[wpdreams_ajaxsearchlite]
  • Home ›  
  • Savan Somvar 2023 | सावन सोमवार 2023 | सावन पहला सोमवार कब है , महत्व एवं व्रत विधि

Savan Somvar 2023 | सावन सोमवार 2023 | सावन पहला सोमवार कब है , महत्व एवं व्रत विधि

savan somvar
October 31, 2022

सावन का महीना कब से शुरू है – Savan Ka Mahina Kab Se Shuru Hai 

Savan Somvar – नमस्कार दोस्तों जैसा कि हम सब जानते हैं 12 महीनों में 1 महीना सावन मास का होता है।  सावन महीना आरंभ होने वाला है हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीना 4  जुलाई 2023 को प्रारंभ हो जाएगा सावन का  पहला सोमवार तारीख 10 जुलाई 2023 को है। इस वर्ष सावन सोमवार 2023 का बहुत शुभ योग बन रहा है। Savan Somvar – हिंदू मान्यता के अनुसार आषाढ़ का महीना समाप्त होने के बाद सावन का महीना प्रारंभ हो जाता है। क्षेत्रीय भाषा के अनुसार श्रावण के महीने को ही सावन का महीना कहा जाता है। शास्त्र के अनुसार आषाढ़ का महीना चौथा महीना होता है और सावन का महीना पांचवा महीना माना जाता है। दान धर्म भक्ति एवं किसी भी प्रकार के उत्तम कार्य के लिए सावन महीना सर्वोत्तम माना गया है।  

सावन सोमवार 2023 का महत्व – Savan Somvar 2023 Ka Mahatva 

कहां जाता है कि सावन महीने में हिंदू धर्म में सभी व्रत रखते हैं क्योंकि मान्यता यह है कि भगवान शिव सावन में मनमोहित रहते हैं और महादेव के भक्त नीलकंठ को खुश करने के लिए हर संभव प्रयास करते है।  सावन में भगवान शिव के 108 नाम का जाप करना बहुत परोपकारी है। 

 

सावन सोमवार 2023 में कब-कब आएगा – Savan ka Somve 2023 Me Kab-Kab Ayega 

Savan Somvar – जैसा की  हम सब जानते हैं महादेव और पार्वती को समर्पित यह महीना बहुत ही उत्तम महीना होता है इस प्रकार से सावन माह में मेघा बरसती है उसी प्रकार महादेव का आशीर्वाद उनके भक्तों पर पड़ता है।  सावन माह में हिंदू धर्म के अनुसार बहुत से त्यौहार और व्रत आते हैं परंतु सावन के सोमवार का व्रत अपने आप में एक महत्व रखता हैSavan Somvar –  जैसा कि हम सब जानते हैं कावड़ यात्रा का प्रारंभ और समाप्ति इसी महीने होती है। 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन साक्षात महादेव के दर्शन के समान होते हैं। महादेव के भक्त कांवड़िया  लेकर भगवान शिव पर जलाभिषेक करते हैं और सदैव सुख की मनोकामना करते हैं।

 

Savan Somvar – ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे और इस दिन आयुष्मान योग संपूर्णता बनेगा।  जैसा कि हम सब जानते हैं सावन माह में चार सोमवार आते हैं प्रत्येक सोमवार का अपने आप में एक अनोखा ही योग बन रहा है वर्ष 2023 में सावन माह उत्साह और उन्नति की दिशा दिखाते हुए शुभ रहेगा।  

 

जानिए क्यों रखा जाता है  सावन में सोमवार का व्रत

 

Savan Somvar –  जैसा कि हिंदू धर्म में मान्यता है प्रत्येक पल एवं प्रत्येक दिन ईश्वर का होता है परंतु सावन माह में भगवान शिव की आराधना करना अपने आप में एक महान उपलब्धि है। सावन भगवान शिव का महीना माना जाता है खासतौर पर सोमवार के दिन महादेव की आराधना करना लाभदायक और उन्नति के लिए माना जाता है। भोले के भक्तों की परीक्षा तो हम सब ने देखी है लेकिन जीवन की भागदौड़ और व्यस्तता के कारण संपूर्ण सावन व्रत रखना सभी के लिए संभव नहीं है इसलिए सावन के सोमवार के दिन भगवान शिव के भक्त व्रत रखते हैं।  और भगवान शिव के भजन करते है।  

 

Savan Somvar – सावन के सोमवार के दिन व्रत रखने की बहुत सी मान्यता है जैसे कि कुंवारी लड़कियों को साक्षात महादेव जैसे जीवनसाथी की आशा होती है। अगर कुंवारी लड़कियां महादेव की आराधना करें तो उन्हें एक अच्छे वर की प्राप्ति होती है।  और वही शादीशुदा लोगों की जीवन में कभी वैवाहिक परेशानियां नहीं आती और अध्ययन कर रहे लड़की और लड़कों को महादेव की आराधना करने से साक्षात सरस्वती प्राप्त होती है।  कहा जाता हैSavan Somvar –  कि महाकाल अकाल मृत्यु और दुर्घटना से सदैव अपने भक्तों को बचाते हैं।  और जिस भी प्राणी के शरीर में किसी भी प्रकार के लोग हैं और वह उन रोगों से मुक्ति पाना चाहता है तो सावन माह के सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना करने से उनके सभी  रोग दूर होते हैं।  

सावन के सोमवार के दिन कैसे करें महादेव की पूजा – Savan Ke Somvar Ke Din Kaise Karen Mahadev Ki Puja  

 

Savan Somvar – सर्वप्रथम हम आपको यह बताना चाहते हैं ईश्वर भाव का भूखा है ना कि दिखावे का।  प्राचीन काल में महादेव के एक भक्त ने भगवान शिव को मांस का भेंट चढ़ा दिया था और मुँह में पानी भरकर महादेव को अर्पित किया था।  परंतु उसके मन में एक सच्ची भावना थी। Savan Somvar –  इस कारण से भोले भंडारी ने उन्हें वरदान भी दिया,  यहां कहने का तात्पर्य है की पूजा विधि अपने विवेक और इच्छा से होनी चाहिए  परंतु हिंदू धर्म में कुछ मान्यता है और कुछ शास्त्र में लिखी हुई मान्यता है जो हम आपको बताने जा रहे हैं।  

 

Savan Somvar – सर्वप्रथम सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करना चाहिए।  उसके बाद आपको पूजन सामग्री एकत्रित करनी चाहिए पूजन सामग्री में जलाभिषेक के लिए एक लोटा जल,  महादेव को चंदन बहुत प्रिय है इस कारणवश चंदन ,और माता पार्वती को सिंदूर अर्पित करें भगवान के चरणों के लिए शुद्ध एवं ताजा फूल,  धतूरा , बेलपत्र,  कच्चा दूध एवं फल जरूर रखें। Savan Somvar –  एवं माता  पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करें।  स्वयं की इच्छा अनुसार प्रसाद रखें, एक दीपक रखें,  धूपबत्ती का उपयोग करें,  और शांति प्रिय भाव से भगवान शिव की आराधना करें।   शिवलिंग के सामने बैठकर विधि पूर्वक संपूर्ण पूजा करें एवं “ओम नमः शिवाय” इस मंत्र को कम से कम 108 बार जप करें। जब समाप्त होने के बाद शिव चालीसा को पढ़ें और भगवान शिव की आरती का विवरण करें।  

 

सावन 2023 का पहला और अंतिम सोमवार कब है – Savan 2023 Ka Pahala Or Antim Somvar Kab Hai

 

Savan Somvar –  हिंदू मान्यता के अनुसार सावन माह के सोमवार का महत्व साक्षात एक त्यौहार के समान है।  सावन का पहला सोमवार  इस वर्ष 10 जुलाई 2023 को है,  दूसरा सोमवार व्रत 17 जुलाई 2023 को है,  तीसरा सोमवार व्रत 24 अगस्त 2023 को है,  एवं चौथा और अंतिम सावन का सोमवार व्रत 31 जुलाई 2023 को है। 

 

सावन के सोमवार के व्रत का क्या महत्व है – Savan Ke Somvar Ke Vrat Ka ya Mahatva Hai

 

Savan Somvar – हिंदू धर्म में सभी व्रत कथाएं एवं मुहूर्त के पीछे एक तथ्य है जैसा कि हम सब जानते हैं कि सावन माह में भगवान शिव की आराधना करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। और मनोकामनाएं पूरी होती हैं सावन के सोमवार का व्रत सभी के लिए अलग-अलग महत्व रखता है

 

 कुंवारी कन्याओं के लिए सावन का व्रत – Kunvari Kanyao Ke liye Savan Ka Vrat

 

Savan Somvar –  कहा जाता है कि भगवान शिव और पार्वती दोनों सावन माह में प्रफुल्लित रहते हैं इस कारणवश अगर कुंवारी कन्या भगवान शिव की आराधना करें और जल अर्पित करें तो उनके जीवन में साक्षात शिव रूपी वर की प्राप्ति होती है और उनका वैवाहिक जीवन सदैव सकुशल व्यतीत होता है

