astrocare
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114
ओशो के विचार
ओशो के विचार – जैसा की हर महापुरुष के साथ होता आ रहा है। ठीक वैसा ही ओशो के साथ भी होगा। या तो उसे भुला दिया जाएगा या फिर उसे ईश्वर के समक्ष बना दिया जाएगा। किसी को भी भुला देना बुरी बात है। परन्तु किसी व्यक्ति को ईश्वर के समक्ष बना देना भी कोई कम बुरा नहीं है। धर्म एवं ईश्वर से साथ हम सभी का रिश्ता ऐसे समझिए कि कोई हमे उंगली का इशारा करके हमे रास्ता बता रहा है। और फिर हम उस रास्ते पर चलने के जगह उस उंगली की या उस रास्ते की पूजा करने लग जाते हैं। हमने धार्मिक पुस्तकों,धर्मगुरुओं आदि के साथ भी यही किया है। यही हम ओशो के साथ भी जरूर करेंगे। उसे पूजना बंद करिये। उसे आप ईश्वर के समक्ष मत बनाइए। उंगली को नहीं रस्ते को देखिये और उस पर ही चलिए। इसलिए आज हम आप सभी को उनके वो 38 कथन बताने जा रहे हैं। जिनका मानव जीवन में उतना ही महत्त्व रखता है जितना ओशो का विश्व में है। और फिर ओशो के कहे विचारो को पढ़ने के बाद उससे विचारो से प्रभावित होने के बाद ओशो को पूजना एवं उससे प्रेम करना कोई बुरा नहीं। जैसे की आज कल लोग ‘माइकल जैक्सन’ या ‘शाहरुख़ खान’ एवं किसी अनन्य को पूजते हैं। उनके काम के चलते वे जानते हैं। जबकि कि इनकी पूजा करने से कोई इच्छा की पूर्ति नहीं होती है।
तो दोस्तों आइये आज हम जानेंगे ओशो के 38 कथनो/विचारो के बारे में।
1- ओशो के विचार – दुनिय में जो कुछ भी है वो महान है। उस पर किसी का कोई भी अधिकार नहीं हो सकता है और यह सबसे बड़ी मूर्ख बातों में से एक है की जो मनुष्य करता है उस पर मनुष्य अपना अधिकार चाहता है।
2 – मनुष्य के पास जितना काम ज्ञान होगा वह अपने ज्ञान के प्रति उतना ही हठी होगा।
3 – अंधेरा तो प्रकाश की अनुपस्थिति का सूचक है। परन्तु अहंकार जागरूकता की अनुपस्थिति का सूचक है।
4 – साहस अज्ञात के साथ-साथ एक प्रेम का सम्बन्ध भी है।
5 – ओशो के विचार – मनुष्य को किसी के साथ प्रतियोगिता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। तुम जैसे भी हो अच्छे हो।आप अपने आप को स्वीकार करो।
6 – यह दुनिया पूर्ण नहीं है। और यही एक मात्र कारण है की ये लगातार बढ़ रही है। यदि यह पूर्ण होती तो मर चुकी होती। केवल अपूर्णता का ही विकास दुनिया में संभव है।
7 – अनुशासन क्या है। अनुशासन का अर्थ है की आपके भीतर एक व्यवस्था का निर्माण करना है। तुम तो केवल एक अव्यवस्था एक केऑस हो।
8 – प्रेम एक एकालाप नहीं है यह तो एक संवाद है। यह सामंजस्यपूर्ण संवाद है।
9 – तुम अपने जीवन में तभी अर्थ को पा सकते हो जब तुम इसे निर्मित करोगे। मानव जीवन एक कविता है। जिसे लिखा जाना चाहिए। यह गाया जाने वाला गीत भी है तो यह किया जाने वाला नृत्य भी है।
10 – ओशो के विचार – प्रेम एक लक्ष्य है। प्रेम एक जीवन यात्रा भी है।
11 – जीवन में कोई विचार नहीं कोई बात नहीं कोई विकल्प भी नहीं इसी लिए शांत रहो, और केवल अपने आप से ही जुड़े रहो।
12 – मानव जीवन का असली प्रश्न ये नहीं की मृत्यु के बाद तुम्हारा अस्तित्व है या नहीं। बल्कि प्रश्न तो ये है की तुम आज जीवित हो या नहीं।
