जया किशोरी जी एक प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता, कथावाचक और भक्ति भजन गायिका हैं। उन्होंने बहुत ही कम आयु में अपनी मिठास और भगवान के प्रति भक्ति व प्रेम से करोड़ों लोगों का मन मोहित किया है, उनका जीवन प्रेरणा से कम नहीं है। जब उन्होंने नानी बाई रो मायरो को अपनी सम्मोहित आवाज में गाती हैं, तो श्रद्धालु झूमने को मजबूर हो जाते हैं।
राजस्थान के छोटे से गांव सुजानगढ़ में एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में जन्मी जया किशोरी जी का वास्तविक नाम जया शर्मा है। उनकी जन्म दिनांक 13 जुलाई 1995 है। जया किशोरी जी के पिता का नाम शिव शंकर शर्मा और उनकी माता का नाम गीता देवी है और उनकी एक बहन भी है जिसका नाम चेतना शर्मा है। वह अपने सभी भाई बहनों से बड़ी है। बचपन से ही घर में भक्तिमय वातावरण के कारण, भगवान की कथाओं और भजनों में उनकी रुचि बढ़ गई। छोटी उम्र से ही जया किशोरी जी अपने दादा-दादी से श्री कृष्ण जी की कथा और भजन सुनती आयी है, इसी कारण उनका कृष्ण भगवान के प्रति भक्ति भाव अत्यंत बढ़ गया।
ऐसा नहीं है की उन्होंने सिर्फ भगवत कथा या भजन ही पढ़े है उन्होंने साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी पूरी की है, उन्होंने अपनी स्कूली पढाई कोलकाता के महादेवी बिडला वर्ल्ड एकेडमी स्कूल से की है और बाद में उन्होंने बी.कॉम लेके अपनी कॉलेज की पढाई पूरी की हैं। जया किशोरी जी ने अपनी ९ वर्ष की आयु में ही भगवान के भजन याद करना और गाना शरू कर दिए । इस आयु में उन्होंने संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम्, मधुराष्टकम्, श्रीरुद्राष्टकम्, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् आदि स्तोत्रों को गाकर अनेक लोगो का मन जीत लिया।
फिर 10 वर्ष की आयु में उन्होंने सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड गाकर लाखों लोगों के दिलों में विशेष जगह बना ली। उनके गुरु पं. श्री गोविंदरामजी मिश्र ने भगवान कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को देखते हुए उन्हें “किशोरी जी” की उपाधि दी। जया जी का कहना है कि वह लंबे समय तक अपने गुरु को नहीं पा सकीं।
अपनी कथाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से आने वाला चंदा जया किशोरी जी उदयपुर की एक संस्था ‘नारायण सेवा संस्थान‘ को दान के रूप में दान करती हैं। यह संस्था अलग-अलग विकलांगों और अपंग व्यक्तियों के लिए एक अस्पताल चलाती है और गरीबों की सेवा करती है। नारायण सेवा संस्थान द्वारा कई गौशालाएँ भी चलाई जाती हैं।
जया किशोरी जी बेहद सादा जीवन जीने में विश्वास रखती हैं, उनका कहना है कि तकनीक के कारण बच्चों का जीवन मोबाइल और लैपटॉप तक सिमट गया है, जिसके कारण बच्चों में मूल्यों की कमी साफ देखी जा सकती है। आज के युवा बुजुर्गों और माता-पिता का सम्मान नहीं करते हैं, संतों और तपस्वियों का अनादर करते हैं, सामाजिक मानदंडों को तोड़ते हैं। यह इस बात क संकेत करता हैं कि हम अपने संस्कारों और रीति रिवाज को भूलते जा रहे हैं। उन्होंने इन सभी बातो को अपने भजन और कथाओ में पिरोकर समूर्ण समाज को संदेश देने का प्रयास करती है।
