूर्त – Ugadi Tithi Va Shubh Muhhurat
उगादी को नए साल का पहला दिन माना जाता है जिसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के लोगों द्वारा मनाया जाता है। तो, उगादी महोत्सव तेलुगु नववर्ष है।
इस साल 2023 में उगादी का पर्व 22 मार्च 2023 को यानि बुधवार को मनाई जाएगी।
इस उगादी पर्व का पूजन का शुभ मुहूर्त की शुरुआत प्रतिपदा तिथि रात 10 : 50 बजे 21 मार्च को है। और समाप्ति अगले दिन 22 मार्च को रात 8 : 20 बजे होगी।
उगादी की पूजा विधि – Ugadi Ki Puja Vidhi
उगादी उत्सव 2023 – उगादी उत्सव के दिन पूजा और इसका पालन करने से इस त्योहार पर भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
– सुबह उठकर अपने शरीर पर बेसन तथा तेल का उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए।
– हाथ में गंध, अक्षत, फूल और जल लेकर भगवान ब्रम्हा के मंत्रों का उच्चारण करके ब्रह्मा जी की पूजा करें।
– घर में रंगोली या स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं इस से घर में सकरात्मक ऊर्जा पैदा होती है।
– इस दिन, एक विशेष पेय बनाने की भी प्रथा है, जिसे पचड़ी के नाम से जाना जाता है। पचड़ी नामक यह पेय नए इमली, आम, नारियल, नीम के फूल, गुड़ जैसी चीजों को मिलाकर एक बर्तन में बनाया जाता है।
– इस पेय को पीने के साथ ही गरीब लोगो में भी बांटा जाता है।
उगादी उत्सव 2023 – और पूजा के समय अगर आप श्वेत कपड़ा बिछाकर उसपर हल्दी या केसर से रंगे अक्षत से अष्टदल बनाकर उसपर ब्रम्हा जी की प्रतिमा स्थापित करेंगे तो आपको ब्रम्हा जी की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
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