Durgashthami 2023 – हमारे हिंदू पंचांग की मान्यता के अनुसार साल के प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी वाली तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में दुर्गाष्टमी का बहुत ही ज्यादा महत्व दिया जाता है। नवरात्रि के अलावा भी हर माह की दुर्गाष्टमी का पर्व बहुत ही खास होता है। दुर्गाष्टमी के दिन माँ दुर्गा के नाम का व्रत रखा जाता है। और माँ दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। हमारी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूर्ण श्रद्धा के साथ जो भी व्यक्ति माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करता है। माँ दुर्गा उसकी सभी मनो इच्छाएं को पूर्ण करती हैं। साथ ही इस दिन पूजा-अर्चना करने से जीवन में चल रही सभी तरह की समस्याओ का समाधान मनुष्य को मिल जाता है।
आइये अब जानते है साल की सभी दुर्गाष्टमी के समय के बारे में,
दिनांक | तिथि | महीना | साल | वार |
28/1/2023 | माघ शुक्ल अष्टमी | जनवरी | 2023 | शनिवार |
27/2/2023 | माघ शुक्ल अष्टमी | फरवरी | 2023 | सोमवार |
29/3/2023 | चैत्र शुक्ल अष्टमी | मार्च | 2023 | बुधवार |
28/4/2023 | वैशाख शुक्ल अष्टमी | अप्रैल | 2023 | शुक्रवार |
27/5/ 2023 | जेष्ठ शुक्ल अष्टमी | मई | 2023 | शनिवार |
26/6/2023 | आषाढ़ शुक्ल अष्टमी | जून | 2023 | सोमवार |
26/7/2023 | श्रवण शुक्ल अष्टमी | जुलाई | 2023 | बुधवार |
24/ 8/2023 | श्रवण शुक्ल अष्टमी | अगस्त | 2023 | गुरुवार |
23/9/2023 | भाद्रपद शुक्ल अष्टमी | सितम्बर | 2023 | शनिवार |
22/10/2023 | अश्विन शुक्ल अष्टमी | अक्टूबर | 2023 | रविवार |
20/11/2023 | कार्तिक शुक्ल अष्टमी | नवम्बर | 2023 | सोमवार |
20/12/2023 | मार्गषीर्श शुक्ल अष्टमी | दिसम्बर | 2023 | बुधवार |
Durgashthami 2023 – मासिक दुर्गाष्टमी वाले दिन सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान आदि से निवृत होकर, जिस स्थान पर हमे पूजा करनी है, उस पूजन के स्थान पर गंगाजल छिड़क कर उस स्थान की शुद्धि करें। पूजा करते समय माँ दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक जरूर करें।
Durgashthami 2023 – साथ ही अपने घर के मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें। माँ दुर्गा को अक्षत, सिन्दूर, और लाल पुष्प अर्पित करें। साथ ही माँ के प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ानी चाहिए। धुप, दीपक प्रज्जवलित कर उच्च स्वर में दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर माँ दुर्गा की आरती करें।
Durgashthami 2023 – दुर्गाष्टमी के दिन माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए व्रत/उपवास रखा जाता है। इस दिन माँ दुर्गा की पूर्ण विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने पर भक्तो की हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस दिन सभी भक्त माँ दुर्गा के दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त करने हेतु व्रत/उपवास भी रखते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन व्रत व पूजा-अर्चना करने से माँ दुर्गा का असीम आशीर्वाद भी भक्तो को प्राप्त होता है। दुर्गाअष्टमी व्रत करने से घर में खुशहाली आती है और सुख समृद्धि का वास भी होता हैं।
Durgashthami 2023 – दुर्गाष्टमी की पूजन व्रत आदि करने के हमे अनेको प्रकार के लाभ की प्राप्ति होती है इस दिन माँ दुर्गा की पुजा करने से और व्रत रखने से भक्तो की माँ के आशीर्वाद से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। घर में चल रही सभी समस्याओ से मुक्ति पाने का रास्ता मिल जाता है। घर में सुख शांति बनि रहति है। संतान का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। घर में किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं होती है।
व्यापार/प्रतिष्ठान में भी तरक्की होती है। दाम्पत्य जीवन का आनंद भी हमे मिलता है। भक्तो को अपने परिवार सहित एवं अनन्य कोई और भक्त हो तो उसे भी अपने साथ शामिल करें और उच्च स्वर में दुर्गा चालीसा का पठन-पठान करें। पूजन के अंत में माँ दुर्गा की आरती करें। उसके बाद सभी में माँ दुर्गा का प्रसासद का वितरण भी करें। माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से हमे आत्म बल और बौद्धिक बल की प्राप्ति भी होती है।