भारतीय चिंतन परंपरा के महान लेखक और एक विराट व्यक्तित्व के धनि थे नरेंद्र कोहली। इस लेखक का सम्पूर्ण जीवन अपने देश की साहित्यता को प्रकट करने में ही गुजर गया था । जैसा की हम सब जानते है राम कथा हिन्दू धर्म में कितना महत्व रखती है और इस लेखक ने राम कथा पर लिखे साहित्य से अपने जीवन को अमर बना लिया था , इनकी मृत्यु 17 अप्रैल 2021 को हुयी थी।
लेखक नरेंद्र कोहली का निधन पुरे भारत देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। साहित्यकार कमल किशोर गोयनका ने अपने शब्दों से कहा है कि नरेन्द्र कोहली का जाना एक युग का अंत है वो हमेधा हमारे दिल में रहेंगे। जिस प्रकार हनुमान जी को राम पर पर्म विश्वाश था उसी प्रकार से नरेंद्र कोहली को भगवान राम पर कटु विश्वाश था , वो सदैव कहते थे जो राम चाहेगा वही होगा। ऐसे महान पुरुष आज हमारे बिच में नहीं रहे। गोयनका के अनुसार नरेंद्र कोहली भारतीय चिंतन परंपरा के सबसे उत्तम और ज्ञानी लेखक थे।
इनके परिवार में उनकी धर्म पत्नी और दो बेटे-बहू और पोते हैं।
उन्होंने एक कार्यक्रम में स्वयं के लिए कहा था कि मुझे इंजीनियर, डॉक्टर, वास्तुकार, बड़ा अधिकारी आदि नहीं बनना था क्योंकि मैं तो बना बनाया लेखक था। “उन्होंने कहा था मैं सचिन तेंदुलकर नहीं बन सकता हूं, मुझे इसका अफसोस नहीं है क्योंकि मैं जानता हूं कि तेंदुलकर भी नरेंद्र कोहली नहीं बन सकता।”
प्रसिद्ध आलोचक डॉ. नरेंद्र कोहली के निर्देशन में ‘हिन्दी उपन्यास : सृजन एवं सिद्धांत’ विषय पर उनका शोध था। इन महान लेखक को 2017 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं इसके अलावा व्यास सम्मान, शलाका सम्मान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान, अट्टहास सम्मान भी उन्हें मिले थे वह कोई आम लेखक नहीं साहित्य की नीव रखने वाले महापुरुष थे ।
नाम | डॉ. नरेंद्र कोहली |
जन्म | 6 January 1940 |
जन्म स्थान | सिआलकोट पाकिस्तान |
पत्नी | डॉ. मधुरिमा कोहली |
मृत्यु | 17 April 2021 |
पढाई | University of Delhi (1970), Ramjas College (1963), Jamshedpur Co-operative College (1961), University of Delhi |
पुरष्कार | पद्मश्री, व्यास सम्मान, शलाका सम्मान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान, अट्टहास सम्मान |
पुत्र | कार्तिक्य कोहली , अगस्त्या कोहली |
प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली के निधन से बहुत दुख हुआ। हिंदी साहित्य जगत में उनका विशेष योगदान रहा है। उन्होंने हमारे पौराणिक आख्यानों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया। पद्मश्री से सम्मानित श्री कोहली के परिवार और पाठकों के प्रति मेरी शोक संवेदना।
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 17, 2021
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