कौन है खाटू श्याम जी | खाटू श्याम जी की कहानी
खाटू श्याम जी की कहानी – श्याम अखंड ज्योति के अनुसार बर्बरीक ( खाटू श्याम जी ) भीम और अहलावती के पुत्र थे। वह पांडव थे। भगवान शिव ने उन्हें 3 बाणो का आशीर्वाद दिया, जिन्हें नष्ट नहीं किया जा सकता था और उन 3 बाणो में एक ही पल में पूरी दुनिया को नष्ट करने की शक्ति थी। भगवान शिव ने उनसे एक वचन लिया कि वह हमेशा पराजित दल की तरफ रहेगा।
खाटू श्याम बाबा की कथा हिंदी में – Khatu Shyam Baba Ki Katha Hindi Me
खाटू श्याम जी की कहानी – जब उन्हें नारद से महाभारत युद्ध का समाचार मिला तब वह अपनी माता के आशीर्वाद से वे इस युद्ध को देखने कुरुक्षेत्र गए। कृष्ण को बर्बरीक की शक्ति के बारे में पता चला। जैसा कि भगवान कृष्ण जानते थे कि पांडव “धर्म” के पक्ष में हैं और वे इस लड़ाई को नहीं हार सकते हैं और बर्बरीक को कौरवों का समर्थन करने की आवश्यकता होगी।
खाटू श्याम जी की कहानी – कृष्ण ने योगी के रूप में उनसे बात की और उन्हें बताया कि धर्म को जीतने की आवश्यकता है और इसके लिए इस युद्ध में एक बहादुर सैनिक के बलिदान की आवश्यकता है। वह बलिदान केवल भगवान कृष्ण, अर्जुन और बर्बरीक द्वारा दिया जा सकता है। इसलिए बर्बरीक को परिदृश्य का एहसास हुआ और वह अपने सिर के बलिदान के लिए तैयार हो गया। फाल्गुन की एकादशी पर उन्होंने भगवान कृष्ण की उपस्थिति में अपना सिर कुर्बान कर दिया। बर्बरीक को महाभारत युद्ध देखने की इच्छा थी इसलिए कृष्ण ने अपना सिर एक पहाड़ी पर रख दिया ताकि वह पूरी लड़ाई देख सके कि भगवान कृष्ण ने उसे प्रदान किया था।
खाटू श्याम जी की कहानी – युद्ध के बाद भगवान कृष्ण ने उन्हें “श्याम” नाम दिया और कहा कि तुम कलयुग में मेरे स्थान पर रहोगे और अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान करोगे। अतः बर्बरीक को खाटू श्याम जी के रूप में आशीर्वाद दिया गया। कहा जाता है कि उनका सिर राजस्थान के खाटू नामक स्थान पर पाया गया था। तब से वे खाटू श्याम जी के नाम से प्रसिद्ध हैं| जो तीर्थयात्रियों के साथ बहुत लोकप्रिय है। भक्तों का मानना है कि यह महाभारत के एक पात्र बर्बरीक या खाटूश्याम के चमत्कारी रूप से पुनर्जीवित सिर का घर है। राजस्थान के सीकर जिले में इनका भव्य मंदिर स्तिथ है जहाँ हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है।
खाटू श्याम मेला 2023 कब है – Khatu Shyam Mela 2023 Kab Hai
खाटू श्याम जी की कहानी – हर वर्ष फाल्गुन माह और होली के दौरान खाटूश्यामजी का मेला भरता है । खाटू श्याम जी को इन नामो से भी जाना जाता है श्याम, बार्बरिका, मोरवीनंदन, शीश के दानी, हरे का सहारा, तीन बाण धारी, लाख – दातारि, लीला के असवा। इस मेले में कई देश-विदेश से भक्तजन खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए आते है। खाटू श्याम जी के मंदिर को मानव सेवा के लिए भी जाना जाता है कई अमीर गराने के लोग आकर श्रद्धालुओं को भंडारा लगाकर आदि तरीके से सेवा करते है। इस बार खाटू श्याम जी का मेला 6 ,मार्च से शुरू होकर 15 मार्च तक चलेगा यह लक्खी मेला प्रतिवर्ष 9 दिनों तक चलता है। जबकि मेले के कई दिन पूर्व ही श्रद्धालुओं के जत्थों का खाटू पहुंचना शुरू हो जाता है। कई श्रद्धालु तो धुलंडी को बाबा श्याम संग होली खेलकर लौटते हैं। इस बार खाटू मेला बड़ी धूम धाम से आयोजित किया जायेगा।
जानिए बाबा खाटू श्याम जी के चमत्कार – Janiye Baba Khatu Shyam Ji Ke Chamatkar
खाटू श्याम जी की कहानी – दूर दूर से भक्तजन खाटूश्याम जी के दर्शन के लिए आते है ताकि उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सके। भक्तजन कहते है की बाबा खाटू श्याम जी सभी की मुरादे पूरी करते है और जो उनपे आस रखता है उनकी झोली वह खभी खाली नहीं जाने देते। कहा जाता है की खाटू मंदिर में जो भी कदम रखता है उसके जीवन से जुड़े आर्थिक , मानसिक , व्यावसाइक, शारीरिक और जीवन से जुड़ा कोई भी कस्ट हो बाबा श्याम उसे हर लेता है – तभी तो कहा जाता है हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा।
खाटू श्याम जी की कहानी – कहा जाता है की बाबा के दरबार पैर कई गूंगे आये और मधुर वाणी पाकर गए , कई कोढ़ी अपना दुःख लेकर बाबा के दर पर अपना दुखड़ा रोते है और बाबा श्याम उसे माफ़ कर देता है। बाबा श्याम के चमत्कार का वर्णन शब्दों में करना बहुत मुश्किल है। भक्तो अपने जीवन में एक बार इस पावन स्थान का दर्शन जरूर करना – जय श्री श्याम
0 thoughts on “खाटू श्याम जी की कहानी | Khatu Shyam Ji kahani खाटू श्याम जी मेला 2023”