चाणक्य नीति की बातें
आइये दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे है चाणक्य नीति की कुछ खास और मुख्य बाते जो आपके जीवन को सफल बनाने में आपकी मदद करेंगी। और उन बातो को अपने जीवन में उतारने से आपका जीवन परिवर्तन भी जरूर होगा।
चाणक्य नीति की बातें – चाणक्य बहुत विद्वान पंडित माने जाते थें। चाणक्य को अपनी तीक्ष्ण बुद्धि के कारण भी जाना जाता है। वे अपने बुद्धि चातुर्यता के कारण किसी भी परिस्थिति को भांप कर उसके संबंध में उपयोगी नीतियां बताया करते थें। जो की उस समय में तो बहुत सटीक थी लेकिन आज के समय में भी प्रासंगिक है। बहुत वर्ष पूर्व में लिखी हुई बातें जो आज भी सार्थक ही सिद्ध होती हैं।
चाणक्य नीति की बातें – चाणक्य एक ऐसे विद्द्वान थे जिनको राजनीती से लेकर समाज के हर वर्ग का बहुत ज्यादा अनुभव था। इसी के आधार पर वे अपनी नीतियों को साझा करते थें। साथ ही वे मानव जीव में, मित्र, जीवन साथी, शत्रु, पड़ोसी, धन, माता-पिता आदि पर आधारित नीतियों की सभी से साझा कर चुके हैं। जो आज भी निजी जीवन में प्रयोग में लाई जाती है। तो आज हम बात करेंगे चाणक्य की नीति की वो 10 बातें जो आपके जीवन को सफल बनाने में आपकी मदद करेंगी।
चाणक्य नीति की बातें – क्रोध करना मनुष्य के जीवन को नकारात्मकता की ओर ले जाता है। क्रोध करने से आपके बनते काम बिगड़ जाते है और साथ ही अपनों से सबंध में कड़वाहट भी ला सकते हैं। अगर आपको क्रोध अधिक आता है तो आप कभी कोई बड़ी मुश्किल में भी पड़ सकते हैं। ऐसा होने पर ही आपका किसी के साथ भी अनावश्यक विवाद हो जाता है। जो आपके जीवन में दुःख का कारण भी बन सकता है। क्रोध करने से आपके शरीर पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। क्रोध आने के अनेक से कारण भी हो सकते हैं। पर मुख्य रूप से क्रोध का मुख्य कारण यह होता है कि जब कोई भी आपके मन के विपरीत कोई कार्य होता है। तो क्रोध अपनेआप आजाता है। कभी-कभी कोई व्यक्ति बिना वजह आपको परेशान करता है या आपके कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा डालता है तब भी क्रोध आता है। ऐसी ही विकट परिस्थितियों में व्यक्ति को अपने क्रोध पर संयम रखना चाहिए और शांत मन एवं मष्तिष्क से निर्णय लेना चाहिए।
चाणक्य नीति की बातें – चाणक्य का ऐसा कहना है। कि अनुशासन मानव जीवन को सरल और सफल भी बनाता है। अगर आपके जीवन में अनुशासन या कोई नियम नहीं है। तो आप कभी सफल नहीं हो पाएंगे।अनुशासन इसलिए जरुरी है क्योंकि जब आप अनुशासन या नियम में रहते हैं तो आपकी एक अलग ही छवि निखर कर सामने आती है। जो अन्य व्यक्तियों को बहुत ही ज्यादा प्रभावित करती है इसके साथ ही समय के महत्वता को समझने में अनुशासन का बहुत बड़ा योगदान होता है। मानव जीवन को अनुशासन के साथ जीने में कभी भी कठिनाई नहीं होती और जीवन सरलता से व्यतीत हो जाता है। आपको केवल अपने मन को ही शांत रखना होता है और किसी भी परिस्थिति में अपने इस संकल्प को कभी भी नहीं भूलना चाहिए।
चाणक्य नीति की बातें – आपके जीवन को बर्बाद करने में आलस का बहुत बड़ा योगदान होता है। अगर आप समय पर अपने कार्य को पूर्ण नहीं करेंगे तो आप अनायास ही समस्याओं से घिर जाएंगे।आलस को त्यागना आपके लिए बहुत जरूरी होता है वरना आपके साथी (मित्र) ही आपका साथ छोड़ कर चले जायेंगे। आलस करने से शरीर भी धीरे धीरे नष्ट होने लग जाता है एक बार यदि समय गुज़र जाता है तो पुनः लौटकर कभी नहीं आता है। इसीलिए आलस करे बिना ही अपने कार्य को समय पर पूर्ण कर लेना चाहिए।
चाणक्य नीति की बातें – अगर आप किसी को भी धोखा देते हैं। तो आपकी छवि पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसा करने पर कोई भी आप पर विश्वास नहीं कर पायेगा। इससे आपके व्यापार नकारात्मक असर पड़ता है। जिसके कारण आपके निजी जीवन पर भी प्रभाव नकारात्मक ही पड़ता है। जीवन को सफल बनने के लिए लोगो का विश्वास जीतना बहुत ही जरुरी होता है। इसीलिए जीवन में कभी भी किसी भी व्यक्ति को धोखा नहीं देना चाहिए।
चाणक्य नीति की बातें – अहंकार हमारे जीवन को एक गहरी खाई में धकेलने का कार्य करता है। जहां केवल अंधेरा ही होता है। अर्थात अगर आप अपने जीवन में अहंकार करते हैं। तो आपके साथ कोई भी रहना पसंद नहीं करेगा। फिर आप अपनेआप को हमेशा अकेला ही महसूस करेंगे। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि रावण को अपनी शक्तियों का बड़ा अहंकार था जिसकी वजह से उसका अंत हो गया था। चाहे व्यक्ति के पास धन हो, बुद्धि हो, या समाज में नाम हो तो उसका अहंकार करने से ये सभी नष्ट हो जाते हैं। ऐसा करने वाले इंसान की घर में समाज में कोई अहमियत नहीं रहती है। इसीलिए व्यक्ति को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए। हमशा साधारण जीवन ही जीना चाहिए।
चाणक्य नीति की बातें – लोभ एवं लालच व्यक्ति जीवन में असंतुलन को पैदा करता है। जिससे कि आप हमेशा परेशान ही रहेंगे सुख की प्राप्ति नहीं कर पाएंगे । इसीलिए कभी भी हमे लोभ नहीं करना चाहिए जितना मिल रहा है उसमे ही संतुष्ट रहना चाहिए। ऐसा बिलकुल भी नहीं है की आपको आगे बढ़ने की चाह को छोड़ कर स्थिरता को अपना लेना चाहिए। लोभ ना करने का यहाँ अर्थ है कि अगर चीज़ें परिपूर्ण हैं तो उनकी अधिक इच्छा करना व्यर्थ है।
चाणक्य नीति की बातें – आपके जीवन में शिक्षा का होना बहुत ही जरुरी है इससे आप बुद्धिमान व्यक्ति बनते हैं। शिक्षित होने से आप विषम/अविषम परिस्थितियों में भी निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। यदि आप शिक्षित हैं तो आपको समस्याओ से निकलने में आसानी रहती है। साथ ही समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है। हमे अपने जीवन में शिक्षा को बड़ा महत्व देना चाहिए। हमे इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अपने घर के साथ-साथ समाज को भी शिक्षित बनाये ।
चाणक्य नीति की बातें – चाणक्य का ऐसा मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को दुसरे व्यक्ति की गलती की से भी कुछ न कुछ सीखना चाहिए ताकि वो गलती हम ना करें सकें। और उससे होने वाले नुकसान से हम बच सकें। इस संसार में बहुत से ऐसे लोग हैं जो की दूसरे लोगों की गलतियों से होने वाली हानि को नज़रअंदाज़ कर देते हैं परन्तु हमे ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योकि ऐसा करने से नुक्सान हमे ही होता है। और बार बार गलतिया करने से हमारे समाज में भी हमारे प्रति लोगो का विचार भी नकारात्मक ही होता है।
चाणक्य नीति की बातें – चाणक्य का ऐसा मानना है की आपके मित्र अच्छे और उच्च विचारों वाले होने चाहिए। क्योंकि दोस्तों की बुरी आदतों और बुरे अनुभवों का असर भी हमारे निजी जीवन पर भी पड़ता है। मित्र तो हम चुनते हैं इसलिए शुरुआत में ही मित्र को परख लेना चाहिए। यदि आपके मित्र गलत गतिविधियों में रूचि रखते हो तो आपको तुरंत उनका साथ छोड़ देना चाहिए। मित्र हमेशा सोच समझ कर ही बनाना चाहिए। इसीलिए ऐसा कहा जाता है की संगती का असर हमारे जीवन पर जरूर पड़ता है। इसी कारण आप मित्र हमेशा कुशल व्यवहार वाले और सकारात्मक सोच वाले ही बनाएं।
चाणक्य नीति की बातें – आप अपनी क्षमता का सही तरीके से आंकलन करें। तभी आप अपने जीवन में सफलता को हासिल कर पाएंगे। अपनी कमियो एवं खूबियों के बार में जानकारी सबसे पहले स्वयं को ही होनी चाहिए। ऐसा करने से हमे लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी हो जाती है। इस संसार में हर किसी व्यक्ति की अलग-अलग क्षमता होती है। तो उसी के आधार पर हम हमारे जीवन में आगे बढ़ते हैं। और अपने लक्ष्यों को बड़ी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। अपनी क्षमता का स्वंम आकलन करने से आपको यह पता चल जाता है कि आपको कहां-कहां पर और सुधार करने की आवश्यकता है।
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