यह तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं कि 15 अगस्त 1947 को भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। इसी दिन को भारत स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है। संपूर्ण भारतवर्ष में इस दिन को पर्व की तरह मनाया जाता है। तथा देश भक्ति को प्रकट करते हुए भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं। भारत पर अंग्रेजों ने लगभग 200 साल तक अपनी हुकूमत चलाई और आखिर एक दिन गांधी जी और अन्य सहयोगियों की बदौलत भारत 1947 में आजाद हो ही गया। भारत को आजाद हुए 76 साल हो चुके हैं 2023 में भारत अपनी आजादी की 76 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है।
स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त के दिन मुख्य तौर पर हमारे देश के प्रधानमंत्री जी के द्वारा दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण किया जाता है। देश हित में देशवासियों को संबोधित करते हुए भाषण दिया जाता है। लाल किले पर 15 अगस्त को भव्य समारोह के रूप में मनाते मनाया जाता है। यहां पर भारत की तीनों सेनाये विशेष कला का प्रदर्शन करती है। भारत की संस्कृति भारत की अखंडता और संप्रभुता की झलक 15 अगस्त के दिन लाल किले पर भव्य रूप में दिखाई देती है।
आइए जानते हैं भारत की संप्रभुता अखंडता और एकता का प्रतीक 15 अगस्त कैसे मनाया जाता हैं ? और 15 अगस्त को भारत आजादी का सफ़र ? यह सभी विवरण आज हम इस लेख में विधिवत जाने वाले हैं।
स्वतंत्रता दिवस – भारत की संप्रभुता अखंडता और एकता को फिर से खड़ा कर गांधी जी के सहयोग ने भारत को स्वतंत्रता दिलाई। परंतु दुर्भाग्यवश महात्मा गांधी इस जश्न में शामिल नहीं हो सके। स्वतंत्रता दिवस के दिन महात्मा गांधी बंगाल के नोआखली में थे। जहां वे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन पर थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने महात्मा गांधी को इस जश्न में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा। गांधी जी ने बंगाल में हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अपनी उपस्थिति अति आवश्यक बताते हुए इस जश्न में शामिल नहीं हुए।
स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त, 1947 को तत्कालीन अंग्रेज अफसर लॉर्ड माउंटबेटन ने अपने दफ़्तर में काम किया। दोपहर में नेहरू ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल की सूची सौंपी और बाद में इंडिया गेट के पास प्रिसेंज गार्डेन में एक सभा को संबोधित किया। अधिकांश तौर पर 15 अगस्त को ही लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था। लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था।
स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान के बीच कोई एलओसी रेखा नहीं खींची गई थी। इसका संशोधन 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ। 15 अगस्त के जश्न के समय देश का एक राष्ट्रगान होना चाहिए। परंतु उस समय कोई राष्ट्रगान नहीं था। रवींद्रनाथ टैगोर जन-गण-मन 1911 में ही लिख चुके थे। लेकिन यह राष्ट्रगान 1950 में ही देश में मान्यता प्राप्त कर पाया। 15 अगस्त के दिन भारत के अलावा 3 राष्ट्र और आजाद हुए थे। जिनमें दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त, 1945 को आज़ाद हुआ। ब्रिटेन से बहरीन 15 अगस्त, 1971 को और फ्रांस से कांगो 15 अगस्त, 1960 को आज़ाद हुआ था। भारत आज अपनी आजादी को किसी पर्व से कम नहीं समझता। इस समय देश का प्रत्येक नागरिक 15 अगस्त को अपने समस्त धार्मिक त्योहारों से बढ़कर सम्मान देता है। देश भक्ति में अपने वीर शहीदों को और आजादी के समय महत्वपूर्ण कदम उठाने वाले महात्मा गांधी ,सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस – भारत देश का प्रत्येक नागरिक 200 साल तक गुलामों की अंग्रेजी सहता आया हैं। उससे पहले क्रूर राजाओं के चलते भारत पर अनेक अत्याचार हुए और उन्हीं की गंदी राजनीति की वजह से भारत में अंग्रेजों ने पैर पसारे। उस वक्त समय भारत के विपरीत था और लगभग 500 से भी ज्यादा वर्षों तक भारत पर क्रूर समय का प्रकोप रहा। उस समय भारत अपनी संप्रभुता को लुटाता ही जा रहा था। परंतु जब जब भी भारत पर किसी भी आतताई ने भारतीयों को सताया है। तब किसी ना किसी रूप में परमात्मा ने भारत को अपने संरक्षण में लिया है। भारत के स्वतंत्रता के प्रमुख नायक महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत की जनता को एकत्रित किया और देश की स्वतंत्रता के लिए अनेक सफल और असफल लड़ाइयां लड़ी।
स्वतंत्रता दिवस – भारत की जनता 1947 में यह ठान चुकी थी कि अब भारत का सब कुछ स्वदेशी होगा। अंग्रेजों की गुलामी अब ज्यादा नहीं सही जाएगी। इसी संकल्प के बदौलत अनेक क्रांतिकारी वीर पैदा हुए और उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर भारत की स्वतंत्रता खरीद खरीद ली। आज उन वीर सपूतों की वीर गाथाओं को भारत का प्रत्येक नागरिक शान से गाता है और उनको शत-शत नमन करता है। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र जानकर इस दिन को सभी धर्म, सभी पुराण, सभी प्रथाए उत्सव के रूप में मनाती है।
स्वतंत्रता दिवस – भारत पिछले 75 साल से अपनी आजादी का पर्व भव्य रुप से मनाते आया है।इस साल 76 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस दिन सभी राज कार्य अर्थात संपूर्ण देश में अवकाश रखा जाता है और इस दिन को राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारत में जितने भी पंचायती स्तर से लेकर केंद्रीय स्तर तक के सरकारी विभाग है सभी में ध्वजारोहण किया जाता है। और राष्ट्रगान गाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस – स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी तथा लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस का भव्य समारोह आयोजित किया जाता है। अधिकांश तौर पर शिक्षा क्षेत्र 15 अगस्त को विशेष पर्व के रूप में तथा भव्य समारोह आयोजित कर मनाते हैं। ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के बाद अतिथियों द्वारा तथा कॉलेज यूनिवर्सिटी और स्कूल के मुखिया स्टूडेंट्स को संबोधित करते हैं। तथा उन्हें स्वतंत्र दिवस पर देश के प्रति देशभक्ति को बढ़ाने के संबंधी भाषण देते हैं। भारत के प्रधानमंत्री द्वारा संपूर्ण देश को संबोधित किया जाता है और नए संकल्पों तथा अपनी एकता अखंडता संप्रभुता को बनाए रखने के लिए आवश्यक नियम बनाए जाते हैं। आवश्यक योजनाओं का शुभारंभ किया जाता है। 15 अगस्त के दिन भारत संपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं को याद करता हुआ नया परिचम लहराता है।