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सोमवती अमावस्या 2024 – आइये जानते है सोमवती अमावस्या 2024 कब है ? सोमवती अमावस्या का दिन पूरे भारतवर्ष में मनाए जाने वाला पर्व है, यह दिवस भगवान शिव को अर्पित होता है। अमावस्या प्रत्येक माह में आती है जिसमें चंद्र देव के दर्शन नहीं हो पाते। वर्ष में आने वाली बारह अमावस्याओं का अपना महत्व होता है और प्रत्येक उत्सव को मनाए जाने के पीछे सर्व-मान्य पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई होती है। अमावसी के इस दिन से चंद्रमा के प्रकाश के पखवाड़े का आरंभ हो जाता है। इसलिए इसे चंद्रमा दिवस मानकर भी मनाया जाता है और साल में 12 बार अमावस्या की रात आती है।
सोमवती अमावस्या 2024 – हिंदू संस्कृति में अमावस्या के दिवस को अनुष्ठानों और परंपराओं का पालन करते हुए मनाया जाता है। अमावस्या की रात महीने में सबसे अधिक अंधकार से भरी हुई रात होती है। इसे वर्ष का सबसे प्रभावशाली समय माना जाता है
सोमवती अमावस्या 2024 – इसलिए इस दिन की गई पूजा भी बहुत शुभ होती है। सोमवती अमावस्या के उत्सव पर भगवान शिव को व्रत द्वारा प्रसन्न किया जाता है। महिलाएं सोमवती अमावस्या के व्रत को अपने पति की दीघार्यु की कामना से रखती हैं। यह व्रत लिंग विशिष्ठ नहीं होता, इसे कोई व्यक्ति रख सकता है।
सोमवती अमावस्या 2024 – सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। यह बहुत पवित्र दिन होता है और संयोग से सोमवार के दिन अमावस्या होती है। सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है।
सोमवती अमावस्या 2024
इस साल 2024 में सोमवती अमावश्या 8 अप्रैल को आएगी।
सोमवती अमावस्या 2024 – इस दिन की गई पूजा से नाकारात्मक विचार दूर हो जाते हैं। भगवान शिव के उपासकों द्वारा बड़े स्तर पर यज्ञों का आयोजन किया जाता है। इस दिन की पूजा को अमावस्या तिथि के अनुसार ही मनाया जाना चाहिए। इस समय को हिंदू पंचांग के अनुसार बताया गया है। इस समय के बाद की गई पूजा सामान्य पूजा की भांति ही फलदायी होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्योदय साथ नए दिन का आरंभ होता है। इसलिए वर्तमान समय में प्रयोग किए जाने वाले कैलेंडर के हिसाब से यह दिन दो तिथियों के बीच की अवधि का होता है।
सोमवती अमावस्या 2024 – कथा के अनुसार एक ब्राह्मण परिवार था जिसमें सात बेटे और एक बेटी थी। सभी बेटों का विवाह हो चुका था लेकिन अभी तक बेटी की शादी नहीं हुई थी। इस कारण से ब्राह्मण और उसकी पत्नी काफी दुखी थे। एक साधु बहुधा उनके घर भिक्षा लेने आता रहता था। वह साधु सभी बहूओं और बेटों को सुखद जीवन का आशीर्वाद देता था, लेकिन उसकी बेटी के समय वह आशीर्वाद नहीं देता था। ऐसा देखकर उस ब्राह्मण ने अपनी बेटी की कुंडली को दिखाने का निर्णय लिया।
सोमवती अमावस्या 2024 – पंडित ने जब उस कन्या की कुंडली को देखा तो उसमें विवाह के अशुभ योग बने हुए थे। कन्या के इस योग के अनुसार यदि उसकी बेटी की शादी हो भी जाती है तो वह विधवा हो जाएगी। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के उस विद्वान ने बेटी से सिंघल नाम के द्वीप पर जाने को कहा और बताया कि वहां पर आपको एक धोबिन मिलेगी जोकि इसका उपाय आपको बता देगी।
सोमवती अमावस्या 2024 – पंडित की आज्ञा का पालन करते हुए वह कन्या अपने भाई के साथ उस टापू तक पहुंचने के लिए यात्रा पर निकल गई। द्वीप तक पहुंचने का रास्ता जटिल था। रास्ते के दौरान कन्या को एक गिद्ध का घोंसला दिखाई दिया। उस घोंसले में गिद्ध के बच्चे थे। उस घोंसले के पास एक सांप घूम रहा था और कुछ ही समय में सांप घोंसले के पास जाने लगा। गिद्ध के बच्चों की जान को संकट में देख उस कन्या ने सांप को मार दिया। तब गिद्ध ने अपने बच्चों को सही हालात में पाकर उस कन्या को उस धोबिन के आवास तक पहुंचाया। इस रास्ते को तय करते समय उस कन्या ने पीपल के वृक्ष का पूजन भी किया।
सोमवती अमावस्या 2024 – धोबिन के स्थान पर पहुंचने के बाद उस कन्या ने पूरी श्रद्धा भावना के साथ उसकी सेवा की और कन्या द्वारा की गई सेवा से धोबिन बहुत प्रसन्न हुई। उसके बाद कन्या को अशुभ योग से मुक्ति दिलाने के लिए उस धोबिन ने कन्या को सोमवती अमावस्या के व्रत को करने का आदेश दिया। कन्या ने धोबिन द्वारा बताए गए अनुष्ठानों का पालन करते हुए इस व्रत को पूरे विधि विधान से किया। जिसके बाद धोबिन ने उस कन्या के माथे पर सिंदूर लगाया, जिससे कि वह उस अशुभ योग से मुक्त हो गई।
सोमवती अमावस्या 2024 –
सोमवती अमावस्या 2024 – सोमवती अमावस्या का उत्सव हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। भारत में इस दिन भगवान शंकर की विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। सभी भक्त भोलेनाथ जी का पूजन करते हैं और व्रत को पूरे अनुष्ठानों का पालन करके रखा जाता है। इस व्रत कथा को द्वापर युग में श्री कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था। कई क्षेत्रों में इस व्रत को बच्चों की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। इस दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए और यौन संबंधो को नहीं बनाना चाहिए।
सोमवती अमावस्या 2024 – शनिवार के दिन ही पीपल के पेड़ का स्पर्श करना चाहिए इसलिए सोमवार का दिन होने के कारण इस दिन पेड़ को स्पर्श करने से बचना चाहिए। यदि गलती से पीपल के वृक्ष को स्पर्श हो जाता है तो पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना के दौरान वृक्ष से क्षमा मांगनी चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए और शराब आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
सोमवती अमावस्या 2024 – इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी कष्टों का नाश हो जाता है और आने वाली बाधाओं से जीवन मुक्त हो जाता है। गंगा स्नान के साथ-साथ अन्य पवित्र नदियों में किए गए स्नान का भी समान महत्व है। पितृ तर्पण के लिए अमावस्या का दिन बहुत उत्तम माना गया है, इस दिन पूर्वजों के आशीर्वाद और उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजन किया जाता है। पितृ दोष से ग्रसित जातक इस दिन विशेष पूजा का आयोजन करते हैं। भगवान शिव के उपासकों के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है।
सोमवती अमावस्या 2024 –इस दिन की गई पूजा व आराधना से शिव शंकर बहुत शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों को अपना आशीर्वाद देते हैं। इस दिन दान करना चाहिए, सोमवती अमावस्या के दिन किए गए दान से पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन शुभ कामों को किया जाता है जैसे कि गृह प्रवेश, नई वस्तु खरीदना या नया व्यवसाय करना आदि।