आइये जानते है केतु के अचूक उपाय | Ketu Ke Upay 

केतु के उपाय -Ketu Ke Upay 

Ketu Ke Upay 

Ketu Ke Upay –हमारे ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन में नौ ग्रहों का असर रहता है। और इन ग्रहो का असर शुभ तो अशुभ भी रहता है। इन सभी नवग्रह की अंतर्दशा और महादशा चलती रहती है। जैसे की शनि, राहु की महादशा होती है। उसी प्रकार से केतु ग्रह की महादशा भी होती है। केतु को छाया का ग्रह भी माना जाता है। लेकिन इस ग्रह की स्थिति का प्रभाव 12 राशियों के व्यक्तियों के जीवन पर कभी न कभी जरूर पड़ता ही है। इस ग्रह को पापी ग्रह भी माना जाता है। परन्तु कई बार सही स्थिति में पर होने पर यह व्यक्ति को शुभ फल प्रदान करता है। तो आइये आज हम चर्चा करेंगे इसके लक्षण और कुछ उपायों के बारे में। 

महा दशा केतु की 

Ketu Ke Upay 

Ketu Ke Upay – ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार, केतु की महादशा का समय 7 साल तक होता है। इस दौरान शुभ या अशुभ दोनी ही प्रकार के परिणाम हमे प्राप्त होता है। अंतरदशा का समय 11 महीने से सवा साल तक रहता है। केतु की महादशा बुध एवं शुक्र के बीच आती है। इसका मतलब यह है कि पहले बुध की महादशा आती है और फिर केतु की महादशा सात साल तक रहती है और बाद में शुक्र की महादशा 20 वर्ष तक रहती है।  

लक्षण केतु के प्रकोप के 

  • हमारी कुंडली में केतु ग्रह की स्थिति खराब होने पर चार्म रोग होने की संभावना होती है। 
  • हमारे शरीर के जोड़ों में दर्द की समस्या बानी रहती है। 
  • हमारी कानो से सुनने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ने लग जाता है। 
  • संतान प्राप्ति में किसी न किसी प्रकार से दिक्कतें होने लग जाती है। 
  • लम्बे समय तक व्यक्ति को खांसी की समस्या बानी रहती है। 
  • व्यक्ति की संतान को किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। 
  • वयक्ति के तेजी से बाल झड़ने लग जाते है। 
  • व्यक्ति के शरीर में नसों में कमजोरी भी आ जाती है 

केतु के दुष्प्रभाव को कैसे काम करें 

  • यदि आप अपनी आपकी  कुंडली में केतु की स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं, तो नित्य 108 बार इस मंत्र का जाप अवश्य करें। ‘’ ऊँ  स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:’’
  • आप अपने केतु ग्रह को शांत करने के लिए शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल अर्पण करें। और इसमें थोड़ी सी दूर्वा भी डाल दें। इसके साथ ही शाम के में समय घी का दीपक अवश्य जलाएं।
  • आप अपनी कुंडली से केतु के प्रकोप से बचना चाहते है। तो रविवार के दिन कन्याओं को हलवा एवं मीठा दही अवश्य खिलाएं। ऐसा करें से आपकी कुंडली में केतु शांत हो जायेगा। 
  • कुंडली में केतु ग्रह की स्थिति को सुधरने करने के लिए लहसुनिया रत्न धारण करना शुभ माना जाता है।
  • आप अपनी कुंडली में केतु ग्रह के दुष्प्रभावों को कम करना चाहते है। तो इसके लिए पके चावल लें उसमे में थोड़ा सा दही, काले तिल डालकर अच्छे से मिला दें। इसके बाद इसे एक किसी भी पात्र में भरकर पीपल के वृक्ष के नीचे रख दें। ऐसा करें से भी केतु शांत हो जाता है। 
  • केतु के दुष्प्रभावों से बचने के लिए आप कुत्ते को तेल लगाकर रोटी अवश्य खिलाएं। 

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