जिस उम्र में लड़कियों को घूमना और श्रृंगार करना पसंद होता है, जया किशोरी जी भगवान की भक्ति में लीन रहा पसंद करती हैं, उनका मानना है कि भगवान की भक्ति ही जीवन की सही डोर है। जया किशोरी जी को भगवान खाटू श्यामजी पर अटूट विश्वास है, यही वजह है कि वह हर साल राजस्थान में अपने पूरे परिवार के साथ खाटूश्यामजी के मंदिर दर्शन करने जाती हैं। इस दौरान जया किशोरी जी के संदर्भ में दो-तीन दिनों तक पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है। वह बचपन में भगवान कृष्ण के लिए एक शास्त्रीय नृत्य भी करती थीं, उनका पालन-पोषण एक ऐसे परिवार में हुआ, जिसे कृष्ण की भक्ति में बहुत विश्वास है। आज जया किशोरी कथा और भजन गायक के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर हैं।
अब तक जया किशोरी जी कई बड़े समारोहों में भाग ले चुकी हैं।
फेम इंडिया एशिया पोस्ट सर्वे 2019 यूथ आइकॉन “युवा” सर्वे रिपोर्ट में जया किशोरी जी 18320 प्रबुद्ध लोगों ने “अध्यातम” की श्रेणी में रखा है।
सुने जया किशोरी जी का गाया ये प्यारा भजन
अच्युतम केस्वाम कृष्ण दामोदरम
गाड़ी में बिठा ले रे बाबा
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे रामा हरे रमा
लिंगाष्टकम मृत्युंजय जाप
आज हरी आये विदुर घर
माँ बाप को मत भूलना
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाल नंदलाल
जगत के रंग क्या देखू
इतनी खात्री करवावे ईगो काई लगे
उन्होंने अपनी मधुर आवाज से कई भजन गाए। आप भी इन सभी भजनों को सुनें और उनका आनंद लें।
जया किशोरी ने अपने श्रोताओं को सलाह देते हुए कहती हैं की अन्याय को कभी बर्दाश्त न करें क्योंकि अन्यायी और सहने वाला दोनों ही दोषी होते हैं, इसलिए कभी भी अन्याय को सहन न करें, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं, लेकिन कभी भी अनावश्यक झगड़ों में न पड़ें। यह हमेशा जवाब देने के लिए आवश्यक नहीं है यदि आपके सामने वाला व्यक्ति कुछ कहता है जो खुद को अच्छा न लगे, तो बस जवाब देने के बजाय शांत रहें। जया किशोरी जी कहती हैं कि ऊपर वाला जवाब देगा और जब वह जवाब देगा तो पूरी दुनिया देखती है। तो आप उत्तर न दें, ,वो जवाब समय देगा। ताकि उसे अपनी गलती का एहसास हो और एक वास्तविक अर्थ में, उसे उत्तर कहा जाए।
अन्याय को कभी सहन न करें, लेकिन आपके पास सहनशक्ति होनी चाहिए ताकि चीजों को नजरअंदाज किया जा सके और आगे बढ़ सकें। वह कहती है कि अगर आप किसी भी बेगुनाह को दुःख व परेशान करोगे, तो एक दिन आपको भुगतान करना होगा। ईश्वर उस मामूली चोट का भी हिसाब रखता है जो उसने किसी निर्दोष को दी थी।
हर कोई जया किशोर जी के पति का नाम जानना चाहता है। लेकिन उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा हैं कि वे कोई साधु या सन्यासिनी नहीं हैं, मात्र एक सामान्य महिला है। उन्होंने कहा की उनकी अभी शादी नहीं हुई है, इसमें बहुत देर है और वे यह कभी भी नहीं चाहेंगी कि शादी के कारण उनकी कथा प्रभावित हो। वे कथा छोड़कर शादी करना पसंद नहीं करेगी।
जो बदलता है वो आगे बढ़ता है।
बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं
क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी
जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है।जीतने वाला ही नहीं बल्कि कहां पर हारना है,
ये जानने वाला भी महान होता है।महानता कभी न गिरने में नहीं बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है।
ये क्या सोचेंगे? वो क्या सोचेंगे? दुनिया क्या सोचेगी?
इससे ऊपर उठकर कुछ सोच, जिन्दगीं सुकून का दूसरा नाम हो जाएगी।किसी ने कहा अच्छे कर्म करो तो स्वर्ग मिलेगा
मै कहती हूँ माँ बाप की सेवा करो धरती पे ही स्वर्ग मिलेगा।
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