Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the astrocare domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114
Mangala Gauri Vrat 2023 | मंगला गौरी व्रत 2023 की पूजा विधि, लाभ, उपाय तथा संपूर्ण कथा
Loading...
Mon - Sun - 24 Hourse Available
info@astroupdate.com
Mangala Gauri Vrat 2023  | मंगला गौरी व्रत 2023 की पूजा विधि, लाभ, उपाय तथा संपूर्ण कथा
December 22, 2022

Mangala Gauri Vrat 2023 | मंगला गौरी व्रत 2023 की पूजा विधि, लाभ, उपाय तथा संपूर्ण कथा

Mangala Gauri Vrat 2023 , मंगला गौरी व्रत 2023 कब है ?

मंगला गौरी व्रत 2023 – सावन शुरू होते ही व्रतों का त्यौहार शुरू हो जाता है। श्रावण जिसे व्रत मास भी कहते हैं। इसी मास में “मंगला गौरी व्रत” भी धारण किया जाता है। इस दिन माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। तथा इन्हीं को आराध्य मानते हुए मंगला गौरी व्रत धारण किया जाता है। इस वर्ष मंगला गौरी व्रत 2023  सावन के माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि अर्थात मंगलवार 4  जुलाई 2023 को  रखा जाएगा।

मंगला गौरी व्रत 2023 – मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत सुहागन स्त्रियां अपने अखंड सुहाग के लिए धारण करती है।   सावन के दूसरे मंगलवार को व्रत धारण से ही इसका नाम मंगला और इस दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसलिए गौरी नाम से प्रचलित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस व्रत का खासा महत्व है।

2023  में मंगला गौरी व्रत कब है ?

त्यौहार का नाम दिन साल दिनांक
पहला मंगला गौरी व्रत मंगलवार 2023 4 जुलाई 2023
दूसरा मंगला गौरी व्रत मंगलवार 2023 11 जुलाई 2023
तीसरा मंगला गौरी व्रत मंगलवार 2023 18 जुलाई 2023
चौथा मंगला गौरी व्रत मंगलवार 2023 25 जुलाई 2023

आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत क्यों रखा जाता है? तथा इसका महत्व, पूजा विधि  और शास्त्रों से जुड़ी पौराणिक कथा का सम्पूर्ण विवरण। 

 मंगला गौरी व्रत का महत्व तथा लाभ

मंगला गौरी व्रत 2023 – माता पार्वती की पूजा अर्चना करना हर स्त्री के लिए सौभाग्यवती भव का आशीर्वाद होता है।  कुंवारी कन्या अगर गौरी व्रत का धारण करती है तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। तथा विवाह में हो रही अड़चन भी दूर हो जाती है।   सुहागन स्त्रियां इस व्रत को अपने पति की लंबी उम्र अर्थात अखंड सौभाग्यवती होने की लालसा में रखती है।

मंगला गौरी व्रत 2023 – इस व्रत की खास मान्यता है कि किसी कन्या का विवाह मंगला (मांगलिक) होने की वजह से नहीं हो रहा है। अर्थात कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें घर में उपस्थित हो तो मंगल दोष बनता है। ऐसी स्थिति में कन्या का विवाह नहीं हो पाता। इसलिए मंगला गौरी व्रत रखने की सलाह दी जाती है। मंगलवार के दिन मंगला गौरी के साथ-साथ हनुमानजी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाने से मंगल दोष समाप्त हो जाता है। तथा कन्या को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।

मंगला गौरी व्रत 2023 – धार्मिक मान्यता है की माता पार्वती ने व्रत के प्रताप से भगवान शिव को प्राप्त किया था और अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद भी प्राप्त किया था। जब माता सीता स्वयंवर के लिए भगवान श्रीराम को मन से पति मान चुकी थी। तब उन्होंने भी माता गौरी की पूजा की थी और उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति हुई थी। ऐसी बहुत धार्मिक मान्यताओं के चलते माता गौरी की पूजा अर्चना बड़े भक्ति भाव से की जाती है। यह व्रत धारण करने पर स्त्रियों तथा कन्याओं को कभी भी  व्रत करते समय कष्ट और व्याधि नहीं सताते और उनके समस्त मनोरथ सफल होते हैं।

 मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि

मंगला गौरी व्रत 2023 – धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगला गौरी व्रत के दिन सभी पूजन सामग्री 16 की संख्या में होनी चाहिए। 16  मालाएं, इलायची, लॉन्ग, सुपारी, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री तथा 16 चूड़ियां। इसके अलावा पूजा सामग्री में पांच प्रकार के सूखे मेवे तथा सात प्रकार के अन्न सम्मिलित करने चाहिए।

संपूर्ण सामग्री को पहले दिन ही व्यवस्थित कर ले और मंगला व्रत के दिन सवेरे जल्दी उठकर स्वच्छ होकर माता पार्वती के प्रतिष्ठित स्थान को स्वच्छ करें।

  •  माता पार्वती के प्रतिष्ठित स्थान पर लाल कपड़ा बिछा दे।
  •  उसके बाद माता गौरी की प्रतिमा प्रतिष्ठित करें।
  • माता पार्वती की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ करें।
  •  मन में माता पार्वती का गौरी स्वरूप के दर्शन करें।
  •  तथा मन से उनका ध्यान करें।
  •  गौरी व्रत का संकल्प लें।
  •  माता गौरी की स्तुति गान करें और व्रत कथा सुने।

