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Chaitra Purnima 2023 | चैत्र पूर्णिमा 2023 में कब है, क्यों मनाई जाती है और चैत्र पूर्णिमा का महत्व
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Chaitra Purnima 2023  | चैत्र पूर्णिमा 2023  में कब है, क्यों मनाई जाती है और चैत्र पूर्णिमा का महत्व
December 26, 2022

Chaitra Purnima 2023 | चैत्र पूर्णिमा 2023 में कब है, क्यों मनाई जाती है और चैत्र पूर्णिमा का महत्व

जानिए नव वर्ष की पहली पूर्णिमा के बारे में, चैत्र पूर्णिमा कब आती है और क्यों मनाई जाती है, वर्ष 2023 की चैत्र पूर्णिमा 2023

की तिथि और मुहूर्त और महत्व

चैत्र पूर्णिमा 2023 – चैत्र पूर्णिमा का त्योहार पूरे भारत में मनाए जाने वाला हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। तमिल और अन्य कई राज्यों में इसे विशेष पर्व माना जाता है। पूर्णिमा का दिन बहुत भगवान श्री हरि को समर्पित होता है, जिसमें सत्यनारायण के पूजा पाठ को बहुत फलदायी माना गया है। चैत्र माह को हिंदुओं का प्रथम माह माना जाता है और इस माह से नए वर्ष का शुभारंभ हो जाता है। चैत्र पूर्णिमा इस दिन मंगलवार को है, जिससे इसका महत्व और भी ज्यादा बड़ जाता है, क्योंकि इसे हनुमान जयंती की तरह मनाया जाता है और मंगलवार का दिन को हनुमान जी का ही दिन माना जाता है।

 

चैत्र पूर्णिमा 2023 कब है – Chaitra Purnima Kab Hai 

इस साल 2023 में चैत्र पूर्णिमा 5 अप्रेल 2023 को यानि बुधवार को मनाई जाएगी। 

इस चैत्र पूर्णिमा की शुभ शुरुआत 5 अप्रेल 2023 को 2 : 55 am पर होगी। और इस तिथि की समाप्ति 6 अप्रेल 2023 को 12 : 24 am पर होगी।

 

चैत्र पूर्णिमा किस समय मनाई जाती है – Chaitra Purnima Kis Samay Manai Jati Hai 

चैत्र पूर्णिमा 2023 – हिंदू धर्म में ग्रंथों में इसका वर्णन किया गया है। चैत्र पूर्णिमा को चैत्र के माह में शुक्ल पक्ष के समय आने वाली पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार कहा जाए तो यह अप्रैल या मई के महीने में आने वाला एक दिन होता है। इस कैलेंडर के अनुसार यह साल का 4 या 5 महीना होता है। लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को प्रत्येक वर्ष मनाई जाने वाली प्रथम पूर्णिमा मानी जाती है। पूर्णिमा के दिन चंद्र देव के पूजन का भी विधान है।

 

किन मान्यताओं के आधार पर मनाई जाती है चैत्र पूर्णिमा – Kin Manyatao Ke Adhar Par Manai Jati Hai Chaitra Purnima 

चैत्र पूर्णिमा 2023 – चैत्र पूर्णिमा के दिन को उससे जुड़ी मान्यताओं के कारण बहुत पवित्र माना गया है। एक मान्यता के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रज नगरी में भगवान श्री कृष्ण द्वारा महारास उत्सव का आयोजन किया गया था, जिसे कई क्षेत्रों में रास के नाम से भी जाना जाता है। कई स्थानों में यह हनुमान जी की जयंती मानकर मनाया जाता है। कहा जाता है इसी दिन भगवान श्री राम जी के परम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। उनका जन्मदिन मानकर इस दिन को पूजा करके भक्त बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इसी पूर्णिमा के बाद वैशाख माह का आगमन भी हो जाता है। इस कारण से भी इसको मनाया जाता है।

 

वर्ष 2023 में चैत्र पूर्णिमा की तिथि और मुहूर्त – Varsh 2023 Me Chaitra Purnima Ki Tithi Or Muhurat

