January 31, 2025
Holika Dahan Muhurat 2025 | होलिका दहन 2025 शुभ मुहूर्त और किस तिथि को होली आएगी
आइए जानें वर्ष 2025 में होलिका दहन के सभी शुभ मुहूर्तों के बारे में। इस लेख में आपको होलिका दहन की तिथि, शुभ समय और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से मिलेगी।
होलिका दहन 2025 पूरे भारतवर्ष में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है, जिसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन जलने वाली अग्नि राक्षसी होलिका के अंत का प्रतीक होती है, इसलिए इसे जलाने वाली होली या कामदु पियरे भी कहा जाता है।
होलिका दहन के शुभ मुहूर्त का निर्धारण भद्र तीर्थ की व्यापकता के आधार पर किया जाता है। पूर्णिमा तिथि के दौरान, प्रदोष काल के मुहूर्त में होलिका दहन की चिता को जलाना शुभ माना जाता है। आमतौर पर, सूर्यास्त के बाद ही प्रदोष काल आरंभ होता है। इसलिए, इस दिन के शुभ मुहूर्तों की जानकारी होना अति आवश्यक है।
होलिका दहन 2025 कब है – Holika Dahan 2025 Kab Hai
इस साल 2024 में होलिका दहन का पर्व 24 मार्च को मनाया जायेगा।
होलिका दहन का मुहूर्त – Holika Dahan Ka Muhurat
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इस साल 2025 में होलिका दहन का पर्व 24 मार्च को मनाया जायेगा।
इस के अगले दिन 25 मार्च 2024 को रंग वाली होली खेली जाएगी।
हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा की तिथि 24 मार्च 2024 को सुबह 09:54 बजे शुरू होगी और समाप्ति 25 मार्च 2024 को दोपहर 12:29 PM बजे होगी।
होली की पौराणिक कथा – Holi Ki Pouranik Katha
होलिका दहन 2025 हमारी पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिरण्यकश्यप नाम का असुर राजा अपने अहंकार में चूर होकर अपनेआप को भगवान समझने लगा था। इसके चलते उसने अपने राज्य में भगवान का नाम लेने या भगवान की पूजा-प्रार्थना करने पर भी रोक लगा दी थी।
होलिका दहन 2024 – लेकिन खुद हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद स्वंम भगवान श्री विष्णु का भक्त था। हिरण्यकश्यप ने अपने ही पुत्र का वध करने का निर्णय लिया। इसके लिए उसकी बहन होलिका ने अपने भतीजे प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई। इस आग में होलिका तो जल गई परन्तु प्रह्लाद बच गया, जबकि होलिका को आग में न जलने का वरदान भी प्राप्त था।
होलिका दहन 2024 – तब से ही श्री हरी भक्त प्रह्लाद की याद में ही होलिका दहन किया जाने लगा। ऐसी मान्यता है कि इस आग में सभी की बुराइयां जलकर खत्म हो जाती हैं। इसी कारण हम लोग आज भी होली का दहन की परंपरा को निभा रहे है।
होलिका दहन से जुड़ी गहन जानकारी – Holika Dahan Se Judi Gahan Jankari
- होलिका दहन 2024 – प्राचीन काल से होलिका की चिता को आग लगाने की परंपरा भद्रासमाप्त होने के बाद ही करते आ रहे है। लेकिन यदि भद्रा का समय प्रत्येक वर्ष एक जैसा नहीं होता इसलिए भद्रा पुंछा और भद्रा मुखा के मुहूर्त के बारे जानकारी होना आवश्यक है। क्योंकि भद्रा के समय के ध्यान में रखकर ही होलिका दहन किया जाता है। भद्रा का समय यदि मध्य रात्रि से पहले का हो तो भद्रा पूंछ के मुहूर्त में होलिका को जलाना चाहिए।
- होलिका दहन 2024 – होलिका दहन की प्रज्वलित अग्नि की पांच बार की गई परिक्रमा से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस अग्नि को दहनशील वस्तुओं, लकड़ी, गोबर के उपले आदि चीजों के प्रयोग से जलाया जाता है। जिसे कई दिनों पूर्व इकट्ठा करना आरम्भ कर दिया जाता है। आपको याद दिला दें कि पिछले वर्ष होलिका दहन का समय 28 मार्च को शाम 6:38 बजे से रात 8:57 बजे तक था।
- होलिका दहन 2024 – चाहे कोई भी परिस्थिति सामने आ जाए, भद्रा मुखा के समय को इसके लिए बहुत अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इससे मनुष्य का भाग्य साथ देना छोड़ देता है और जीवन में दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थियों का सामना करना पड़ता है। यदि किसी को इन सब नियमों के बारे में थोड़ा सा भी ज्ञान नहीं है तो किसी ज्योतिष शास्त्र के विद्वान या पंडित की सहायता से पूजा करवानी चाहिए।
- होलिका दहन 2024 – हमारे प्राचीन काल समय से ही होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व माना जाता है। ये रंगो का त्यौहार है। होलिका दहन के अगले दिन सनातनी धर्म के लोग एकदूसरे को रंग लगाकर अपनी खुशियां बांटते है। सभी रंगो में गुलाल का अपना अलग ही महत्व है। इस दिन सभी लोग रंगो से होली खेलते है मिठाइयां खाते है। और भारत के कुछ हिस्सों में इस दिन भांग भी पीते है।