गायत्री माता, जिन्हे गायत्री देवी के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण देवी हैं। और विशेष रूप से हिंदुओं के द्वारा पूजनीय हैं। गायत्री माता, देवी सरस्वती का एक रूप भी मानते है। ऐसा माना जाता है कि प्रतिदिन श्री गायत्री माता की आरती करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। और इसे एक शक्तिशाली साधना भी माना जाता है। श्री गायत्री माता की आरती लगभग हर घर और मंदिर में सुनाई जाती है। क्योंकि यह देवी को समर्पित है एवं सबसे महत्वपूर्ण आरती में से एक माना जाता है। श्री गायत्री माता की आरती में देवी की स्तुति करने और उनसे मार्गदर्शन, शक्ति और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने वाले विभिन्न छंद भी शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि श्री गायत्री माता की आरती करने से शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उत्थान भी होता है। गायत्री माता की आरती हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। और गायत्री देवी के प्रति श्रद्धा और भक्ति दिखाने का एक तरीका है।
जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री ।
दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे ।
भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि ।
अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता ।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे ।
कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी ।
जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे ।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै ।
विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये ।
शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता ॥
Jayati Jai Gayatri Mata, Jayati Jai Gayatri Mata।
Sat Marag Par Hamen Chalao, Jo Hai Sukhadata॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Aadi Shakti Tum Alakh Niranjan Jagapalak Kartri।
Dukh Shok, Bhay, Klesh Kalash Daridra Dainy Hatri॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Brahm Rupini, Pranat Palin Jagat Dhatra Ambe।
Bhav Bhayahari, Jan-Hitakari, Sukhada Jagadambe॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Bhay Harini, Bhavatarini, Anagheaj Aanand Rashi।
Avikari, Akhahari, Avichalit, Amale, Avinashi॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Kaamadhenu Satachit Aanand Jai Ganga Geeta।
Savita Ki Shashvat, Shakti Tum Savitri Sita॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Rig, Yaju Saam, Atharv Pranayani, Pranav Mahamahime।
Kundalini Sahastra Sushuman Shobha Gun Garime॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Swaha, Svadha, Shachi Brahmani Radha Rudrani।
Jai Sataroopa, Vani, Vidya, Kamala Kalyani॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Janani Ham Hain Deen-Heen, DuKh-Daridra Ke Ghere।
Yadpi Kutil, Kapati Kapoot Tau Balak Hain Tere॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Snehasani Karunamay Mata Charan Sharan Deejai।
Vilakh Rahe Ham Shishu Sut Tere Daya Drashti Keejai॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Kaam, Krodh, Mad, Lobh, Dambh, Durbhav Dvesh Hariye।
Shuddh Buddhi Nishpap Hrday Man Ko Pavitra Kariye॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Tum Samarth Sab Bhanti Tarini Tushti-Pushti Ddata।
Sat Marg Par Hamen Chalao, Jo Hai Sukhadata॥
॥ Jayati Jai Gayatri Mata…॥
Jayati Jai Gayatri Mata, Jayati Jai Gayatri Mata।
Sat Marag Par Hamen Chalao, Jo Hai Sukhadata॥
गायत्री माता की आरती के अलावा आप गायत्री माता का भजन भी सुन सकते है।
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