राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित भगवान श्री गणेश को समर्पित मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। यह मंदिर जयपुर में J. L.N. मार्ग पर मोती डूंगरी के निचले भाग में स्थित है। जहां भगवान श्री विष्णु का विश्व प्रसिद्ध मंदिर बिरला भी है। मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर, में हर बुधवार को मेला लगता है। जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। ऐसी मान्यता है। कि जब भी कोई नया वाहन खरीदा जाए तो उसे मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर, लाकर उसकी पूजा की जाए ऐसा करने से वाहन शुभ माना जाता है। और किसी प्रकार के दोष से मुक्ति मिल जाती है। जयपुर एमबी रोड पर मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।
इसका एक कारण यह भी है। कि इस मंदिर का निर्माण साधारण नागर शैली में हुआ है। मंदिर के सामने कुछ सीढ़ियां है। और तीन द्वार है। और दो मंजिला भवन के बीच का जगमोहन ऊपर छत तक है और जगमोहन के चारों ओर दो मंजिला बरामदे हैं। मंदिर के पुजारी कैलाश शर्मा का आश्रम मंदिर के पिछले भाग से जुड़ा हुआ है। लोगों की आस्था के कारण यह मंदिर अपनी अलग पहचान रखता है। जयपुरी ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में लोग इस मंदिर में दर्शन करने हेतु आते हैं इस मंदिर की एक अलग पहचान यह भी है। कि यहां की दाहिनी सूंड वाले गणेश जी की विशाल प्रतिमा है। जिस पर सिंदूर का चोला और भव्य श्रृंगार किया जाता है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर यहां भक्तों की संख्या लाखों का आंकड़ा पार कर जाती है। जो देखने में काफी रोचक और आश्चर्यजनक लगता है।
माना जाता है। कि मोती डूंगरी मंदिर मैं भगवान गणेश की प्रतिमा को 1761 में जयपुर के राजा माधव सिंह की पटरानी के पीहर मावली (गुजरात) से लाया गया था हालांकि कुछ लोगों का मानना है। यह प्रतिमा 1761 से पहले भी 500 सालों से ज्यादा पुरानी मानी जाती है। इतिहासकारों का मानना है। कि यह प्रतिमा लगभग 760 साल पुरानी है।
कुछ इतिहासकारों का कहना है। कि जयपुर नगर के सेठ पल्लीवाल मूर्ति को लेकर आए थे और उन्हीं की देखरेख में मोती डूंगरी की तलहटी में मंदिर का निर्माण कराया गया।
यहां हर वर्ष गणेश चतुर्थी, नवरात्रा, दशहरा और दीपावली पर यहां विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है। सामान्य तौर पर माना जाता है। कि गणेश चतुर्थी पर यहां लगभग 50,000 से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मोती डूंगरी मंदिर को लेकर जयपुर को लोगों की एक गहरी आस्था और विश्वास है।
मान्यताओं के अनुसार जब भी कोई व्यक्ति नया वाहन खरीदना है। तो वह सबसे पहले मोती डूंगरी गणेश जी के पास ही जाता है। और वाहन को तिलक माला करके पूजा की जाती है।
इसी प्रकार जयपुर में जब भी कोई भी विवाह होता है तो सबसे पहला आमंत्रण भगवान श्री मोती डूंगरी गणेश जी को दिया जाता है और मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर ही सर्वप्रथम स्थान है आमंत्रण का । ताकि विवाह में किसी भी प्रकार का विघ्न ना पड़े और विवाह शांतिपूर्वक संपन्न हो और साथ ही साथ विवाह के पश्चात श्रद्धालु भगवान श्री गणेश को प्रसाद चढ़ाकर विदाई भी देते हैं।
विश्व भर में सुप्रसिद्ध मोती डूंगरी गणेश जी के मंदिर की एक खासियत यह भी है कि पूरी दुनिया भर में यही एक गणेश जी का मंदिर है। जहां हनुमान जी की तरह गणेश जी को भी संदूर का चोला चढ़ाया जाता है। और भव्य श्रृंगार किया जाता है।
मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से लेकर के शाम को 7:00 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। आप किसी भी दिन जाकर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। लेकिन मान्यता है। कि बुधवार को भगवान श्री गणेश के दर्शन करने से लाभ जल्दी प्राप्त होता है। और यही कारण है। कि यहां बुधवार को मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर भक्तों के सैलाब से उमड़ा रहता है। खास तौर पर जो भक्त नया वाहन खरीदते हैं वह यहां बुधवार को भगवान के दर्शन करने जरूर आते हैं।