[wpdreams_ajaxsearchlite]
  • Home ›  
  • खाटू श्याम जी कौन से देवता है | Khatu Shyam Ji Kon Se Devta Hia 

खाटू श्याम जी कौन से देवता है | Khatu Shyam Ji Kon Se Devta Hia 

Khatu Shyam Ji Kon Se Devta Hai
January 28, 2023

जानिए खाटू श्याम जी कौन से देवता है – Janiye Khatu Shyam Ji KonSe Devta Hai

Khatu Shyam Ji Kon Se Devta Hai

 राजस्थान राज्य के जयपुर जिले के समीप सीकर जिले में स्तिथ खाटू श्याम जी का बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्द मंदिर  है। यहाँ पर हर वर्ष फाल्गुन महा की शुक्ल पक्ष को लक्खी मेला लगता है।  इस बार 2023 में यह मेला 6 मार्च 2023 से प्रारंभ होकर 15 मार्च 2023 तक लगातार (ये नो दिवस तक) चलेगा।  श्याम बाबा के भक्त पुरे राजस्थान या भारत में ही नहीं बल्की पुरी दुनिया में ही मिल जायेंगे। और उन सबको ये पता है  की खाटू श्याम जी कौनसे से देवता है। आइये हम सब जानते है कि कौन है खाटू श्याम जी और क्या है खाटू श्याम बाबा की कहानी।  

आइये जानते की बर्बरीक खाटू श्याम जी कैसे बने 

 Khatu Shyam Ji Kon Se Devta Hai

 खाटू श्याम जी भगवान श्री कृष्ण जी के कलयुगी अवतार माने जाते है। महाभारत की कथा के अनुसार बर्बरीक दूरिया के एक बहुत ही शक्तिसाली धनुर्धन माने जाते थे। ऐसा कहा जाता है। की बर्बरीक महाभारत के युद्ध को अपने तीनो बाणो के सहारे ही ख़त्म कर सकते थे। और उनके बल पर ही वो कोरवो या पांडवो की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे। और इस कथा के अनुसार जब महाभारत का युद्ध जब प्रारंभ होने वाला था तो उन्होंने ये घोषणा की थी कि वो उस पक्ष की तरफ से लड़ेंगे जो युद्द में हार रहा होगा। तभी भगवन श्री कृष्ण ने एक लीला रची और एक पेड़ के पास खड़े होकर बर्बरीक से कहा की में तुम्हें महान योद्धा जब मानु जब तुम इस वृक्ष के सारे पत्तो को एक ही तीर से भेद कर दिखाओ।

तभी बर्बरीक भगवान श्री कृष्ण की आज्ञा का पालन करते हुए अपने तीर को वृक्ष की तरफ छोड़ दिया। जब तीर सारे पत्तो को एक एक कर भेद रहा था तो एक पत्ता निचे गिर गया और श्री कृष्ण ने उस पत्ते को अपने पैर के नीचे दबा लिआया था। कुछ देर बाद वो तीर भगवान श्री कृष्ण के पैर के पास आकर रुक जाता है। तभी बर्बरीक ने कहा की प्रभु एक पत्ता आपके पैर के निचे है कृपया आप पैर को हटा लीजिये क्यूकी मेने तीर को सिर्फ पत्तो को भेदने का ही आदेश दिया है आपके पैर को नहीं।  और ये देख भगवान श्री कृष्ण आश्चर्येचेकित रह जाते है।

 Khatu Shyam Ji Kon Se Devta Hai

और तभी भगवान श्री कृष्ण समज चुके थे कि बर्बरीक बहुत शक्तिशाली है।  ऐसे में भगवान श्री कृष्ण बर्बरीक के घर जाते है भ्रामण के रूप में और उनसे दान मांगने लगे तो उन्होंने बोला की मांगो ब्रामण क्या चाहये। तभी ब्रामण ने बोला की में जो मांगूंगा वो तुम नहीं दें सकते तो बर्बरीक ने कहा तुम मांगो में तुम्हे अपना जीवन भी दे दूंगा। आप बताइये आपको क्या चाहिए और इस तरह बर्बरीक भगवान श्री कृष्ण के जाल में फस गए। और इसके बाद श्री कृष्ण ने बर्बरीक का शीश ही मांग लिया क्योकि ब्रामण उसको पहले ही वचन दे चूका था तभी बर्बरीक ने अपना शीश दान कर दिया और ब्रामण के चरणों में रख दिया। तभी श्री कृष्ण ने बर्बरीक से कहा की तुम आज से कलयुग में खाटू श्याम जी  के नाम से पूजे जाओगे और तुम पुरे विश्व में प्रसिद्दि हासिल करोगे।  

बर्बरीक किसका अवतार है

बर्बरीक भीम का पौत्र और घटोत्कच एव अहिलवती के पुत्र थे। बर्बरीक को उसकी माँ ने सिखाया था कि तुम हमेशा लड़ाई में कमजोर पक्ष का साथ देना है। तभी वो हमेसा युद्ध में जो हारने वाला पक्ष होता है बर्बरीक उसी का साथ देते है। बर्बरीक को उसकी माँ ने युद्ध कोशल सिखाया था। और बर्बरीक को शिव का अवतार माना जाता है। वही बहुत सी कथाओ में इसे इंसानी रूप में पुनर्रजन्म भी कहा गया है। और बर्बरीक बहुत ही प्राकर्मी यौद्धा था। ऐसा कहा जाता है। कि बर्बरीक ने अपने कठोर तप से दिव्य शक्तिया हासिल की थी। और बर्बरीक के पास तीन ऐसे बाण थे जिससे युद्ध क्षेत्र में वो पूरी सेना को कुछ पल में समाप्त कर सकते थे। ये बाण अपना लक्ष्य तय करकर वापस बर्बरीक के पास आ जाते थे। और इसी वजे से बर्बरीक को कोई युद्द में हरा नई सकता था। इसी से पता चलता है की बर्बरीक किसका अवतार है।  तभी बर्बरीक को श्री कृष्ण जी का अवतार माना जाता है। उन्होंने श्री कृष्ण की आज्ञा का पालन किया तभी से उन्हें खाटू श्याम के नाम से पूजा जाता है।  

खाटू श्याम जी की हकीकत क्या है

 Khatu Shyam Ji Kon Se Devta Hai

खाटू श्याम जी का समबन्ध महाभारत युग से माना जाता है। यह पाण्डुपुत्र भीम के पुत्र थे। जब वनवास के दौरान पांडव अपनी जान बचाकर इधर उधर भाग रहे थे। तभी भीम का सामना हिडिम्बा से हुआ था। हिडिम्बा ने भीम से एक पुत्र को जन्म दिया उनका वो पुत्र ही बर्बरीक था। पौराणिक कथा की मान्यता के अनुसार ही  खाटू श्याम जी कि क्षमता और शक्तियो से प्रभावित  होकर श्री कृष्ण जी ने बर्बरीक को कलयुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। क्युकि वो जानते थे खाटू श्याम जी हकीकत क्या थी। इसी वजह से उन्होंने ऐसा किया था। और आज के युग में श्याम बाबा को शीश का दानी नाम से जाना जाता है। और हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा इस नाम से भी पुकारा जाता है। और इसी तरह श्याम बाबा के अनेको नाम दे दिए गए है। और यही खाटू श्याम जी की हकीकत है।  

 Khatu Shyam Ji Kon Se Devta Hai

 

Latet Updates

x