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माघ पूर्णिमा 2024 – हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा को बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन कई मेले आते हैं और इसे एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म के साथ साथ बौद्ध धर्म के अनुयायी भी इस दिन को बहुत पवित्र मानते हैं और उनके लिए यह दिन गौतम बुद्ध को समर्पित होता है। इनी को बौद्ध धर्म का संस्थापक कहा जाता है। श्री हरि की पूजा और गंगा स्नान का इस दिन विशेष महत्व है। इस दिन किए गए गंगाजल के स्पर्श मात्र से ही तन और मन की शुद्धि हो जाती है। मानसिक जप को इस दिन हर समय करना चाहिए।
पितरों की पूजा के लिए भी माघ पूर्णिमा के दोपहर का समय बहुत शुभ होता है। नक्षत्रों में मघा नक्षत्र के नाम से ही इस पर्व के नाम का जन्म हुआ है। इस दिन हनुमान के उपासक उनके पूजन से यह दिन आरंभ करते है और पूरा दिन हनुमान जी की आराधना करते हैं।
माघ पूर्णिमा 2024 – माघी पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध इस उत्सव को हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के समय आने वाली पूर्णिमा को इसे मनाया जाता है। वर्तमान में प्रयोग किए जाने वाले कैलेंडर के अनुसार माघ पूर्णिमा को जनवरी और फरवरी के महीने में मनाया जाता है। इस दिन को व्रत, पूजा-पाठ और दान करके मनाया जाता है। माघ पूर्णिमा के समय विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है और इसे माघ मेला भी कहा जाता है।
माघ पूर्णिमा 2024 – बौद्ध धर्म के अनुसार इस दिन गौतम बुद्ध ने अपनी आसन्न मृत्यु का कथन किया था, इसलिए यह दिन बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन मोक्ष प्राप्ति की कामना के साथ पवित्र नदियों में स्नान, दान, पूजा और व्रत किए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के उपरांत की गई पूजा से संतान की प्राप्ति होती है। इसलिए संतान सुख से वंचित रहने वाले जातक इस दिन को विशेष मानते हैं और दान, हवन और व्रत के साथ साथ जप करके इस दिन को मनाते हैं।
इस साल 2024 में माघ पूर्णिमा 24 फ़रवरी को पड़ रही है।
माघ का मास 21 जनवरी 2024 को यानि शनिवार से प्रारंभ होगा और इस माघ मास की समाप्ति 19 फरवरी 2024 को होगी।
माघ पूर्णिमा 2024 – माता लक्ष्मी को खुश करने के लिए पूणिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके उनको तुलसी को भोग लगाना चाहिए। उसके बाद दीपक और जल चढा कर पूजा व आराधना करके दिन व्यतीत करना चाहिए। मां लक्ष्मी को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए इस दिन उनको 11 कौड़ियां अर्पित करके हल्दी का तिलक लगाना चाहिए।
माघ पूर्णिमा 2024 – हिंदू और बौद्ध धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है और दोनों ही धर्म अपनी अपनी परंपराओं और मान्यताओं के आधार पर मनाते हैं। हिंदू भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। माना जाता है इससे समस्त कष्टों का नाश हो जाता है। मान्यताओं के अनुसार माघ के महीने देवता पृथ्वी पर आ कर मनुष्य का रूप धारण करते हैं और पवित्र नदियों में स्नान कर जप एवं दान करते हैं। शास्त्रों में इस दिन को मोक्ष प्राप्ति के लिए उत्तम दिन माना जाता है। यदि माघ पूर्णिमा के समय पुष्य नक्षत्र हो तो इस दिन को बहुत विशेष माना जाता है।
माघ पूर्णिमा 2024 – माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर चंद्र देव सोलह कलाओं से व्याप्त होकर अमृत वर्षा करते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन भगवान श्री विष्णु जी ने गंगा जी में निवास किया था जिसका उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण में देखने को मिलता है। इसलिए जो भक्त इस दिन गंगा जी में स्नान करता है निश्चित ही वैकुण्ठ लोक को प्राप्त होता है।
माघ पूर्णिमा 2024 – यदि आप इस दिन गंगा नदी में जाकर स्नान नहीं कर सकते तो अपने नहाने के पानी में गंगाजल को मिला लें। स्नान के उपरांत श्री हरि की पूजा करनी चाहिए। भगवान सत्यनारायण की कथा का आयोजन माघ पूर्णिमा के दिन किया जाता है। इस दिन सरस्वती मां की पूज विद्या प्राप्ति की कामना से की जाती है, जिसमें माता जी को खीर का भोग लगाकर सफेद पुष्प चढ़ाए जाते हैं। सफेद रंग के पुष्प माता सरस्वती जी को बहुत प्रिय होते हैं।