रामदेवरा मेला – Ramdevra Mela- आइए दोस्तों आज हम बात करेंगे राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव के मेले के बारे में। यह मेला कब और कहा लगता है एवं इस मेले का इतिहास क्या है। आज हम जानेंगे इन सभी बातो के बारे में। भादवा का मेला राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव जी के मंदिर में प्रत्येक वर्ष आयोजित होता है। इस मेले में देश के कोने-कोने से लाखो की संख्या में यहाँ पर श्रद्धालु आते हैं। बाबा रामदेव की आस्था में भादवा का मेला बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। क्योंकि बाबा रामदेव जी को हिंदू धर्म के लोग ही नहीं मुस्लिम धर्म के लोग भी इन्हे मानते हैं। और उनकी इबादत भी करते हैं।
वर्तमान समय के दौर में राजस्थान के अलग अलग स्थानों में बने हुए मंदिरों पर अलग अलग तारीखो को इस मेले का आयोजन किया जाता है। इनके भक्तो में में रामदेव जी के प्रति अत्यंत और अद्भुत श्रद्धा का भाव है और आस्था भी देखने को मिल जाती है। पूरे 1 महीने तक रामदेव जी के मुख्य मंदिर में और रामदेव जी की समाधि स्थल राजस्थान के जैसलमेर जिले के रामदेवरा नामक गांव मे भी रामदेवरा मेला का आयोजन किया जाता है।
बाबा रामदेव जी राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता हैं. क्युकी छोटी उम्र से ही वे चमत्कार करने और लोगों की मदद करने के लिए जाने जाते थे, विशेषकर गरीबों और पिछड़े वर्गों के लिए। उनके दयालु कार्यों, उपचारों और चमत्कारों ने उन्हें एक दिव्य व्यक्तित्व के रूप में प्रसिद्ध कर दिया। उनकी शिक्षाएं, चमत्कार, और उनके दिव्य शक्तियों में विश्वास ने उन्हें देवता का दर्जा दिलाया। वे विशेष रूप से राजस्थान और भारत के अन्य भागों में मेघवाल और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों द्वारा पूजे जाते हैं।
राजस्थान राज्य के प्रसिद्ध लोक देवता रामदेव जी को राजस्थान के जैसे ही गुजरात के लोग भी इन्हे मानते है और पूजते है। गुजरात के लोग रामदेव जी के दर्शन करने हेतु हर वर्ष वे रामदेवरा आते हैं। आमतौर पर हर वर्ष श्रावण के महीने से ही लोग रामदेवरा के भादवा मेले के लिए पद यात्रा का शुभारम्भ कर देते हैं।
आपको बता दें कि रामदेव जी की समाधि वाले स्थान रामदेवरा पर आयोजित होने वाले इस भादवा रामदेवरा मेला में पद यात्रा करके इस मेले में सम्मिलित होने की रिवाज पिछले कई वर्षों से लगातार चली आ रही है। लोगों की ऐसी मान्यताओं के आधार पर जो भी व्यक्ति पद यात्रा करते हुए बाबा रामदेव जी की समाधि स्थल पर भादवा के महीने में यहाँ पर आता है। उसकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं बाबा पूरी करते हैं। और खुशियो से उनका जीवन भर देते है।
रामदेवजी मंदिर में उत्सव भाद्रपद के महत्वपूर्ण महीने में होता है। यह उत्सव भारत के राजस्थान के जैसलमेर जिले में पोखरण से 12 किमी उत्तर में स्थित रामदेवरा में होता है। 2024 में, रामदेवरा मेला और उत्सव 5 सितंबर से 13 सितंबर तक आयोजित करने की योजना है,
भादवा का रामदेवरा मेला राजस्थान राज्य के जैसलमेर में नामक एक गांव में रामदेव जी के समाधि वाले स्थान पर और उनके मुख्य मंदिर में भाद्रपद सुदी के बीज की शुरुआत की जाती है। जिसे वहा की स्थानीय भाषा में “बाबा का मेला” एवं “भादवा का मेला” भी कहते हैं।
प्रत्येक वर्ष इस मेले का आयोजन बड़े ही धूम धाम से बड़े पैमाने पर किया जाता है। यह मेला श्रद्धालुओं के उत्साह एवं धूम-धाम के साथ पूरे 1 महीने तक लगातार आयोजित होने के बाद संपन्न किया जाता है। इस वर्ष भादवा का मेला शुक्रवार के दिन यानि 13 सितम्बर 2024 से भादवा सुदी बीज के दिन है। तो इसी दिन दे इस मेले का आगाज हो जायेगा।
रामदेवरा मेला हर साल राजस्थान के जैसलमेर जिले के रामदेवरा गाँव में आयोजित होता है। यह मेला बाबा रामदेवजी की स्मृति में आयोजित किया जाता है, जो हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों में पूजनीय संत माने जाते हैं।रामदेवरा मेला भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से भाद्रपद शुक्ल दशमी तक चलता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में आता है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा रामदेवजी के मंदिर में दर्शन करने और उनकी समाधि पर श्रद्धा अर्पित करने के लिए आते हैं।
श्रावण महीने की शुरुआत से ही गुजरात एवं राजस्थान राज्य के कोने-कोने से श्रद्धालु पद यात्रा करते हुए पश्चिम राजस्थान की ओर चल पड़ते हैं। क्योंकि पश्चिम राजस्थान मे ही पोकरण के समीप रामदेवरा गांव है जहां पर राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता कहलाये जाने वाले बाबा रामदेव जी का मुख्य एवं प्रसिद्ध मंदिर है।
यही पर ही रामदेव जी महाराज ने जीवित समाधि ले ली थी। इसी कारण रामदेवरा में बाबा रामदेव जी के मेले का आयोजन किया जाता है। रामदेवरा को यहाँ की स्थानीय भाषा में ‘रुणिचा’ कह कर के भी पुकारते हैं। इस वर्ष रामदेवरा में बाबा रामदेव जी का मेला 13 सितम्बर 2024 को यानि शुक्रवार के दिन से ही भादवा का मेला का आयोजन किया जायेगा।
रामदेवरा मेला के
आयोजन में मन्दिर प्रशासन एवं स्थानीय लोगों के द्वारा भी विशेष योगदान दिया जाता है। मंदिर प्रशासन के द्वारा इस मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। इसके लिए यहाँ पर कई प्रकार की सुविधाएँ भी की जाती है। ताकि यहाँ आने वाले सभी श्रद्धालु आनंद के साथ इस मेले का लाभ ले सकें।
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