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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114अपनी संतान की समय पर शादी करवाना हर माता-पिता व परिवार का एक सपना होता है। बच्चों के प्रति जिम्मेदारियों में, विवाह समय पर और सही घर में करवाना एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। आज के समय में कई युवा विवाह समय पर न होने की वजह से चिंतित हैं और इस कारण से अपने रोज़मर्रा के काम तक ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में विवाह से पूर्व या विवाह के समय आने वाली अड़चनों के कारणों की विस्तार में व्याख्या की गई है। विवाह में बाधा करने वाले कारणों के बारे में जानने के बाद, बताए गए उपायों को सही ढंग से करके आप इस गंभीर विवाह न होने की समस्या को खत्म कर सकते हैं।
कई लोग ज्योतिष शास्त्र की इन बातों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और फलस्वरूप उनको रिश्ते नहीं मिल पाते और अगर मिल भी जाए तो किसी न किसी वजह से शादी तक बात नहीं पहुँच पाती। ऐसे में धीरे-धीरे उनकी उम्र बढ़ती जाती है और लोग व रिश्तेदार भी बातें बनाना शुरू कर देते हैं, जिससे शादी के लिए कन्या व वर ढूंढने में और भी ज्यादा कठिनाई हो जाती है। ऐसे में हमें ज्योतिष शास्त्र की मदद से विवाह न हो पाने के कारण को जानना चाहिए। आइए अब हम कारण, दोष और ग्रहों के बारे में चर्चा करते हैं जिसकी वजह से लोग वैवाहिक जीवन की खुशी से वंचित रह जाते हैं।
शुक्र के बलहीन होने पर विवाह में अड़चन आना एक सामान्य बात है क्योंकि शुक्र को प्रेम का अधिराज माना जाता है। शुक्र के कमजोर होने पर विवाह ही नहीं बल्कि जीवन के अन्य कार्याें को भी पूरा कर पाना मुश्किल हो जाता है।
नीच राशि मकर में स्थित होने पर या सूर्य ग्रह के प्रभुत्व में आकर बृहस्पति ग्रह बलहीन हो जाता है। ऐसे में ग्रहों से पीड़ित हो कर बृहस्पति अस्त हो जाता है, जिसके कारण निश्चित ही जातक को विवाह न होने की परेशानी का सामना करना ही पड़ता है।
शनि एक ऐसा ग्रह है जिसकी खराब दृष्टि के कारण जीवन तक को खतरा बना रहता और दुर्घटना होने की संभावनाएं बनी रहती हैं, तो विवाह में बाधा आना तो एक साधारण सी बात है। शनि के उपाय करने से शादी समय पर हो जाने के काफी रास्ते खुल जाते हैं।
सप्तमेश की स्थिति छह, आठ और बारह भाव में हो तो यह बलहीन पड़ जाता है, इसके अलावा अगर जातक का सप्तमेश नीच राशि में हो या बुरे ग्रहों के प्रभाव में आ गया हो, तो भी यह कमजोर पड़ जाता है और विवाह में देरी करता है।
यह एक ऐसा दोष है जो जातक की शादी में बाधा डालता है, लेकिन फिर भी जातक किसी तरह से वैवाहिक जीवन में आ जाता है तो घर में कलह और लड़ाई-झगड़े होते ही रहते हैं। इसलिए इसके बुरे प्रभाव को कम करने के लिए दोनों मांगलिक दोष वालों को ही विवाह के लिए चुना जाता है। इसी तरह नवांश कुंडली दोष का समाधान करना भी काफी आवश्यक है, यह भी प्रत्यक्ष रूप से विवाह में रुकावट डालने का काम करता है। इसके उपाय करना भी वैवाहिक सुख पाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
ज्योतिष शास्त्र में गंभीर दोष व ग्रहों के समाधान हेतु उपायों को करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इनको विधि-विधान से करना बहुत जरूरी है, परंतु मानव जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान ज्योतिष शास्त्र में उपलब्ध है।
• जातक मंगलवार के दिन चंडिका स्तोत्र का पाठ और शनिवार को सुंदर काण्ड का पाठ करके मांगलिक दोष के प्रभाव को कम कर सकता है।
• शीघ्र विवाह के लिए केले के वृक्ष को जल चढ़ाना चाहिए और शुद्ध घी का दीपक जला कर पूजा करनी चाहिए।
• दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रतिदिन करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
• अविवाहित व्यक्ति को हमेशा शरीर पर पीले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। यह जल्दी विवाह के लिए सबसे सरल व कारगर उपाय है।
• गाय में करोड़ो देवी-देवता बसते हैं, गाय को रोटी व आटे के पेड़े खिलाने से विवाह की कामना पूर्ण हो जाती है।
• जातक को प्रत्येक गुरूवार के दिन जल में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए, इससे विवाह होने से पहले आने वाली बाधाएं कम हो जाएंगी।
• प्रत्येक शुक्रवार की रात को आठ छुआरों को उबालकर अपने तकिये के नीचे रखकर सोना चाहिए और सुबह उन छुआरों को चलते पानी में बहा देना चाहिए। जिनकी विवाह की आयु हो चुकी है और शादी होने में समस्याएं आ रही हैं, उनके लिए यह उपाय बहुत लाभदायक है।
• सोलह सोमवार के व्रत और बृहस्पतिवार व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ करने से विवाह के योग काफी जल्दी बनते हैं।
शीघ्र विवाह के लिए आसान ज्योतिष उपाय एवं विवाह में बाधा आने के मुख्य कारण
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