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Holi Festival 2024 | होली उत्सव क्यों मनाया जाता है और जानियें होली के त्यौहार के बारे में संक्षेप में
May 8, 2023

Holi Festival 2024 | होली उत्सव क्यों मनाया जाता है और जानियें होली के त्यौहार के बारे में संक्षेप में

आइए आज होली के त्यौहार के बारे में संक्षेप में जानते हैं कि किन-किन  कारणों और उद्देश्यों से इस उत्सव को मनाया जाता है?

 

होली उत्सव – होली वसंत ऋतु के समय पर पूरे भारतवर्ष में मनाए जाने वाला त्योहार है। भारत के साथ साथ नेपाल में भी इस पर्व को बहुत बड़े स्तर पर मनाया जाता है। होली के पर्व को धुलेंडी और धूलिवंदन के नाम से भी जाना जाता है। फाल्गुन माह में आने वाली पूर्णिमा का दिन बहुत पवित्र माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह दिन ही होली का दिन होता है। इस लोग पुरानी बातों को भूलकर एक दूसरे को रंग लगा कर आपसी रिश्तों को मजबूत बनाते है। होली का त्योहार दो दिनों तक मनाया जाता है। प्रथम दिन को होलिका दहन का त्यौहार माना गया है।

 

होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? – Holi Festvial – होली उत्सव

 

इस वर्ष होली का त्यौहार 25 मार्च को बनाया जाएगा 

 

होली उत्सव – दो दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार को कई कारणों से मनाया जाता है और भारत में इस त्यौहार से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। प्रचलित कथाओं के आधार पर इस रंग महोत्सव को मनाया जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इसे कई तरह से मनाया जाता है। जिसमें रंगों की जगह फूलों का प्रयोग किया जाता है और कुछ स्थानों पर इसे दो दिनों से अधिक समय तक मनाया जाता है। जिसमे होलिका दहन से पिछले दिन रंगों से भरी थाली को सजाया जाता है, उसके बाद परिवार का सबसे बड़ा सदस्य सभी को रंग लगाता है। इससे अगला दिन होलिका दहन का दिन होता है।

होली उत्सव – होला शब्द से ही होली उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है नवीन फसलों की रक्षा हेतु प्रभु का किया गया पूजन। इस त्यौहार को निम्नलिखित उद्देश्यों और कारणों से मनाया जाता है।

  1. होली उत्सव – महिलाओं द्वारा सुख शांति और संतान प्राप्ति की कामना से यह दिन मनाया जाता है। इस दिन की पूजा का बहुत महत्व होता है और शीघ्र ही समृद्धि प्राप्त होती है। 
  2. खुशियों के इस त्यौहार को पूरे भारतवर्ष में सभी द्वारा मिलजुलकर मनाया जाता है। माना जाता है यह त्योहार भेदभाव को कम करता है, जिससे लोगों में एकता बढ़ती है। देश को एकजुट करने के लिए होली के पर्व को मनाया जाता है। 
  3. पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व को वसंत ऋतु का आगमन मानकर मनाया जाता है। होली के बाद से ही ठंड कम हो जाती है और गर्मी का मौसम निकट आने लगता है। होली को मनाकर इस मौसम का स्वागत किया जाता है। 
  4. होली उत्सव – किसान इस दिन अच्छी फसल की इच्छा से होली की पूजा करके इस पर्व को मनाते है। इसलिए इसे वसंत या काम महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। होली के पास रवि फसलों की कटाई  की जाती है और खरीफ फसलों को बीजने का समय समीप आ जाता है। लोग इस दिन के बाद से ही फसल सम्बंधित तैयारियां करना आरम्भ कर देते हैं।

  5. होली उत्सव – हिन्दू धर्म में प्रचलित कथा जिसमें श्री हरि के परम भक्त प्रह्लाद थे। उन्होंने कई कष्टों और समस्याओं का सामना किया था, लेकिन अपनी भक्ति को कभी नहीं छोड़ा। प्रह्लाद जी को और उनकी आस्था को यह दिन समर्पित होता है। कई स्थानों में इस कारण से यह दिन मनाया जाता है। 
  6. होली का त्यौहार काफी प्राचीन समय से चलता आ रहा है। लेकिन माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण जी ने होली के पर्व पर रंगों का प्रयोग किया था। वह पूरे वृंदावन और मथुरा में सखियों और अपने प्रिय मित्रों के साथ मिलजुल कर सभी के साथ होली खेलते थे। इसलिए इस दिवस पर श्री कृष्ण जी की मूर्तियों पर रंग लगाकर पूजा जाता है। वृन्दावन में इस उत्सव को श्री कृष्ण जी को समर्पित मानकर पूरे सात दिनों तक मनाया जाता है। इसमें रंगों की जगह फूलों का प्रयोग किया जाता है। सात दिनों में पहले फूल, गुलाल, सूखे रंग और गीले रंग आदि का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण द्वारा मनाए जाने की वजह से इस  उत्सव को मनाया जाता है।

 

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