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Satya Narayan Vrat 2023| श्री सत्यनारायण व्रत:-2023 ,कब ,कैसे विधि ,महत्व और लाभ

Satya Narayan vrat 2023
November 5, 2022

श्री सत्यनारायण की पूजा कब की जाती है – Shree Satya Narayan vrat Ki Pooja Kab Ki Jati Hai 

Satya Narayan Vrat – गवान् श्री जी की पूजा और व्रत कथा का भावार्थ ये है की सत्य को ही भगवान् का स्वरुप मानकर इनकी पूजा की जाती है,श्री सतयनारायण जी की पूजा  मकर संक्रांति केसत्यनारायण  दिन,वर्ष की प्रत्येक पूर्णिमा को और गुरुवार के दिन की जाती है,गुरुवार के दिन सत्यनारायण की पूजा का विशेष महत्व होता है,

श्री सत्य नारायण की पूजन विधि – Shree Satya Narayan Ki Poojan Vidhi 

Satya Narayan Vrat – श्री सत्यनारायण की पूजा वाले दिन सूर्योदय से पहले उठ कर स्नान आदि से निवृत हो कर पूजन क तैयारी करें। भगवान् श्री सत्यनारायण की कथा को प्रारम्भ करने से पहले पूर्ण विधि विधान पूजन किया जाता है,  

Satya Narayan Vrat पूजन सामग्री एकत्रित करें – Poojan Samagri Ekatrit Karen 

धुप बत्ती,कपूर,केसर,चन्दन,रोली,रुई,सुपारी,पांच पान के पत्ते,फूल,फूलमाला,शहद,

शक्कर,गंगाजल,पंचमेवा,दूध,दही,कोई भी मिष्ठान,चौकी,आसान,केले केपत्ते,तुलसी, कलश (मिटटी या ताम्बे) का सफ़ेद,लाल,और पीला कपडा, तीन दीपक, नारियल,

ताम्बूल(लौंग लगा हुआ पान का पत्ता),आदि सामग्री को एकत्रित करें। 

Satya Narayan Vrat – तत्पश्यात पूजा केलिए बड़ी चौकी या पाटा लें और उसपर भगवान् श्री सत्यनारायण की तस्वीर को पीला या लाल कपडा बिछा कर चौकी या पाटा पर रखें। अब आसान के दाहिने ओर दीपक एवं बाए ओर घी का बड़ा दीपक को रखें। अब खुद भी भवान के आसान के सामने आसान बछा कर बैठ जाएँ और ध्यान पूर्वक पूजन करें। 

 

  • पवित्रीकरण – Pavitrikaran 

सबसे पहले बाएं हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की अनामिका,मध्यमा,व अगुष्ठा से मंत्र बोलते हुए अपने ऊपर गंगा जल का छिड़काव करें। 

 

  • पृथ्वी पूजन – Prithvi Poojan 

Satya Narayan Vrat – भगवान् श्री सत्यनारायण जी की पूजा एवं कथा करने से पहले हमे अपनी पृथ्वी का भक्ति से स्मरण करना चाहिए क्योकि भगवान् शिव ने सत्य के सहारे पृथ्वी को धारण किया हुआ है, इसी लिए ये माना जाता है की जब भी सत्यनारायण की पूजा शुरू करे तो अपने हाथ में थोड़ा सा गंगा जल लेकर पृथ्वी का ध्यान जरूर करना चाहिए। 

     

  • ध्यान मंत्र – Dhyan Mantra 

Satya Narayan Vrat – यहाँ ध्यान मंत्र से तात्पर्य ये है की जब भी हम किसी भी भगवान् की पूजा या कथा का शुभारम्भ करे तो हमे ईश्वर का ध्यान जरूर करना चाहिए इससे हमारे मन्न में चल रहे अनन्य विचार स्वतः ही दूर हो जाते है और मन्न पवित्र हो जाता है, जिसके कारण हम अपनी पूजा को साफ़ और स्वच्छ मन्न से कर सकें  और भगवान् को प्रसन्न कर सकें।  

श्री सत्यनारायण पूजन का महत्त्व – Shree Satya Narayan Poojan KA Mahatva | Satya Narayan Vrat

