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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114जानियें अंक ज्योतिष क्या है? ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे साधन है जिसके द्वारा भविष्य की परिकल्पना की जाती है जैसे जन्मकुंडली में ग्रहों और नक्षत्रों की गणना, चेहरा पढ़ना जिससे व्यक्ति की आदतों और भविष्य में आने वाली बुरी परिस्थियों के बारे में बताया जाता है और हस्त ज्योतिष विज्ञान की सहायता से हाथ पर बनी रेखाओं के आकलन से जातकों के भविष्य के बारे में बताते हैं। इसी प्रकार अंक ज्योतिष भी भविष्य के ऐसे अंको को बताता है जिसके चुनने से भाग्य आपका पूरा साथ देता है और इसी के साथ आपके भविष्य का एक अनुमान लग जाता है।
इस ज्योतिष विज्ञान में विद्वान नाम के वर्णों और जन्मतिथि के अंको की गणना से एक ऐसा अंक निकालते है जिसे भाग्यांक कहा जाता है। इस भाग्यांक से भविष्य में आने वाली अच्छी व बुरी परिस्थियों का पता चल जाता है और इस एक अंक की संख्या का प्रयोग हर जगह करके आप अपने भाग्य को जगा सकते हैं। भाग्यांक शब्द से अभिप्राय है कि वह अंक जिससे आपका भाग्य आपका साथ दे अर्थात भाग्य को खोल देने वाला अंक। वास्तव में गणना द्वारा निकाला हुआ यह अंक ही जातकों के लिए भाग्यशाली होता है। प्रत्येक 1 से लेकर 9 तक के अंक किसी न किसी ग्रह से जुड़े होते हैं जिससे भविष्यवाणी करने मे सहायता मिलती है।
आकाशमंडल के इन 9 ग्रहों का मानव जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है जिससे कि स्वास्थ्य संबंधित आने वाली परेशानियों का ज्ञान भी अंक ज्योतिष से हो जाता है। अंक ज्योतिष में अंको संगणना काफी जटिल होती है। इसमें सेकंड तक के अंको का बारीकी से ध्यान रखना होता है। ग्रहों, बारह राशियों और 27 नक्षत्रों को ध्यान में रखते हुए इन भाग्यांकों से नतीजों का पता चलता है। जातक एवं जातिका की जन्म की मात्र तिथि को जोड़कर निकाला गया अंक मूलांक कहलाता है, वहीं जन्म तिथि की तिथि, माह और वर्ष की संख्याओं को जोड़कर निकाली गई एक अंक की संख्या को भाग्यांक कहा जाता है।
अंक ज्योतिष की भविष्यवाणी काफी हद तक ठीक होती है। इसमें अंकों की गणना कई प्रकार से की जाती है जिसमें वह नाम के वर्णों का प्रयोग करके अंक निकालते हैं, जातकों की जन्मतिथि के अंको की सहायता से यह भाग्यांक निकाला जाता है। अंग्रेजी वर्णमाला से की गई गणना से भविष्यवाणी गलत हो सकती है क्योंकि अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति संस्कृत के काफी बाद हुई है और अंक ज्योतिष का विज्ञान इससे काफी प्राचीन है। यदि सही तरीके से इसका प्रयोग किया जाए तो भविष्यवाणी कभी गलत नहीं होती है, अंक ज्योतिष पर हमारे ऋषि-मुनियों ने कई सालों तक काम किया है।
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