karwa Chouth Vrat 2023 करंवा चौथ का व्रत का पूर्ण रूप से महिलाओ के लिए है,यह पावन व्रत केवल विवाहित महिलाऐं ही नहीं कुंवारी लड़किया(अविवाहित) भी इस व्रत को कर सकती है। इस करंवा चौथ के व्रत को करने केलिए हिन्दू धर्म की महिलाओ में बहुत अधिक उत्साह रहता है, यह व्रत सुहाग की लम्बी आयु के लिए किया जाता आया है।
इस साल 2023 में कारंवा चौथ का व्रत 31 अक्टूबर 2023 को यानि मंगलवार को है। कारंवा चौथ व्रत 2023 का समय सुबह 6 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
कारंवा चौथ पूजा मुहूर्त शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा समय अवधि (1 घंटा 17 मिनट) तक रहेगा।
चंद्र उदय का समय रात 8 बजकर 26 मिनट पर रहेगा 1 नवंबर 2023 को।
karwa Chouth Vrat 2023 हिन्दू पौराणिक कथाओ की मान्यताओं के अनुसार एक समय देवताओ और राक्षसो के बीच युद्ध शुरू हो गया,युद्ध के मैदान में राक्षस देवताओ पर भारी पड़ रहे थे, युद्ध में सभी देवताओ को संकट में देख कर उनकी पत्निया विचलित होने लगी और अपने – अपने पतियों की रक्षा करने के लिए उपाय हेतु ब्रह्म देव के पास पहुंच गई।
ब्रह्मा जी ने देवताओ की सभी पत्निओ से कहा की वे करंवा चौथ व्रत करें। ब्रह्मा जी बोले की इस व्रत को करने से किसी भी देवता पर आंच नहीं आएगी और वे सभी युद्ध में विजयी हो जायेंगे। भगवान ब्रह्मा जी की बातो को मानकर सभी महिलाए ने कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करंवा चौथ का व्रत रखा, जिसके कारण माता करंवा ने प्रसन्न हो कर माता ने युद्ध में सभी देवताओ के प्राणो की रक्षा की और साथ ही साथ उनको युद्ध में विजय भी दिलाई।
karwa Chouth Vrat 2023 पौराणिक कथाओ के अनुसार महाभारत में भी करंवा चौथ व्रत का महत्व मिलता है, महाभारत के एक छोटे से प्रसंग के अनुसार जब पांडव पर घोर संकट मंडरा रहा था। तो द्रोपदी ने भवान श्री कृष्ण के कहे अनुसार उन्होंने करंवा चौथ का व्रत किया था। मान्यता है की इस करंवा चौथ व्रत की शक्ति से पांडवो को उनके संकट से मुक्ति मिल गई। ऐसे ही चमत्कार इस करंवा चौथ व्रत को महिलाओ में बहुत महान बनाता है।
karwa Chouth Vrat 2023 पौराणिक कथाओ और मान्यताओं के अनुसार करंवा चौथ व्रत के दिन सभी विवाहित महिलाए सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान आदि से निवृत होकर अपने घर के मंदिर की साफ सफाई करके दीपक जलाये। फिर देवी देता की पूजा आराधना करें और निर्जला व्रत का संकल्प करें। और फिर शाम को फिर से स्नान करें और फिर जिस स्थान पर आप करंवा चौथ का व्रत की पूजा करने वाले है,वहा गैहू के दाने से फलक बनाये और उसके बाद चावल के दानो को पीस कर माता करंवा की तस्वीर बनायें। उसके पश्यात आठ पुरियों की अठवारी के साथ हलवा और खीर बनाये और पक्का भोजन पकाएं।
karwa Chouth Vrat 2023 – इस पावन करंवा चौथ व्रत के दिन भगवान् शिव और पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस में पीले रंग की मिट्टी से माँ गौरी की मूर्ति बनायें और फिर साथ में भगवान् श्री गणेश जी को उनकी गोद में विराजित करवाएं। उसके बाद माँ गौरी को साफ की हुई चौकी पर विराजमान करवाएं। लाल चुनरी ओढ़ा कर श्रंगार की सभी चीजे उन्हें समर्पित करें। माँ गौरी के सामने जल से भरा हुआ एक कलश रखें और उअके साथ एक टोंटीदार एक करंवा भी रखे जिससे चंद्रोदय के पश्यात चन्द्रमा को अर्घ्य दिया जा सकें।
