जानियें पुखराज रत्न क्या है? आइये जानते है असली पुखराज की कीमत एवं फायदे
जैसा की हम सब जानते है की नवग्रहों में सबसे उच्चतम एवं पूजनीय ग्रह बृहस्पति जी है और इन्हे देवताओ के गुरु होने का दर्जा प्राप्त है। परन्तु आपको ज्ञात होगा की यदि यही देवताओ के गुरु बृहस्पति ग्रह अगर क्रोध अथवा अशुभ स्थिति में हो जाये तो विभिन्न प्रकार की बाधायें एवं कष्टदाई स्थितियाँ जीवन में उत्पन्न कर देता हैं। पुखराज महाबली गृह बृहस्पति का प्रतिनिधि रत्न है इसी लिए कहा जाता है की बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए पुखराज रत्न को धारण किया जाता है
सर्वश्रेष्ठ पुखराज रत्न दो रंगो में मिलता है एक सफेद और दूसरा पिले रंग में । इसमें सफेद पुखराज सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस पावन धर्ती पर असली पुखराज रत्न बहुत जगह उपलब्ध है परन्तु कई जगह इसका व्यापर भी होने लगा है। पुखराज की परख करना भी एक कला है।
आइये जानते है की असली पुखराज रत्न की पहचान कैसे करें :-
जैसा की हम सब जानते है की पुखराज रत्न बृहस्पति का स्वरुप माना गया है । पुखराज रत्न थोड़ा महंगा रत्न मन जाता है। इसको इसलिए धारण किया जाता है क्यों की बृहस्पति गृह हमेशा मजबूत रहे और जीवन में आने वाली बाधाएं नहीं आए। आइये जानते है असली पुखराज की परख कैसे कर।
- आप अपने रत्न की शुद्धता की जांच किसी लबोरेटरी में कराये और इसका प्रमाण पत्र भी ले ।
- एक कटोरी कच्चा दूध ले और इस रत्न को पुरे दिन इस दूध में रहने दे । पुरे दिन दूध में रहने के बावजूद अगर रत्न पर किसी भी प्रकार का परिवर्तन या रंगत में कमी दिखाई नहीं देती है तो रत्न असली है।
- अब जो परख बताने जा रहे है वह पुख्ता है लेकिन इसे जीवन में घटित होने के बाद ही परखे – किसी भी प्राणी को जहरीला सांप या बिछु और कोई भी जहरीला जानवर खा जाये तो वंहा इस रत्न को रगड़ने मात्र से जहर प्राणी के शरीर से बहार आ जाता है।
- पुखराज की एक बहुत बड़ी खासियत है पुखराज हमेशा अपने आकर से ज्यादा वजनी होता है।
- गौ माता के गोबर में अगर इस रत्न को रगड़ा जाये तो इसकी चमक में पहले से ज्यादा वृद्धि हो जाती है
- अगर आप इस रत्न को सफ़ेद कपडे में बांध कर धुप की किरणों में रखेंगे तो ये रत्न कपडे के भीतर से किरणे उत्पन करेगा।
- आप पिले पुखराज को अगर अग्नि में रखेंगे तो इसका रंग सफ़ेद हो जायेगा
- असली पुखराज में एक रेशा अवश्य होता है
- अगर पुखराज के ऊपरी सिरे को तपाया जाये और अगर ये खंडित हो जाये तो ये असली नहीं है
जानिए क्यों धारण करना चाहिए पुखराज रत्न
रत्न हमारे जीवन में बहुत महत्व रखते है और ये हमारे आने वाले समय चक्र के रुख को भी बदल सकते है क्यों की ये साक्षात् ग्रहो की चल समझते है। रत्नो में अद्भुक शक्ति होती है और हर एक मनुष्य की भाग्य रेखा के अनुसार रत्नो का महत्व है इसलिए किसी विशेषज्ञ या ज्योतिष से सलाह लेकर ही इनको धारण करे। कहा जाता है की बृहस्पति बुद्धि और बल के देवता है इस कारण से पुखराज रत्न को ज्ञान प्राप्ति के लिए धारण किया जाता है
जिस व्यक्ति की कुंडली में राशि स्वामी गुरु है उन्हें इस रत्न को धारण करना चाहिए। पुखराज रत्न को धारण करने के पीछे और भी कारण है कहा जाता है की इस रत्न को धारण करने से संतान , धन दौलत और ज्ञान की बढ़ोतरी होती है।
अगर आप धर्म , न्याय और शैक्षिक क्षेत्र से कार्यरत है तो आपको इस रत्न को अवश्य धारण करना चाहि। और अगर आप प्रशासनि सेवाओं में कार्यरत है तो ये रत्न आपको बहुत उन्नति प्रदान कर सकता है
पुखराज रत्न से रोगोपचार :-
रत्न सिर्फ और सिर्फ ग्रहो की शांति , भविष्य उन्नति अपितु अनेको रोग मुक्ति के लिए किया जाता है। पुखराज रत्न का उपयोग रोग उपचार में भी किया जाता है आइये जानते है किस प्रकार हम इस रत्न से रोगो की मुक्ति कर सकते है।
- हृदय रोग – जिन भाइयो बहनो को हृदय रोग की शिकायत है उन्हें ये रत्न अवश्य धारण करना चाहिए
- रक्त चाप – रक्त चाप जैसी गंभीर बीमारी के लिए भी इस रत्न को धारण किया जाता है
- अगर आप नित्य सुबह पुखराज को अपने मुँह में रखते है तो गले से सम्बंधित रोग जैसे घाव , छाले इत्यादि कभी नहीं होंगे और मुँह की दुर्गन्ध भी कभी नहीं रहेगी
- केवड़े के जल में इस रत्न को घिसकर रोगी को पिलाने से गुर्दे से सम्बंधित रोग का निवारण होता है
- अगर किसी रोगी को पुराने से पुराण ज्वर है तो शहद में इस रत्न को घिस कर उसे चटा दे तुरंत आराम मिलेगा
पुखराज रत्न धारण करने से लाभ
– जैसा हमने पहले बताया की पुखराज रत्न बृहस्पति ग्रह का रत्न है, जो ज्ञान और भाग्य का देवता है। पुखराज पहनने से भाग्य परिवर्तन और गहन की प्राप्ति होती है
-पुखराज रत्न पहनने में बाद निर्णय लेने की शक्ति बढ़ जाती है
– अगर आपके विवाह में देरी हो रही भाई तो आप पुखरात को धारण आकर काम बनते नजर आएंगे
-वैवाहिक जीवन में कोई विवाद है तो इसको धारण करने से शांति होती है
-पुखराज मीन और धनु राशि के लिए बहुत ही लाभकारी रत्न मन गया है
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