Satya Narayan Vrat –  सत्यनारायण जी की कथा का उल्लेख हमारे स्कन्द पूर्ण के विवाह खंड में पूर्ण रूप से किया गया है ऐसा माना जाता है की श्री सत्यनारायण जी की कथा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनां पूर्ण होती है, इसके साथ साथ ये कथा कई प्रकार  अपनी उपियोगिता को भी सिद्द करती है, भगवान् श्री सत्यनारायण की कथा से हमे एवं समाज के सभी वर्गों को सत्य की शिक्षा मिलती है,सम्पूर्ण भारत वर्ष में इस कथा का पठन – पठान पूरी भक्ति भाव से किया जाता है, 

जी भी व्यक्ति इस सत्य नारायण की कथा करते है और व्रत करते है, भगवान् श्री सत्यनारायण उनसे प्रसन्न रहते है,श्री सत्यनारायण जी की कथा गुरुवार को भी जा सकती है, हमारे वेदो, पुराणों की मान्यताओ के अनुसार मन जाता है की ये भगवान् श्री विष्णु का ही सत्य रूप है, और यर उसी की कथा है, 

Satya Narayan Vrat – हमारे पंचांग के अनुसार हर पूर्णिमा के दिन भगवान् श्री सत्यनारायण जी की पूजा व्रत, और उपासना की जाती है,इस व्रत को करने से हमारे जीवन के सभी दुःख,दरिद्रता, व संकटो का नाश होता है, और हमारे जीवन में सुख,समृद्धि,और खुशहाली आती है,

Satya Narayan Vrat – इस कथा के दो विशेष और मुख्या विषय है,एक तो संकल्प का भूलना और प्रसाद का अपमान करना। भगवान् श्री सत्यनारायण जी की व्रत कथा में छोटे छोटे अध्याय व कहानियो जरिये ये बताया गया है की सत्य कि पालना नहीं करने से हमारे जीवन में क्या क्या परेशानिया और दुःख आते है, 

Satya Narayan Vrat – सत्य को ही नारायण के रूप में पूजना उनकी स्तुति करना ही सत्यनारायण की पूजा करना होता है, इसका अर्थ ये भी माना जाता हैए की एकमात्र हरीनारायण ही सत्य है, सत्य में ही सारा संसार समाया हुआ है,सत्य के सहारे ही भगवान् शिव ने पृथ्वी को धारण किये हुए है, सत्य को अपना ईश्वर मानकर कोई भी समाज का व्यक्ति उनका पूजन करता है और कथा का उच्च स्वर में पठन – पठान करता है तो भगवान् श्री सत्य नारायण उस व्यक्ति से प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामना को पूर्ण करते है और उसे उसी के अनुकूल वर भी प्रदान करते है,

     श्री सत्यनारायण की पूजा का लाभ – Shree Satya Narayan Ki Pooja Ka Labh | Satya Narayan Vrat

Satya Narayan Vrat – भगवान् श्री सत्य नारायण की कथा के करने व्रत,पूजा आदि करने से मनुष्य को अनेको लाभ होते है जैसे की बुद्धि में परिवर्तन का आना असत्य के मार्ग पर चलने वाले को सत्य की रह पर लाना, सत्य के महत्व सभी प्राणियों को बताना,असत्य को अंत में हार का सामना करना होता है जीत हमेशा सत्य की ही होती है ऐसी प्रेरणा देना।

Satya Narayan Vrat – सत्यनारायण की पूजा करने से व्रत करने से और यदि मनुष्य सच्चे मन्न से भगवान् श्री सत्य नारायण की पूजा को प्रातः काल उठ कर स्नानं आदि से निवृत होकर पूरी विधि के साथ करता है तो भगवान् उससे प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामना को पूर्ण करते है, ऐसे व्यक्ति के घर में हमेशा सुख समृद्धि शांति और आननद का वातावरण बना रहता है, और मुख्य बात ईश्वर की भक्ति करने से मनुष्य का मन्न,मष्तिष्क शांत रहता है, ईश्वर की भक्ति से और भी अनेको लाभ मनुष्य को होते है।  

   

 

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