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सालासर मेला | Salasar Mela 

सालासर मेला
March 29, 2023

सालासर मेला – Salasar Mela 

सालासर मेला

 

आइये दोस्तों आज हम आपको बताएंगे राजस्थान के चूरू जिले में स्तिथ श्री सालासर धाम के बारे में। यहाँ पर भगवान् हनुमान जी का प्रसिद्द भव्य मंदिर है।

सालासर मेला – यहाँ पर प्रत्येक मंगलवार को और शनिवार को भक्तो की भीड़ रहती है। ख़ास तौर पर पूर्णिमा के दिन अधिक भीड़ देहने को मिलती है। इस मंदिर की बहुत सी प्राचीन  मान्यताएं है। ऐसा भी माना जाता है की यदि किसी भी व्यक्ति के ऊपर टोना-टोटका किया हुआ हो या कोई अन्य प्रकार का वशीकरण किया हुआ हो तो उसका असर यहाँ नहीं होता है। ऐसा माना जाता है की यहाँ पर साक्षात बालाजी की कृपा बानी हुई है। यहाँ पर अलौकिक सकारात्मकता का वातावरण बनाहुआ रहता है। 

 

हनुमान जयंती 2023 

इस साल 2023 में सालासर में बालाजी का लक्खी मेला हनुमान जयंती को लगेगा। 

इस साल 2023 में हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2023 को  मनाई जायेगी। 

पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 05 अप्रैल 2023 को सुबह 09:19 बजे होगी। एवं पूर्णिमा की समाप्ति 06 अप्रैल 2023 को सुबह 10:04 बजे होगी। 

 

सालासर मेला – हनुमान जयंती का पर्व हिन्दू सनातन धर्म में भगवान श्री हनमुान जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। ये हनुमान जयंती का त्योहार हिन्दुओ की पौराणिक कथा की मान्यता के अनुसार चैत्र माह में आने वाली पूर्णिमा के दिन भगवान श्री राम की सेवा करने के उद्देश्य से भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र ने माँ अंजना के घर में हनुमान जी के रूप में जन्म लिया था। इसी कारण इस त्योहार को वानरों के देव माने जाने वाले भगवान श्री हनुमान जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाते है। यह पर्व हिन्दूओं का एक विशेष पर्व है। एवं इस को त्योहार सम्पूर्ण भारत देश में मनाया जाता है। और जो भारतीय लोग विदेश में रहते है वो भी इस पर्व को विदेश में धूम धाम से मनाते है। हनमुान जी को भगवान श्री वरूण के रूप में भी जाना जाता है।

सालासर मेला – हनुमान जी, भगववान श्री राम के परम भक्त माने जाते है। और उनकी भक्ति, निष्ठा एवं सेवा का पूर्ण वर्णन ‘‘रामायण’’ में विस्तार से किया गया है। हनुमान जी को बल एवं ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि किसी भी व्यक्ति को भूत-प्रेत या किसी भी प्रकार के टोन-टोटके से मुक्ति चाहिए है। तो वह व्यक्ति हनुामन जी की पूजा-अर्चना करता है।

सालासर मेला – हमारी पौराणिक कथाओं में ऐसा बताया गया है। कि यदि व्यक्ति को शनि को शांत करना हो या शनि को प्रसन्न करना है। तो व्यक्ति को केवल हनुमान जी को ही प्रसन्न करना चाहिए और उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसलिए ऐसा बताया गया है। कि जब भगवान् हनुमान जी ने न्याय के देवता शनिदेव के घमंड को चूर-चूर किया था। तब सूर्यपुत्र शनिदेव ने हनुमानजी को वचन दे दिया था। कि उनकी भक्ति करने वाले भक्तो की राशि में आकर भी वे कभी भी उन्हें पीड़ा नहीं होने देंगे और कभी भी नकारात्मक भाव नहीं प्रकट करेंगे । हनुमान जयंती वाले दिन सभी भक्त हनुमान जी की मूर्ति पर तेल,एवं टीका और सिंदूर चढ़ाते है। बहुत से भक्त इस दिन व्रत भी रखते हैं। ऐसी मान्यता है की हनुमान जयंती वाले दिन जो कोई भी भक्त हनुमानजी की पूजा-अर्चना करता है और हनुमान जी के दर्शन करता है। उसके सभी प्रकार के दुख-दर्द अपने आप ही दूर हो जाते हैं।और वह तनाव से भी मुक्त हो जाता है। भक्त गण प्रातः काल जल्दी उठ कर स्नान आदि से निवृत हो कर ही भगवान हनुमान जी की पूजा व दर्शन के लिए मंदिरों में जाते है। और हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते है और हनुमान जी का असीम आशीर्वाद को प्राप्त करते है। 

हनुमान जी का जन्म कब हुआ – Hanuman Ji Ka Janm Kab Hua

 

सालासर मेला – हमारे ज्योतिष की सटीक गणना को यदि हम माने तो हनुमान जी का जन्म 58 हजार 112 वर्ष पूर्व त्रेता युग के अंतिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन हुआ था। चित्रा नक्षत्र एवं मेष लग्न के योग में प्रातः 6.03 बजे भारत में झारखण्ड राज्य के गुमला जिले में आंजन नामक एक छोटे से पहाड़ी गाँव की एक गुफा में हुआ ।

 

हनुमान चालीसा का पाठ Hanuman Chalisa Ka Paath

 

सालासर मेला – हनुमान चालीसा के पाठ के भी अपने चमत्कार है। प्रत्येक दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर व्यक्ति को हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करना चाहिए। हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने से मन शांत रहता है। जीवन में सकारात्मकता बानी रहती है। और बोली में भी यश रहता है। इस पाठ को करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। और उस व्यक्ति के सभी दुःख संकट मिट जाते है और वह आनंदमय जीवन को जीता है और मरणोपरांत मोक्ष को प्राप्त हो जाता है। 

 

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