 

 विद्यार्थियों के लिए :-

 

 अगर आप एक विध्यार्थी हैं तो प्रातः स्नान करके भगवान शिव की आराधना करें और “ओम नमः शिवाय” का जाप करें सावन के सोमवार का व्रत एक विध्यार्थी के लिए प्रगति की राह पर ले जाने का मार्ग है। 

 

 शादीशुदा दंपतियों के लिए:-

 

Savan Somvar – अगर आप  वैवाहिक हैं और आपका जीवन से कुशल व्यतीत नहीं हो पा रहा है तो आप सावन के चार सोमवार पति पत्नी दोनों ईश्वर की आराधना करें।  और एक लोटे में कच्चा दूध भगवान शिव पर चढ़ाएं और विधिपूर्वक पूजा अर्चना करें।  हिंदू मान्यता के अनुसार अगर पति पत्नी दोनों साथ में भगवान शिव की आराधना करते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन सकुशल व्यतीत होता है.

 

सावन व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं खाये – Savan Vrat Me Kya Khayen Or Kya Nahi Khayen

 

कुट्टू का आटा:-

 

सावन के सोमवार के व्रत में कुट्टू के आटे का सेवन करना सही माना गया है विक्की आते से पराठा कचोरी हलवा चपाती एवं पकोड़े अनेक प्रकार के व्यंजन बना सकते हैं

 

 सिंघाड़े का आटा:-

 

 किसी भी व्रत में आप सिंघाड़े का आटे का सेवन कर सकते हैं सिंघाड़े के आटे से आप अनेकों प्रकार के व्यंजन बना सकते हैं जैसे कि परांठे पकोड़े हलवा चुना और बर्फ

 

चोलाई:-

 

 सोमवार के व्रत में जुलाई के दानों से लड्डू बर्फी बना सकते हैं एवं आप दलिया भी बना सकते हैं सोमवार के व्रत में जुलाई का सेवन कदापि गलत नहीं है

 

 साबूदाना:

 

 सभी प्रकार के व्रत में साबूदाना का सेवन बताया गया है साबूदाने से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बना सकते हैं जैसे खिचड़ी की खीर  चिल्ला इत्यादि

 

जानिए सावन के सोमवार के व्रत में  कौन सी सब्जियां खाई जा सकती है

 

सावन के सोमवार के व्रत में आप आलू, सीताफल, कद्दू, अरबी, जिमीकंद, कच्चा, की, लो, टमाटर लौकी मौसमी फल खा सकते हैं

 

सावन के सोमवार के व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए ?

 

Savan Somvar – जैसा कि हम सब जानते हैं की हिंदू धर्म में किसी भी व्रत में सात्विक भोजन को ग्रहण करना बताया गया है इस पावन महीने में सावन के सोमवार के दिन सभी भक्तों को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए एवं किसी भी अनाज वाली वस्तु का सेवन नहीं करना चाहिए लहसुन, प्याज, डालें, चावल, मैदा, सूजी एवं मांस मच्छी का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए

 

सावन व्रत उद्यापन विधि – Sawan Vrat Udhyapan Vidhi

 

:- सावन के अंतिम सोमवार के दिन उद्यापन करना चाहिए इस दिन सफेद वस्त्र पहनने एवं शुद्ध विचार रखें

 

:- शुद्ध विचार रखें हिंदू मान्यता के अनुसार पूजा के लिए एक चौकिया वेदी बनाएं एवं इसे शुद्ध पुष्पों से सजाएं

 

:- क्योंकि कदापि खाली नहीं रहनी चाहिए इसलिए चौकी पर भगवान शिव माता पार्वती पुत्र गणेश एवं कार्तिकेय सेवक नंदी और चंद्र देव की प्रतिमा स्थापित करें।  

 

:- सभी देवताओं को गंगाजल से स्नान कराएं और चंदन का लेप लगाएं।  

 

:- सभी मूर्तियों को पंचामृत से शुद्ध करें।  

 

:- भोलेनाथ की प्रिय धतूरा बेलपत्र कच्चा दूध चढ़ाएं और विधि पूर्वक पूजा अर्चना करें।  

 

:- अपनी हर समस्या के समाधान और मन्नत को पूरा करने के लिए काले तिल डालकर शिवलिंग पर 11 लोटे जल के चढ़ाएं।  

 

:- पूजा के बाद सिर्फ एक समय भोजन करें। 

Latet Updates

x
[contact-form-7 id="270" title="Call Now"]