 माता गौरी व्रत संपूर्ण कथा – Mangala Gauri Vrat 2023  धार्मिक कथाओं के अनुसार एक नगर  सेठ था और उस सेठ का उस नगर में बहुत सम्मान था। सेठ धन-धान्य से परिपूर्ण था और सुखी जीवन जी रहा था। परंतु सेठ को सबसे बड़ा दुख था कि उसके कोई संतान नहीं थी। सेठ को संतान सुख नहीं होने की वजह से चिंता खाए जा रही थी।

मंगला गौरी व्रत 2023 – एक दिन किसी विद्वान ने सेठ से कहा कि आपको माता गौरी की पूजा अर्चना करनी चाहिए। हो सकता है आपको पुत्र सुख की प्राप्ति हो। सेठ ने अपनी पत्नी के साथ माता गोरी का व्रत विधि विधान के साथ धारण किया। समय बीतता गया एक दिन माता गौरी ने सेठ को दर्शन दिए और कहा कि मैं आपकी भक्ति से प्रसन्न हूं आप क्या वरदान चाहते हैं। तब सेठ और सेठानी ने पुत्र प्राप्ति का वर माँगा। माता गौरी ने सेठ से कहा आपको पुत्र तो प्राप्त होगा। परंतु उसकी आयु 16 वर्ष से अधिक नहीं होगी। सेठ सेठानी चिंतित तो थी पर उन्होंने वरदान स्वीकार कर लिया।

मंगला गौरी व्रत 2023 – कुछ समय बाद सेठानी गर्भ से थी और सेठ के घर एक पुत्र ने जन्म लिया। सेठ ने नामकरण के वक्त पुत्र का नाम चिरायु रखा। जैसे जैसे पुत्र बड़ा होने लगा सेठ और सेठानी की चिंता बढ़ने लगी। क्योंकि 16 वर्ष के बाद उन्हें अपना पुत्र खोना था।

मंगला गौरी व्रत 2023 –  ऐसी चिंता में डूबे सेठ को एक विद्वान ने सलाह दी कि अगर आप अपने पुत्र की शादी ऐसी कन्या से कर दें जो माता गौरी की विधिवत पूजा करती है। तो आपका हो सकता है संकट टल जाए। आपकी चिंता खत्म हो जाए। सेठ ने ऐसा ही किया और एक गौरी माता भक्त के साथ चिरायु का विवाह कर दिया। 

मंगला गौरी व्रत 2023 – जैसे ही चिराई की उम्र 16 वर्ष हुई तो उसे कुछ नहीं हुआ। धीरे-धीरे वह बड़ा होता चला गया और उसकी पत्नी अर्थात गोरी भक्त हमेशा गौरी माता की पूजा अर्चना में व्यस्त रहा करती थी और उसे अखंड सौभाग्यवती भव का वरदान प्राप्त हो चुका था। अब सेठ और सेठानी  पूर्णता चिंता मुक्त थे।

 ऐसे ही माता गौरी के चमत्कारों की कथाओं के चलते इनकी पूजा अर्चना की जाती है। जिससे व्रत धारण करने वाले जातक कभी भी खाली हाथ नहीं रहते।

 मंगल दोष से निवृत्ति के उपाय

मंगला गौरी व्रत 2023 –  श्रावण मास के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। यह व्रत मंगलवार के दिन ही रखा जाता है इसलिए इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। किसी भी कन्या के विवाह में मंगल  ग्रह के दोष के कारण विवाह नहीं होता तो ऐसे में कुछ उपाय करके मंगल दोष से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं मंगल दोष निवृत्ति के कुछ उपाय:-

  • मंगला गौरी व्रत 2023 – कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें घर में उपस्थित हो तो मंगल दोष बनता है। मंगला गौरी व्रत धारण करने पर मंगल दोष निवृत्त होता है। इसलिए इस दिन व्रत के साथ-साथ हनुमान जी के चरणों की सिंदूर माथे पर लगानी चाहिए।
  • मंगला गौरी व्रत के दिन शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
  • मंगलवार के दिन दूध से बनी हुई मिठाइयां बंधू जनों को खिलाने पर मंगल दोष शांत होता है।
  • एक लाल वस्त्र में दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।
  • कुंवारी कन्याओं को मंगल दोष में श्रीमद्भागवत के अठारहवें अध्याय के नवम् श्लोक का जाप करना चाहिए तथा गौरी पूजन सहित तुलसी रामायण के सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
  • मंगला व्रत के दिन जातक को मिट्टी का खाली कलश बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए।
  • कन्या की कुंडली में अष्टम भाव में मंगल है तो रोटी बनाते समय तवे पर ठंडे पानी के छींटे लगाकर रोटी बनानी चाहिए।
  •  कुंडली में मंगल दोषपूर्ण हो तो विवाह के समय घर में भूमि खोदकर उसमें तंदूर या भट्टी नहीं लगानी चाहिए।
  • मंगला गौरी व्रत के दिन गौरी मंत्र- ॐ गौरीशंकराय नमः का जाप करते रहना चाहिए।
  • मंगल ग्रह से दोष युक्त जातक को लाल कपड़े में सौंफ बांधकर सोने वाले कमरे में रख लेना चाहिए।
  • ऐसे कुछ उपाय करने से मंगल दोष की वजह से विवाह में हो रही अड़चन दूर हो जाती है और माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *