नवरत्नों का महत्व और कार्य का वर्णन तो पुराणों में भी किया गया है। जैसा की हम सब जानते है की सर्वश्रेस्ट भाषा संस्कृत है और नवरत्न शब्द संस्कृत से आया है इसका अर्थ नो रत्नो से है। गृह नक्षत्र के अनुसार प्रत्येक रत्न का एक अपना ही महत्व है नवगृह के अनुसार नवरत्नों को धारण किया जाता है। नवरत्नों के 9 नाम इस प्रकार है मानक , मोती , पन्ना , मूंगा ,पुखराज , हीरा , नीलम , गोमेद , वैदूर्य।
रत्नो को ग्रहण करने के लिए कोई धर्म आड़े नहीं आते हिन्दू,मुस्लिम,सिख और सभी धर्मो के लोग इन्हे धारण कर सकते है। रत्नो का प्रभाव सीधा आपकी राशि पर और दैनिक कार्यो पर पड़ता है। पृथ्वी पर जीवित सभी जीवो पर नवग्रहों का प्रभाव पड़ता है इन ग्रहो के प्रभावों से बचने के लिए इनको धारण किया जाता है जो राशि के अनुसार पहने जाते है।
इन रत्नो का प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों होता है निर्भर करता है की विधि पूर्वक और सही राशि रत्न धारण किया है या नहीं। हिन्दू मान्यता के अनुसार रत्न को हमेशा ज्योतिष परामर्श के बाद में धारण करना चाहिए।नवरत्न जड़ित आभूषणों का सभी धर्मो में बहुत ही भहत्व है।
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