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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114Shri Krishan Ki Aarti – श्रीकृषण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी के दिन हुआ था इसी लिए इस दिन सभी हिन्दू धर्म के लोग श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाते है।
Shri Krishan Ki Aarti – कई लोगो का ऐसा भी मानना है की यदि हम घर में लड्डू गोपाल को स्थापित करते है और उन्हें अपने घर के सदस्य की तरह उनका अच्छे से ख्याल रखते है तो हमारे घर में सुख शान्ति बनी रहती है भगवान् श्री कृष्ण को कलयुग का देवता भी कहते है और हिन्दू धर्म में इनकी मान्यता भी अपरम्पार है।
Shri Krishan Ki Aarti – श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग तरह तरह से उपवास भी रखते है। कई लोग पुरे दिन निराहार रहकर भी उपवास करते है तो कुछ लोग सूरज ढलने के बाद जल ग्रहण भी नहीं करते।
Shri Krishan Ki Aarti – कुछ लोगो का ऐसा मानना है की इस दिन भगवान् श्रीकृष्ण को माखन का भोग भी लगाना चाहिए क्योकि आप सभी ये जानते है की भगवान् श्री कृष्ण को माखन बहित ही प्रिय था। वही अगर देखा जाये तो इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा के पश्चात कुंज बिहारी की आरती भी जरूर करनी चाहिए।
तो आइये हम सब साथ मिलकर श्रीकृष्ण की आरती का गायन करते है
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की…. जय श्रीकृष्ण
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलाला ……. जय श्रीकृष्ण
गगन सम अंग कांति काली,राधिका चमक रही आली
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक,कस्तूरी तिलक। …… जय श्रीकृष्ण
चंद्र सी झलक,ललित छवि श्यामा प्यारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,आरती कुंजबिहारी की……… जय श्रीकृष्ण
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,देवता दरसन को तरसैं।
गगन सों सुमन रासि बरसै,बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग ग्वालिन संग।
अतुल रति गोप कुमारी की,श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की। …… जय श्रीकृष्ण
जहां ते प्रकट भई गंगा,सकल मन हारिणि श्री गंगा
स्मरन ते होत मोह भंगा,बसी शिव सीस
जटा के बीच,हरै अघ कीच,चरन छवि श्रीबनवारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की…….. जय श्रीकृष्ण
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,बज रही वृंदावन बेनू
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू …… जय श्रीकृष्ण
हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद,कटत भव फंद।
टेर सुन दीन दुखारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की। …… जय श्रीकृष्ण
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की …. जय श्रीकृष्ण