माँ काली की पूजा विधि | Maa Kali Ki Puja Vidhi

माँ काली की पूजा विधि – Maa Kali Ki Puja Vidhi

माँ काली की पूजा विधि – घर में मां काली की आराधना करना बहुत सरल है। पूजा के लिए आप घर के मंदिर में मां काली की मूर्त  या चित्रण स्थापित कीजिए। इस  पर तिलक लगाएं और फूल आदि अर्पित करें। मां काली की  उपासना में फूल लाल रंग के और वस्त्र काले रंग के होने चाहिए ।एक आसन पर बैठकर प्रत्येक दिवस मां काली के किसी भी मंत्र का 108 बार जाप कीजिए। काली गायत्री मंत्र या मां के बीज मंत्रों का जाप करना बेहद प्रभावशाली माना जाता है ।

 

माँ काली की पूजा विधि – जाप के पस्चात नैवेज्ञ के रूप में मां काली को भोग जरूर अर्पण कीजिये। स्वम की इच्छा सम्पूर्ण  होने तक इसके उपयोग को जारी रखिये। यदि आप विशेष आराधना करना चाहते हैं, तो सवा लाख, ढाई लाख, पांच लाख मंत्रो  का जप अपने अनुमोचन के अनुसार कर सकते हैं ।

 

माँ काली की पूजा विधि – सामान्य जातक मां को खुश करने के लिए कुछ असाधारण  मंत्रों का भी जान  कर सकते हैं। यह मंत्र शास्त्रों में उल्लेखित हैं, और इन्हें काफी प्रभावशाली  माना जाता है। लेकिन  इस बात का अवश्य  ध्यान रखिये,कि मंत्रो के उच्चारण शुद्ध होना चाहिए। और कुछ मंत्रों को विशेष संख्या में ही जाप करे। “ह्रीं” और “क्रीं” मंत्र का प्रयोग बेहद प्रभाव युक्त माना गया है ।

 

माँ काली की पूजा विधि – यह दोनों एकाक्षर मंत्र है। इसे विशेष रुपण  से दक्षिण काली का मंत्र कहा भी जाता है। ज्ञान, यश और सिद्धी की प्राप्त करने के  इस मंत्र का विशेष महत्व माना जाता है। इसके अलावा घर पर प्रत्येक दिवस “क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा” मंत्र का 108 बार जाप करने से सभी दुखों का निवर्ति  करके घन-धान्य में बढ़ोतरी  होती है। इस मंत्र के जाप से पारिवारिक शांति बनी रहती है ।

 

माँ काली की पूजा विधि – इसके सिवाय  द्वि-अक्षर मंत्र “क्रीं क्रीं” और त्रि-अक्षरी मंत्र ‘क्रीं क्रीं क्रीं’ काली की साधनाओं और उनके प्रचंड रूपों की आराधनाओं का विशिष्ट मंत्र है। द्वि-अक्षर और त्रि-अक्षरी मंत्रो  का उपयोग तांत्रिक साधना मंत्र के पहले सरपूर्व और पश्चात में किया जा सकता है।

 

माँ काली की पूजा विधि – दुर्गासप्तशती में वर्णित “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै:” मंत्र का वर्णन है जो मां के नौ स्वरूपों को देय है। नवरात्रो  के खास समय पर आप इस मंत्र का जाप घर पर भी कर सकते हैं। इससे ग्रहों से जुड़ी परेशानिया समाप्त होती हैं ।

 

“ॐ क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं स्वाहा:” मां काली को समर्पित एक बेहद शक्तिशाली व् प्रभावशाली मंत्र है जिसका जाप नवरात्रों के विशिस्ट मौके पर ही करना चाहिए।काली माँ को समर्पित कई अन्य मंत्र भी हैं, परन्तु इनका प्रयोग ज्यादातर  तांत्रिक क्रियाओं के लिए ही किया जाता है।

माँ काली की पूजा के नियम –

दो प्रकार से मां काली की आराधना की जाती है, एक सामान्य और दूसरी तंत्र की पूजा से। सामान्य पूजन कोई भी कर सकता है,लेकिन  तंत्र पूजा बिना गुरू के ध्यान और नियम  के नहीं की जा सकती है। काली माँ की पूजा का उपरोक्त समय मध्य निशा (रात्रि) का होता है। इनकी पूजा में लाल रंग और काली रंग की वस्तुओं का विशेष उपयोग होता है। मां काली के मंत्रो के जाप से ज्यादा इनका ध्यान करना उपयोगी माना जाता है।

मां काली की घर पर पूजन करने से काफी जल्दी फल की प्राप्ति होती है।लेकिन इनकी आराधना में कई विशेष बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। साफ-सफाई और शुद्धता के अलावा विशेष शुभ मुहूर्तों में मां काली की आराधना करने का विशेष समय में मध्य रात्रि या अमावस्या का ही होता है ।

आपका इस ब्लॉग पर स्वागत है इसी प्रकार की अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहिये और शेयर भी करिये, हमारा उद्देश्य आपको प्रतिदिन कुछ नया सिखाने  का और सभी प्रकार जी जानकारी प्रदान करने का रहता है। 

अन्य जानकारी :-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *