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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114Masik shivratri – हममरे हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में हर महीने ये मासिक शिवरात्रि आती है,और यह मासिक शिवरात्रि पूर्ण रूप से भगवान् श्री शिव को समर्पित है। इस दिन भगवन शिव की पूजा की जाती है। यह मासिक शिवरात्रि की पूजा करने का प्रचलन कुंवारी लड़कियों में ज्यादा है। क्योकि ऐसा माना जाता है की इस व्रत को निरन्तर करने से भगवान् शिव के आशीर्वाद से सुयोग्य वर (पति) की प्राप्ति होती है ,
Masik shivratri – हिन्दू धर्म में इस मासिक शिवरात्रि का और महाशिवरात्रि का विशेष महत्व दिया जाता है। हिन्दू संस्कर्ति की मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि पर्व मानाय जाता है। मासिक शिवरात्रि वर्ष के प्रत्येक माह में और महाशिवरात्रि पर्व वर्ष में केवल एक बार ही मनाते है। मासिक शिवरात्रि का पर्व न केवल भक्त को अपनी इंद्रियों को नियंत्रित (काबू) रखने में सहायक है, बल्कि भक्त को क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान (घमंड) व लालच जैसी बुरी भावनाओं को रोकने में भी सहायता करता है। यह मासिक शिवरात्रि पर्व हर माह मनाई जाती है।वैसे तो सभी भक्त साल में एक बार मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि को बहुत ही महत्वपूर्ण मानते है,परन्तु इसके अलावा भी वर्ष में कई शिवरात्रियाँ होती हैं जिन्हें प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की तिथि को भी मनाते हैं।
Masik shivratri – हिन्दू पंचांग की मान्यता के अनुसार माघ माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। परन्तु पूर्णिमांत पंचांग की मान्यता के अनुसार फाल्गुन माह की मासिक शिवरात्रि को ही महाशिवरात्रि की मान्यता दी गई है। हिन्दू धर्म के अंदर इस मासिक शिवरात्रि का एक अलग ही महत्व है। जहाँ शिव के भक्त (उपासक) वर्ष में एक बार बहुत ही धूमधाम से महाशिवरात्रि पर्व को मनाते हैं साथ ही भोलेनाथ (भगवान् शिव) की आराधना में प्रत्येक माह में एक मासिक शिवरात्रि पर्व मनाने की परंपरा भी हैं। शिवरात्रि हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों/पर्वो में से एक है जिसे न केवल 1 या 2 क्षेत्र के लोग ही नहीं इस पर्व को मनाते हैं बल्कि पूरे भारत देश भर में बड़े ही हर्सोल्लास से मनाया जाता है।
Masik shivratri – शिवरात्रि के व्रत की महिमा और इस व्रत का प्रभाव से तो सभी भक्त भली-भांति जानते हैं, परन्तु हर महीने आने वाली इस मासिक शिवरात्रि का व्रत भी बहुत ही प्रभावशाली होता है। ऐसी मान्यता है की कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास करने से और भगवान शिव की सच्चे ह्रदय से पूजा-अर्चना करने से भक्तो की सभी प्रकार की मनोमनाएं पूर्ण होती हैं।
Masik shivratri – इस मासिक शिवरात्रि व्रत को करने से हर जटिल कार्य भी बहुत ही आसान हो जाता है और शिव भक्त की सारी समस्याएं,परेशानियां पल भर में ही दूर हो जाती हैं।इस मासिक शिवरात्रि के दिन की महिमा और प्रभाव के बारे में यह भी माना जाता है कि वो कन्याएं जो मनोवांछित वर (पति) पाना चाहती हैं तो इस व्रत को या उपवास को करने के बाद उन्हें उनकी ही इच्छा अनुसार वर (पति) मिलता है और उनके विवाह में आ रही अड़चने अपने आप ही दूर हो जाती हैं। शिव पुराण की कथाओ की मान्यताओं के अनुसार जो भी भक्त सच्चे मन से इस व्रत/उपवास को करता है उसकी सारी मनोइच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं।
तिथि | वर्ष | दिनांक | दिन / वार |
माघ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 20 जनवरी | शुक्रवार |
फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 18 फरवरी | शनिवार |
चैत्र कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 20 मार्च | सोमवार |
वैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 18 अप्रैल | मंगलवार |
जेष्ठ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 17 मई | बुधवार |
अषाढ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 16 जून | शुक्रवार |
श्रवण कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 15 जुलाई | शनिवार |
श्रवण कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 14 अगस्त | सोमवार |
भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 13 सितम्बर | बुधवार |
अश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 13 अक्टूबर | शुक्रवार |
कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 12 नवंबर | रविवार |
मार्गशीष कृष्ण पक्ष चतुर्दशी | 2023 | 11 दिसम्बर | सोमवार |
Masik shivratri – इस बात का सदैव ध्यान रखें कि व्रत और उसका उद्यापन विधि विधान से किया जाना ही उचित होता है। शिवरात्रि की पूजन समय मध्य रात्रि के समय ही श्रेष्ठ होता है। भगवान् शिव की पूजा रात को 12 बजे के बाद करें और पूजाकरते समय हनुमान चालीसा का पाठ भी करें। ऐसा करने से उपासक की आर्थिक परेशानी भी नष्ट हो जाती हैं। यदि कोई भी सच्चे मन और पूरी भक्ति भाव से भगवान की पूजा करता है और उनका स्मरण करता है। उस भक्त को मनोवांछित फल अवश्य प्राप्त होता है। Masik shivratri – इस मासिक शिवरात्रि के दिन सफेद वस्तुओं का दान करने की सबसे अधिक परंपरा है,जिससे घर में कभी भी धन की कमी या हानि नहीं होती है।ऐसा माना जाता है की मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पार्वती की पूजा भक्तो को हर तरह के कर्जों से मुक्ति प्रदान करता है।
Masik shivratri – जिस तरह से हर व्रत/उपवास के पीछे कोई न कोई पौराणिक कथा होती है ठीक वैसे ही मासिक शिवरात्रि करने की भी एक कथा है। आइये आपको बताते हैं मासिक शिवरात्रि व्रत कथा के बारे में–
Masik shivratri – पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथोंकी मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि के समय शिव लिंग के रूप धारण करके प्रकट हुए थे। उसके बाद सर्व प्रथम भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने उनकी पूजा-अर्चना की थी। उस दिन से लेकर आज तक इस पवित्र और आनंदित दिन को भगवान शिव जन्म दिवस के रूप में बड़े ही हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है।
Masik shivratri – इस मासिक शिवरात्रि दिन शिव पूजन को खास महत्व दिया जाता है। हमारे से पुराणों में भी शिवरात्रि व्रत/उपवास के बारे में हमे बताया गया है। शास्त्रों की मान्यता के अनुसार मनुष्य को अपने जीवन के उद्धार के लिए माता लक्ष्मीं, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती तथा रति जैसी बहुत-सी देवियों और महान रानियों ने भी इस महान शिवरात्रि का व्रत सच्चे मन्न से किया था।मासिक शिवरात्रि मनुष्य के जीवन में सुख और शांति प्रदान करने में अपना योगदान देता है और भगवान शिव की कृपा दृष्टि से शिव भक्तो के सारे बिगड़े काम बन जाते है।जीवन के सारे कष्ट दूर भी हो जाते है। यह मासिक शिवरात्रि का व्रत संतान प्राप्ति हेतु , रोगों से मुक्ति पाने हेतु भी किया जाता है।