चैत्र पूर्णिमा 2023 – साल 2023  में चैत्र पूर्णिमा बुधवार को 5 अप्रैल के दिन है। हिंदू पंचांग के अनुसार 5 अप्रैल नव वर्ष में आने वाली पहली पूर्णिमा का दिन है। जिसके बाद दूसरा माह माने जाने वाला वैशाख महीना आरंभ हो जाएगा। चैत्र पूर्णिमा 2023 – पूर्णिमा व्रत को बहुत उत्तम और कष्टों का नाश करने वाला माना गया है, पूरे अनुष्ठान का पालन करते हुए इस व्रत को रखने के लिए पूर्णिमा तिथि के मुहूर्त के बारे में पता होना अनिवार्य है, आइए देखें पूर्णिमा तिथि की अवधि जोकि इस प्रकार रहेगी।

इस साल 2023 में चैत्र पूर्णिमा 5 अप्रेल 2023 को यानि बुधवार को मनाई जाएगी। 

इस चैत्र पूर्णिमा की शुभ शुरुआत 5 अप्रेल 2023 को 2 : 55 am पर होगी। और इस तिथि की समाप्ति 6 अप्रेल 2023 को 12 : 24 am पर होगी। 

चैत्र पूर्णिमा 2023 – चैत्री पूनम के नाम से प्रसिद्ध इस त्योहार पर व्रत रखे जाते हैं। इस दिन के व्रत को पूर्णिमा तिथि के आधार पर आरंभ करना चाहिए। यदि संभव हो तो पवित्र नदियों में स्नान करने का अवसर नहीं गंवाना चाहिए। उस पूर्णिमा उपवास के समय भगवान सत्य नारायण के पाठ को बहुत शुभ और सभी कष्टों का नाश करने का सबसे सूक्ष्म उपाय माना गया है। रात्रि के समय चंद्र देवता के पूजन के बाद उनको अर्घ्य देना चाहिए और दिन के समय सूर्य भगवान जी को भी अर्घ्य देना चाहिए। कहा जाता है चंद्र अर्घ्य के बिना रखे गए व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता है। मान्ताओं के अनुसार इस दिन घड़े में कच्चे अन्न को डाल कर दान के रूप में किसी गरीब या ज़रुरतमंद को देना चाहिए।

 

चैत्र पूर्णिमा का महत्व – Chaitra Purnima Ka Mahatva

चैत्र पूर्णिमा 2023 – भारतवर्ष में मनाई जाने वाली चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है। कई राज्यों में हनुमान जयंती के रूप मनाए जाना वाला यह पर्व दरिद्रता और कष्टों को जीवन से दूर करता है। इस पवित्र दिन पर तुलसी स्नान बहुत महत्व माना गया है, जिसका प्रयोग पूजा में किया जाता है। यह दिन इतना पवित्र है कि यदि इस दिन पवित्र गंगा में स्नान किया जाए तो मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है।

चैत्र पूर्णिमा 2023 – यदि गंगा जी में स्नान कर पाना संभव न हो तो इस दिन जल में तुलसी के पत्ते डालकर भगवान श्री विष्णु का मन में उच्चारण करके स्नान करना चाहिए  जिससे पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन को स्नान से आरंभ कर दान करके पूजा से समाप्त करना चाहिए। इस दिन किए गए दान को श्रेष्ठ माना गया है। अंत में बड़े बुजुर्गाें का आर्शीवाद आवश्य लेना चाहिए।

चैत्र पूर्णिमा 2023 – इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी योगमाया की सहायता से ब्रज में राज उत्सव किया था। जिसको श्री कृष्ण ने पूरी रात हजारों गोपियों के साथ नाच कर मनाया था। इस मान्यता को मूल मानकर कई क्षेत्रों में चैत्र पूर्णिमा का आयोजन किया जाता है। वहीं कुछ स्थानों में कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन को हनुमान जयंती मानते हैं। लेकिन कुछ स्थानों पर मान्यताओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जी के जन्म का दिन माना जाता है। पुराणों में इन दिन दोनों तिथियों का वर्णन देखने को मिलता है, जिसमें एक तिथि को विजय अभिनंदन महोत्सव कहा गया है। उत्तर और मध्य भारत की जगहों पर इसे हनुमान जयंती के रूप में आयोजित किया जाता है।

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