13 – यदि तुम्हें कुछ हानिकारक या कुछ नकारात्मक करना हो तभी तुम्हे ताकत की आवश्यकता होगी वरना तो प्रेम ही पर्याप्त है और करुणा ही पर्याप्त है।
14 – मनुष्य जो सोचता है वो ही बन जाता है यह मनुष्य की स्वंम की जिम्मेदारी है।
15 – ओशो के विचार – जब भी कभी व्यक्ति को दर लगे। तो तलाशना शुरू करो। और तलाशते हुए तुमको पीछे छिपी हुई मृत्यु ही मिलेगी। सभी भय मृत्यु के ही हैं। मृत्यु ही एकमात्र भय का स्रोत है।
16 – अपने बारे में तुम्हारी पूरी सोच ही उधर ली हुई है उन लोगो से जिन्हे खुद ये नहीं पता की वो कौन है।
17 – तुम एक भीड़, एक राष्ट्र, एक धर्म, एवं किसी एक जाति का ही नहीं पूरे बल्कि पूरे अस्तित्व का हिस्सा बनो। अपने को छोटी चीज़ों के लिए क्यों सीमित करते हो जबकि सब कुछ संपूर्ण रूप से उपलब्ध है।
18 – तुम दर्द से बचने केलिए सुख से बचते हो। और मृत्यु से बचने केलिए तुम जीवन से बचते हो।
19 – जितनी ज़्यादा ग़लतियां हो सकें उतनी ज़्यादा ग़लतियां तुम करो। बस इस बात का जरूर ध्यान रखना की फिर से वही ग़लती को मत दोहराना। और फिर देखना तुम प्रगति के मार्ग पर चल रहे होगे।
20 – ओशो के विचार – सितारों को देखने के लिए एक निश्चित अँधेरे की आवश्यकता होती है।
21 – तुम तलाशो मत, पूछो भी मत, ढूंढो भी मत, खटखटाओ भी मत, मांगो मत। तुम शांत हो जाओ। तुम शांत हो जाओगे तो वो आ जाएगा। तुम शांत हो जाओगे तो उसे यहीं पाओगे। तुम शांत हो जाओगे तो अपने को उसके साथ झूलते हुए ही पाओगे।
22 – धर्म गुरुओ के द्वारा इसकी निंदा करने के कारण ही सेक्स और भी आधीक आकर्षक होता चला गया।
23 – तुम जब भीं चीजों की इच्छा करो तो थोड़ा सोच लो। हर संभावना है कि इच्छा पूरी हो जाए। और फिर तुम बाद में कष्ट भुगतो।
24 – जो व्यक्ति शत प्रतिशत समझदार है। समझो की वो मकर चूका हैं।
25 – ओशो के विचार – कैद के सिवाय और कुछ भी दुःख नहीं है।
26 – प्रेमियों ने कभी भी एक दूसरे के लिए आत्मसमर्पण नहीं किया। जबकि प्रेमियों ने केवल प्रेम के लिए ही आत्मसमर्पण किया है।
27 – जो ‘जानता’ है वो जानता है किसी को कुछ बताने की कोई ज़रूरत नहीं। जानना ही काफ़ी है।
28 – विश्वास और धारणा के बीच बहुत अंतर है। विश्वास निजी है और धारणा सामाजिक है।
29 – आपके तनाव का अर्थ है कि आप कुछ और होना चाहते हैं। जो कि आप नहीं हैं।
30 – ओशो के विचार – भीड़ केवल भ्रम को ही पैदा करती है।
31 – प्रेम एक आध्यात्मिक घटना है। वासना भौतिक घटना है। अहंकार मनोवैज्ञानिक घटना है।
32 – केवल ईश्वर ही अकेला है और कोई नहीं।
33 – अपने मन के अंदर जाओ। और अपने मन का विश्लेषण करो। कहीं न कहीं पर तुमने खुद को ही धोखा दिया है।
34 – तुम खुद दुनिया में रहो। परन्तु तुम्हारे अंदर दुनिया नहीं रहनी चाहिए।
35 – ओशो के विचार – जीवन का कोई अर्थ नहीं है। बल्कि ये तो जीवन के अर्थ को बनाने का अवसर है।
36 – ज्ञान हमेशा व्यक्ति को मुक्त करता है।
37 – अपने अंदर ज्ञान को शामिल करो। और आगे बढ़ो।
38 – ओशो के विचार – जहा पर मनुष्य का डर ख़त्म होता है वही से मानव का जीवन शुरू होता है।
अन्य जानकारी :-