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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114गणगौर 2023 – राजस्थान और मध्यप्रदेश में गणगौर उत्सव को स्थानीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। सोलह दिन तक चलने वाले इस पर्व को चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के तीज से समय मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर वैवाहिक महिलाएं और कन्याएं भगवान शिव पार्वती के अवतार गौरी की अराधना करते हैं। गौरी की पूजा के समय दूब के छींटे देते हुए श्रद्धालु गोर गोर गोमती गीत का गान करते हैं। वैवाहिक औरतें अपने पति की लंबी आयु के लिए इस दिन व्रत रखती हैं और कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखकर भगवान शिव की अराधना करती हैं।
गणगौर 2023 – यह लोक गीत इस पर्व की आत्मा मानें जाते हैं। पूजा के समाप्त होने पर परिजनों के नामों का उच्चारण किया जाता हैं और पर्व में गवरजा, ईसर से बड़ी दीदी और जीजा जी के रूप की गीतों द्वारा पूजा की जाती है। राजस्थान में इसे रस्म के रूप में माना गया है, इसलिए इसकी पूजा को वैवाहिक जीवन के लिए अनिवार्य माना जाता है। राजस्थान और मध्यप्रदेश के अलावा हरियाणा और गुजरात में गौरी तृतीया का पर्व बहुत बड़े स्तर पर मनाया जाता है और इसे गणगौर कहा जाता है।
गणगौर 2023 – शादीशुदा महिलाओं और कन्याओं द्वारा विशेष रूप से यह त्योहार मनाया जाता है। दोनों ही बहुत विधि विधान से इस पूजा और पाठ को करके अपने पति के लिए इस व्रत को रखती हैं। कन्याएं भगवान शिव और पार्वती के पूजन से अपने पति के लिए लंबी आयु और समृद्धि के लिए यह त्योहार पूरी श्रद्धा भावना के साथ मनाती हैं। इस दिन के समय औरतें सोलह श्रृंगार करके लाल रंग के वस्त्र धारण करके इस पर्व को मनाकर भगवान शिव और पार्वती को प्रसन्न करती हैं।
इस साल 2023 में गणगौर का त्यौहार 24 मार्च 2023 को यानि शुक्रवार को मनाया जायेगा। गणगौर की तिथि की शुभ शुरुआत 23 मार्च 2023 को शाम 6 : 20 बजे होगी। और तिथति की समाप्ति 24 मार्च 2023 को शाम 5 ; 00 बजे होगी।
गणगौर 2023 – कथा के अनुसार एक समय की बात है जब भगवान शिव और माता पार्वती वन में गए थे और माता पार्वती को प्यास लगी। नदी के पास जाकर माता ने जैसे ही पानी की अंजली भरी तो उनके हाथ में दूब का गुच्छा आया, दूसरी बार टेसू के फूल और तीसरी बार ढोकला नाम का फल आया। यह देखने पर माता को कुछ समझ नहीं आया तभी शिव जी ने बताया की आज चैत्र माह की तीज का दिन है। इस दिन गौरी पूजा से समय जो सामग्री आपको अर्पित की गई है वह इस नदी में बहकर आप तक पहुंच रही है।
गणगौर 2023 – तब पार्वती ने अपने स्वामी से कहा कि आप मेरे लिए नगरी बनवा दीजिए, मैं उस नगरी में सारी स्त्रियां गणगौर का व्रत करेंगी। तब माता को याद आया मैं तो पहले ही इनको सुहाग की रक्षा का वरदान दे चुकी हूं। तब उन्होंने महादेव जी से विनती करते हुए कहा कि आप इनको सौभाग्य का वरदान दीजिए प्रभु। तब भगवान ने अपनी पार्वती की बात मानकर अपना आर्शीवाद दे दिया था।
इस साल 2023 में गणगौर का त्यौहार 24 मार्च 2023 को यानि शुक्रवार को मनाया जायेगा। गणगौर की तिथि की शुभ शुरुआत 23 मार्च 2023 को शाम 6 : 20 बजे होगी। और तिथति की समाप्ति 24 मार्च 2023 को शाम 5 ; 00 बजे होगी।
गणगौर 2023 – सनातन धर्म में तीज का दिन बहुत विशेष माना गया है, इस दिन को भगवान शिव और पार्वती के प्रेम को याद रखते हुए याद किया जाता है और विवाह दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार जब माता पार्वती भगवान शिव से अलग हो गई थी इसी दिन के समय पुन पार्वती वापिस भगवान शिव के जीवन में आ गई थी।
गणगौर 2023 – औरतें भी इस दिन पति की दीर्घायु की कामना करती हैं और माना जाता है इस दिन पुराने मन मुटाव खत्म हो जाते हैं, जिससे रिश्ते में पहले से और भी गहरा हो जाता है। गौरी पूजा करते समय औरतें सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ साथ पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
गणगौर 2023 – वहीं कुवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत और पूजा करते समय पूरे दिन शिव और पार्वती की अराधना करती हैं। इस दिन की गई पूजा से कन्याओं को एक आदर्श जीवन साथी की प्राप्ति होती है। इस गौरी तीज के दिन विधि विधान से पूजा करके बहुत शीर्घता से आर्शीवाद मिलता है जिससे जीवन खुशी और समृद्धि के साथ साथ जीवन साथी की आयु भी बढ़ जाती है। स्त्रियों व कन्याओं के लिए यह दिन बहुत महत्व रखता है।