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Lohri 2023 | लोहडी 2023 कब है,महत्व,विधि,कहानी,कहाँ मनाया जाता है,

Lohri 2023
November 9, 2022

लोहडी 2023 – Lohri 2023

Lohri 2023 –  हिन्दू धर्म में पूरे साल अनेको प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है। यह लोहड़ी का  त्यौहार अलग- अलग जातियों और धर्मों के भी होते हैं। हम आज लोहड़ी के पर्व के बारे में बात करेंगे। यह त्यौहार हर वर्ष जनवरी महीने में मनाया जाने वाला त्यौहार है। उत्तरी भारत में इस त्यौहार की सबसे अधिक मान्यता रहती है क्योंकि यह त्यौहार मुख्य रूप से पंजाबियों का त्यौहार माना जाता है।

Lohri 2023 – मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व मनाया जाने वाला त्यौहार है ये त्यौहार मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा राज्य में मनाया जाने वाला त्यौहार है। लेकिन अब ये पूरे भारत देश में मनाया जाने लग गया है। क्योंकि आज लगभग हर जगह सिख समुदाय के लोग रहने लग गये है। सिखों में इस त्यौहार की बहुत बड़ी मान्यता है। यह उनके प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है।

 लोहडी 2023 में कब है – Lohri 2023 Kab Hai 

Lohri 2023 – लोहड़ी का त्यौहार हर साल13 या 14 जनवरी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह त्यौहार जनवरी महीने के 14वें दिन आता है। हिन्दुओ के हिंदी पंचांग की मान्यता के अनुसार यह त्यौहार माघ मास के शुरू होने के एक दिन पूर्व मनाया जाता है। यह त्यौहार पौष माह के अंतिम दिन मनाया जाता है

Lohri 2023 – इस साल 2023 में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी इसलिए लोहड़ी का त्यौहार 14 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा। ऐसा भी होता है कि जो लोग इस त्यौहार को 13 जनवरी को मनाना चाहते हैं वे इसे 13 जनवरी को भी मना सकते हैं। इसमें उनके लिए कोई भी बध्यात नहीं है। 

लोहडी पर्व का महत्व – Lohri Parv Ka Mahatva 

Lohri 2023 – लोहड़ी पर्व जनवरी के महीने में मनाया जाने वाला पर्व है। यह त्यौहार सर्दियों में मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहारो में से एक है। लोहड़ी का पर्व उत्तरायण के दिन ही  मनाया जाता है।ऐसा माना जाता है कि इस दिन से सूर्य उत्तर की और बढ़ने लग जाता है और दिन बड़े होने लगते हैं और रातें पहले की तुलना में छोटी होने लग जाती  हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इस त्यौहार को गर्मियों मौसम के स्वागत के लिए भी मनाया जाता है लेकिन जिस दिन यह त्यौहार होता है उसी दिन कड़ाके की ठंढ भी पढ़ रही होती है।

Lohri 2023 – आप को बता दें कि इस त्यौहार को लेकर ऐसी मान्यता यह भी है कि इस दिन से किसान अपने खेतो से अपनी फसलों की कटाई करने की शुरुआत भी कर देते हैं। इस त्यौहार को भगवान सूर्य की पूजा के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है। भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करने से और मंत्रोचारण करने से सूर्य भगवान अति प्रसन्न होते हैं।और अपना आशीर्वाद भी देते है 

लोहडी की

महत्व

– Lohri Ki Puja Vidhi 

Lohri 2023 – हर साल लोहड़ी के दिन पंजाबी लोकगीत को गाने की परम्परा भी है। यह सिख समुदाय में बहुत पुराने समय से चलती आरही परंपरा हैं। लेकिन कुछ समय से इस पर्व का प्रचलन कम देखा गया है। लोहड़ी के दिन सभी घरों के बच्चे अपने गाँव में मोहल्ले में और आस-पास के घरों में जाते है और लोहड़ी मांगते हैं।

Lohri 2023 – इस त्यौहार के दिन बच्चों को लोहड़ी देने की परंपरा को बहुत ही शुभ माना गया है। इसलिए बच्चों को लोहड़ी के रूप में गजक, गुड़, मूंगफली और मक्का दिए जाने की परंपरा है। इसके बाद रात के समय में सभी लोग एक जगह पर एकत्रित होते हैं और लकड़ियों से एक गोलाकार आकृति बनाते है और फिर उसमे आग जलाई जाती है। सभी लोग उसके आस-पास घूमते हैं और लोहड़ी पर्व को मनाते हैं। और तिल, गुड़ और मक्का आदि को आग के अन्दर डाला जाता है।