karwa Chouth Vrat 2023 – इसके बाद भगवान् श्री गणेश और माता गौरी की विधिपूर्वक पूजा पथ करें और करंवा चौथ व्रत की कथा सुने और कथा कहे। करंवा चौथ व्रत की कहानी/कथा सुनने से पहले रोली से करवे पर एक सतिया बनायें और करवे पर रोली से तरह(13) बिंदिया लगाएं। कथा सुनने से पहले अपने हाथ में तरह(13) दाने गैहू या चावल के लेवें फिर कारंवा चौथ व्रत की कथा सुने। पूजा करने के बाद चाँद निकलते ही चन्द्रमा के दर्शन करने के तुरंत बाद छलनी से अपने पति को देखें। और फिर अपने पति के हाथो से जल ग्रहण करके अपने करंवा चौथ व्रत को खोले।
karwa Chouth Vrat 2023 यदि हमारे ज्योतिष की माने तो कुंवारी लड़किया भी ये करंवा चौथ व्रत रख सकती है,परन्तु वे ये करंवा चौथ व्रत केवल अपने मंगेतर और प्रेमी के लिए ही कर सकती है जिसे वे अपना जीवन साथी मान चुकी हो अन्यथा वह ये करंवा चौथ व्रत नहीं रख सकती। ऐसा माना जाता है की ऐसा करने से माता करंवा प्रसन्न होती है और उन्हें शुभ आशीष प्रदान करती है, लेकिन अविवाहित कन्याओ के लिए करंवा चौथ व्रत रखने के व पूजन करने के नियम अलग अलग है, यदि आप कुंवारी है और ये करंवा चौथ व्रत करना चाहती है,तो किछ निम्नन बातो का ध्यान रखना चाहिए।
karwa Chouth Vrat 2023 – यदि आप कुंवारी लड़की है और ये करंवा चौथ व्रत रखने जा रही है,तो निर्जला व्रत रखने के बजाये आप निराहार रह कर भी ये करंवा चौथ का व्रत कर सकती है,हमारे ज्योतिष के अनुसार निर्जला व्रत रखने की कोई बाध्यता नहीं है परन्तु उन्हें सारगी आदि नहीं मिल पति है, इसलिए उन्हें निर्जला व्रत नहीं करना चाइये। हमारी पुराणिक कथाओ के अनुसार इस करंवा चौथ व्रत के दिन भगवान् शिव और माँ गौरी(पार्वती) श्री गणेश,श्री कार्तिकेय और चन्द्रमा की पूजा की जाती है, लेकिन कुंवारी लड़कियों को केवल भगवान् शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए और माँ करंवा की कहानी ही सुननी चाहिए।
karwa Chouth Vrat 2023 – महानदी का अपना ही विशेष महत्त्व है,मेहंदी को सुहागिन महिलाओ का सौभाग्य का प्रतिक माना जाता हैं,सम्पूर्ण भारत में ऐसी मान्यत है की लड़की के हाथ में जितनी गहरी मेहंदी रचेगी उसे उसके ससुराल से और उसके पति से उसे उतना ही अधिक प्रेम और स्नेह मिलेगा और इसी के साथ ही लोगो की यह भी मान्यता है की जिसके हाथो में जितनी गहरी महानदी रचती है उसके पति की आयु भी उतनी ही लम्बी होती है और पति का स्वास्थ्य भी उतना ही बढ़िया रहता है।
वैसे तो करंवा चौथ व्रत में धातु के करवें को अधिक महत्व दिया गया है, यदि ऐसा संभव नहीं हो पाए तो इस व्रत में मिट्टी के करवें का भी करवां चौथ व्रत में पूजन का विधान है।
karwa Chouth Vrat 2023 – ऐसा माना जाता है की करवां चौथ व्रत के दिन सभी वे विवाहित महिलाये और कुंआरी लड़की किसने ये करवां चौथ का व्रत रखा है वो चन्द्रमा को देखती है और चन्द्रमा को देखते हुए अपनी सारी रस्मे पूरी करती है। पूजा करते समय वह अपने पति की लम्बी उम्र,स्वस्थ जीवन की और जीवन भर हर मोड़ पर उसका साथ पाने व साथ निभाने का वचन लेती है। करवां चौथ व्रत के दिन भगवान शिव,पार्वती,भगवान् श्री गणेश,और कार्तिकेय की विशेष पूजा का विधान है,ऐसा भी माना जाता है की इन सभी की पूजा करने से माता पार्वती अति प्रसन्न होती है, और आशीर्वाद स्वरुप पूरी उम्र हमे सुख समृद्धि प्रदान करती है।
karwa Chouth Vrat 2023 – जैसा की हम जानते है की करवां चौथ व्रत का अपना ही एक विशेष प्रकार का महत्त्व है, इस व्रत को विशेष रूप से महिलाओ के लिए है यह करवां चौथ व्रत महिलाऐं अपने पातियो की लम्बी उम्र और सुखद जीवन की कामना करने के लिए करती है. महिलाये इस करवां चौथ व्रत के दिन महिलाए सूर्योदय से पहले उठकर तैयार होती है पूर्ण अपना सिंगार करती है मेहंदी आदि लगाती है और पुरे दिन खुश रह कर सारे दिन निर्जला रह कर इस करवां चौथ व्रत को संपन्न करती है ,इसी कारण इस करंवा चौथ व्रत को और इसकी कथा को महान माना गया है।