Surya Sankranti 2023 | सूर्य संक्रांति 2023 कब है , महत्व, पूजा अर्चना विधि एवं लाभ

सूर्य संक्रांति 2023 कब है – Surya Sankranti 2023 Kab Hai 

सूर्य संक्रांति 2023  – भारतवर्ष में सूर्य देव की बड़ी महिमा है और सूर्य देव की स्थिति से ही सभी पर्व और त्योहार सुनिश्चित होते हैं। सूर्य देव की संपूर्ण भारत वर्ष में पूजा अर्चना की जाती है। जब सूर्य दूसरी राशियों में प्रवेश करते हैं उस सहयोग को संक्रांति कहा जाता है। इसी श्रेणी में जब सूर्य कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेंगे उस सहयोग को “सूर्य संक्रांति” कहा जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पूरे वर्ष में प्रायः कुल 12 संक्रान्तियाँ होती हैं और प्रत्येक संक्रांति का अपना अलग महत्व होता है। शास्त्रों में संक्रांति की तिथि एवं समय को बहुत महत्व दिया गया है। वर्ष 2023 में सिंह सक्रांति गुरुवार 17 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन घी का सेवन करना और सूर्य देव भगवान विष्णु तथा नरसिंह भगवान की पूजा अर्चना करना अतिशय श्रेष्ठ फलों का कारक बताया गया है।

सूर्य संक्रांति 2023  – आइए जानते हैं सूर्य सक्रांति क्यों मनाई जाती है ? तथा इसका महत्व क्या है? संपूर्ण विवरण जानने के लिए आप विधिवत इस लेख को ध्यानप पूर्वक पढ़ते रहिए।

 

 सूर्य संक्रांति 2023 का महत्व – Surya Sankranti 2023 Ka Mahatva 

सूर्य संक्रांति 2023 – गुरुवार 17 अगस्त 2023 को जब सूर्य कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेंगे उस दिन को सूर्य संक्रांति होगी। दक्षिण भारत में यह संयोग सूर्य संकरण के नाम से भी जाना जाता है। जब सूर्य अन्य राशियों में प्रवेश करते हैं तब उन सभी राशियों में परिवर्तन होता है। मुख्य तौर पर पृथ्वी पर जलवायु और प्रकृति में बदलाव देखा जाता है और यह बदलाव संपूर्ण जीव सृष्टि के लिए आवश्यक होता है।

सूर्य संक्रांति 2023  – इसीलिए सूर्य देव प्रत्येक माह अर्थात वर्ष में 12 राशियों में प्रवेश करते हैं। इसके पीछे का कारण यही है कि यह सृष्टि के लिए अति आवश्यक होता है।

सूर्य संक्रांति 2023  –  सूर्य संक्रांति के दिन घी खाने का बड़ा महत्व बताया गया है। आयुर्वेद में चरक संहिता के अंतर्गत यह वर्णित है कि गाय का शुद्ध देसी घी स्मरण शक्ति, बुद्धि, ऊर्जा, बलवीर्य, ओज बढ़ाता है। गाय का घी वसावर्धक है तथा वात, पित्त, बुखार और विषैले पदार्थों का नाशक है। यहां पर घी से बनी मिठाइयां अभी सेवन की जा सकती है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार कुछ लोग ऐसा भी समझते हैं कि जो इस दिन घी नहीं खाते उन्हें अगले जन्म में  घोंघे के रूप में जन्म लेना पड़ता है।  परंतु यह मान्यता सही है या नहीं इसका कोई शास्त्रार्थ प्रमाण नहीं है हां अगर आप घी खाते हो तो आपको जरूर ताकत मिलेगी इसके लिए कोई प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती।

 

सूर्य देव की पूजा विधि – Surya Dev Ki Puja Vidhi  

सूर्य संक्रांति 2023  – जब कोई धार्मिक अनुष्ठान या धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तब सूर्य देव भगवान को 5 देवों की पूजा में शामिल किया जाता है। जिनमें सर्वप्रथम गणेश जी, विष्णु भगवान, भगवान शिव, देवी दुर्गा तथा भगवान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है और आस्था के साथ पूजा अर्चना करने पर जातक को श्रेष्ठ फलों की प्राप्ति होती है। परंतु यह पूजा अर्चना अनुष्ठान के समय की जाती है। अगर कोई सूर्य देव की अकेले पूजा करना चाहते हैं तो उन्हें नीचे दी गई विधि को फॉलो करना चाहिए।

  •  सर्वप्रथम जातक सवेरे सूर्य उदय होने से पहले उठे और शारीरिक स्वच्छ हो ले।
  •  तत्पश्चात सूर्य देव की प्रतिमा स्थापित करें।
  •  सूर्य देव की पूजा हेतु आवश्यक सामग्री जैसे रोली, कुमकुम, चंदन, तांबे का पात्र, पुष्प, इत्यादि कि व्यवस्था करें।
  •  सूर्य देव का मन से ध्यान करें तथा पूजा अर्चना करें।
  •  भगवान सूर्य देव के मंत्र “ऊँ नमो सूर्याय नम:” का 108 बार जाप करें।
  •  तत्पश्चात भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें, ध्यान रहे जल अर्पित करते समय तांबे का पात्र होना अति से श्रेष्ट बताया गया है।
  • भगवान सूर्य देव से प्रार्थना करें कि वह सुख समृद्धि का वास करें और शारीरिक स्वच्छता को बनाए रखें।
  •  सूर्य देव को जल अर्पित करना इंसान को निरोगी बनाता है।

 

 सूर्य संक्रांति से होने वाले लाभ – Surya Sankranti Se Hone Wale Labh 

सूर्य संक्रांति 2023  – भादो माह में जब सूर्यदेव अपनी राशि परिवर्तन करते हैं अर्थात जब कर्क राशि से निकलकर सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करते हैं उस दिन को विशेष दिन का दर्जा दिया जाता है और इसे सिंह सक्रांति कहा जाता है। सिंह सक्रांति के दिन भगवान सूर्य विष्णु भगवान और नरसिंह भगवान की पूजा अर्चना की जाती है। बताया जाता है कि इस दिन सूर्य की पूजा अर्चना करना इंसान को निरोगी बनाता है।  साथ ही जब सूर्य अपनी राशियां परिवर्तित करता है उस समय को गोचर कहा जाता है। आप ऐसे समझिए कि जब सूर्य एक राशि से दूर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस समय को गोचर कहा जाता है। सूर्य के राशि में प्रवेश करने से कुछ राशियों को फायदे होते हैं तथा कुछ राशियों के लिए दुष्प्रभाव भी देखे गए हैं। आज हम बात कर रहे हैं सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश करने संबंधी फायदों  के बारे में।

सूर्य संक्रांति 2023  – जब सूर्य देव सिंह राशि में प्रवेश करते हैं तो जलवायु परिवर्तन होता है और पृथ्वी पर फसलें, जीवन की उत्पत्ति अति आवश्यक जीव पोषक तत्वों का निर्माण होता है। इसलिए सूर्य अपनी स्थिति से दूसरी स्थिति में प्रवेश करते हैं उसे हम राशि परिवर्तन भी कह सकते हैं।

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