Lohri 2023 – लोहड़ी पर्व के दिन पंजाबी नृत्य करने की भी बड़ी मान्यता है। सिख पुरुष भांगड़ा नृत्य करते हैं और महिलाएं गिद्दा नृत्य करती हैं। इस दिन खाने के लिए पंजाब में मशहूर सरसों का साग और मक्के की रोटी बनाई जाती है। इसके साथ ही खाने में केसर वाली खीर भी बनाई जाती है और सभी लोग आपस में मिलकर इस खाने का आनंद उठाते हैं।

Lohri 2023 – लोहड़ी के पर्व का दिन उन घरों में अधिक महत्वपूर्ण होता है जिनके घरों में किसी का नया-नया विवाह हुआ हो या फिर किसी के घर में बच्चे का जन्म हुआ हो और उनकी पहली लोहड़ी साथ में हो। ऐसे में लोहड़ी पर्व उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण और खुशियों वाला लोहड़ी का त्यौहार होता है। सभी लोग इस पावन दिन नए और पारम्परिक कपड़े पहनकर यह लोहड़ी का त्यौहार मनाते हैं।

लोहड़ी पर्व से जुडी कहानियां – Lohri Parv Se Judi Kahaniyan 

लोहड़ी पर्व से सम्बंधित अनेको प्रकार की कहानियां हैं। पंजाब से लेकर पूरे भारत देश से कई प्रकार की कहानियाँ हैं जिनमे से पंजाब की दुल्ला भट्टी की कहानी सबसे प्रमुख कहानी है। तो आइये जानते है इस ‘दुल्ला भट्टी ‘ की कहानी के बारे में। …….. 

दुल्ला भट्टी की कहानी – Dulla Bhatti Ki Kahani 

Lohri 2023 – दुल्ला भट्टी की यह कहानी मुग़ल काल के समय से जुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि दुल्ला भट्टी मुग़ल बादशाह अकबर के काल में हुआ करते थे। उस समय दुल्ला भट्टी को एक लुटेरा/डाकू माना जाता था वे एक राजपूत थे लेकिन वे मुग़लों और अमीर लोगों के धन को लूटकर भारत के गरीबों में बांटा करते थे। अकबर द्वारा कैद किये गए गरीब लोगो को भी छुड़वाया करते थे और अकबर के राज्य में रहने वाली गरीब की लड़कियों को बेचा जाता था वे उनकी मदद भी करते थे और उनका विवाह भी करवाया करते थे। आधुनिक समय में उन्हें लोग पंजाब का रोबिनहुड भी कहा जाता है।

कहाँ मनाया जाता है लोहडी पर्व – Kahan Manaya Jata Hai Lohri Parv 

Lohri 2023 – लोहड़ी का त्यौहार प्रमुख रूप से सिखों का त्यौहार माना जाता है। इसलिए यह त्यौहार पंजाब और हरियाणा में अधिक मनाया जाता है। लेकिन आज यह त्यौहार भारत देश के अन्य राज्यों में भी मनाया जाने लगा है। भारत देश के दिल्ली जम्मू- कश्मीर और हिमांचल प्रदेश जैसे कई राज्यों में भी यह त्यौहार मनाया जाने लगा है। लेकिन यह त्यौहार उन सभी जगहों पर अधिक मनाया जाता है जहाँ सिख समुदाय के लोग रहते हैं।

Lohri 2023 – इसके साथ ही यह त्यौहार उन देशों में भी धूम धाम से मनाया जाता है जहाँ पर सिख समुदाय के लोग रह रहे हैं इनमें कनाडा महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वहां पंजाब के लोग बहुत बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत में यह लोहड़ी का त्यौहार बंगाल और उड़ीसा में भी मनाया जाता क्योकि वह पर भी सिख समुदाय के लोग रहते है। ऐसा भी कहा जाता हैं कि इरान में भी इसी दिन लोहड़ी के जैसा ही उनका एक त्यौहार भी मनाया जाता है जिसे वह क्र लोग ‘चहार-शंबे-सूरी’ के नाम से जानते है।  वे लोग भी लकड़ी को एकत्रित करके आग में मेवे डालते हैं जो कि बिल्कुल भारतीय पर्व लोहड़ी जैसे ही होता है।

 

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