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Rakshabandhan Muhurat 2023 | रक्षाबंधन मुहूर्त 2023, राखी कब की है

October 8, 2021

Rakshabandhan  Muhurat 2023 , रक्षाबंधन 2023 मुहूर्त एवं कहानी 

 

हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार रक्षाबंधन सभी पर्वो  में सर्वोत्तम और सर्वोपरि माना गया है रक्षाबंधन  का इंतजार सभी भाई बहनों को होता है। वर्ष 2023 में रक्षाबंधन 30 अगस्त बुधवार  के दिन मनाया जाएगा। जैसा कि हम सब जानते हैं रक्षाबंधन का पर्व पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।  इस साल पूर्णिमा 30 अगस्त सुबह को प्रारंभ होकर 31 अगस्त सूर्य उदय तक पूर्णिमा रहेगी इस कारणवश वर्ष 2023 में रक्षाबंधन 31 अगस्त 2023 पूर्णिमा के दिन मनाया जाएगा।

रक्षाबंधन मुहूर्त 2023 इस प्रकार है

दिनांक 

तिथी 

मुहूर्त समय 

वार 

11  अगस्त

पूर्णिमा 

सुबह 08 :51  बजे से शाम 09 :17  बजे तक.

गुरूवार 

 

 क्यों मनाते हैं रक्षाबंधन?

 

 रक्षाबंधन प्रत्येक भाई बहन के प्रेम को दर्शाता है। रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी बहन को उनके जीवन में आने वाली सभी परेशानियों से लड़ने की शक्ति देता है और उनकी रक्षा का वचन देता है। बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधती है और उनसे चिरंजीवी होने की मनोकामना करती हैं। 

 

रक्षा बंधन 2023 शुभ मुहूर्त कब है ?

 

  • रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय – 09:01 पी एम
  • रक्षा बन्धन भद्रा पूँछ – 05:30 पी एम से 06:31 पी एम
  • रक्षा बन्धन भद्रा मुख – 06:31 पी एम से 08:11 पी एम
  • भद्रा के समाप्त होने पर ही प्रदोष के पश्चात मुहूर्त उपलब्ध है।
  • पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अगस्त 30, 2023 को 10:58 ए एम बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त – अगस्त 31, 2023 को 07:05 ए एम बजे

शुभ मुहूर्त जानने से पहले ये समझना बहुत जरुरी है की भद्रा मुहूर्त क्या होता है

 

 राखीबांधने की विधि

 

 जिस प्रकार हम सब जानते हैं की रक्षा सूत्र जो बहन द्वारा एक भाई को बांधा जाता है उसका महत्व बहुत बड़ा है..  यह सिर्फ एक धागा नहीं जन्म जन्मांतर का संबंध है और विश्वाश है।  एक भाई इस रक्षा सूत्र की लाज रखने के लिए अथा संभव प्रयास करता है और जीवन भर अपनी बहन की रक्षा करता है।   आइए जानते हैं कि राखी किस प्रकार बांधी जाती है।  

 

 सर्वप्रथम हमें एक पूजा की थाली लेनी चाहिए। उस थाली को मनु इच्छा अनुसार सजाना चाहिए। तत्पश्चात रोली, नारियल,  दीपक, मिठाई, चावल, पतासे, और राखी को थाली में रखना चाहिए। दाएं हाथ से भाई की मस्तिष्क पर बहन द्वारा तिलक लगाना चाहिए। दाएं हाथ में रक्षा सूत्र को बांधना चाहिए एवं दीपक को जलाकर भाई की आरती करनी चाहिए। और भाई का मुंह मीठा करना चाहिए और गले लग कर उनकी लंबी उम्र की मनोकामना करनी चाहिए।  रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार ही नहीं बल्कि भाई बहन के आपस में जोड़ने का  सूत्र है इसलिए इस त्यौहार को सर्वोपरि माना गया है। 

 

रक्षाबंधन कब और कैसे प्रारंभ हुआ?

 

 जैसा कि हम सब को ज्ञात है रक्षाबंधन भाई-बहन का पवित्र त्यौहार है परंतु रक्षाबंधन की शुरुआत दो बहनों ने की थी जो एक दूसरे के रक्षा सूत्र बांधकर एक दूसरे की रक्षा करने का प्रण लिया था।  

 

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