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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\astroupdate.com\httpdocs\wp-includes\functions.php on line 6114आइए हम आपको लाल किताब के तांत्रिक टोटके बताते हैं। लाल किताब के अनुसार अधिक संकट से बचने के लिए 10 अचूक टोटके।
कई लोगों पर अचानक से कोई घोर संकट आ जाता है। और कुछ लोग सालों से घोर संकटों का सामना कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि संकटों का कारण कालसर्प दोष और पितृदोष, यह संकट शनि की साढ़े साती और ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव होते हैं। और कुछ लोग मानते हैं कि सभ कुछ अच्छा है लेकिन आपके घर कि दिशा दक्षिण मुखी है तो आप पुरे जीवन भर परेशान रहेंगे।
यह बात भी मानी जाती है कि कुछ कारणों के कारण अपने घरों में आर्थिक संकट, गृह कलह और वैवाहिक संकट जैसा दुख बना रहता है। इसलिए वयक्ति को कोटकचेरी और दवाखाने के चक्कर लगाने पड़ते है।या किसी और प्रकार का संकट खड़ा हो जाता है। हालांकि कुछ विद्वान पण्डित यह भी कहते हैं कि यह सब तो अपने कर्मों का लेखा जोखा है।और कहते है की तुम अपने कर्म सुधार लो तो सब कुछ सुधर जायेगा।अब हम तो आपके कर्म सुधार नहीं सकते, लेकिन यहाँ पर हम आपको इस किताब के सहारे कुछ उपयोग जरूर बता सकते है।
1. किसी भी प्रकार का नशा ना करें करते हो तो त्याग दें।
2.ब्याज का कार्य करते हो तो उसे भी त्याग दें।
3.तेरस, चौदस, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन आप पवित्र बने रहे।
4.आपको अपनी दादी, बहन, मां, सास, बेटी, पत्नी, और बुआ से संबंध अच्छे बनाये रखें।
5.आपको अपने दादा जी, पिता जी, मामा जी, काका जी, भतीजे और अपने भाईयों से हमेसा अच्छे सम्बन्ध बनाये रखें।
6.तामसिक और मांस जैसे भोजन को का सेवन न करे अगर करते भी हों तो त्याग दें और नकारात्मक विचार न रखें।
7.दान देने से पहले और दान लेने से पहले अपनी कुंडली लाल किताब के किसी विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं।
8.घर को साफ सुथरा रखे और आस पास भी साफ सफाई रखे और अपने घर को वास्तु अनुसार ही बनाये।
9.लाल किताब के सरे उपाय दिन में ही करें। और उपाय करने से पहले अपनी कुंडली का अच्छे से किसी विशेषज्ञ को दिखाये।
10.सभी प्रकार के तांत्रिक अनुष्ठानो और रात्रि के घोर कर्मों से हमेशा दूर ही रहें।
हनुमान चालीसा का पाठ करना :- प्रतिदिन सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। और अपने घर में या मंदिर में सुबह-शाम हनुमान जी का पाठ किया जाना चाहिए।पवित्र भावना और शांतिपूर्वक के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमानजी की कृपा आप सभी पर बनी रहेगी। जो हमें हर प्रकार कि अनहोनी से बचायेगी। हर रोज हनुमान चालीसा का पाठ करने से जहां पर पितृदोष, मंगलदोष, राहु-केतू दोष आदि प्रकार के दोषो से हम दूर रहेंगे। वहीं भूत परेत जैसी आत्माओं से भी आपको छुटकारा मिलेगा।
गाय, कुत्ते, चींटी और पक्षियों को भोजन खिलाएं :- चींटी, पक्षी, गाय, कौवा, आदि जो भी अशक्त मानव प्राणियों के अन्न और जल की व्यवस्था करने से उनको हर तरह से बहुत अच्छी दुआएं मिलती है। इसे वेदों के एक पंचयज्ञ में से इसे ‘वैश्वदेव यज्ञ कर्म’ कहा गया है।और वेदों में ही बताया गया है कि यह ही सबसे बड़ा पुण्य है। मछलियों तथा कछुओं को रोज आटे की गोलियां खिलाएं और चीटियों को भुने हुए आटे में बूरा मिलाकर उसकी पंजीरी बनाकर खिलाएं।
* प्रतिदिन मोर ,पक्षियों और कौवे को दाना डालने से मन तृप्त होता है।
* प्रतिदिन चींटियों और पक्षियों को दाना डालने से हमें हमारे संकट से मुक्ति मिलती है।
* प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाने से हमारे सारे संकट दूर रहते हैं।
* प्रतिदिन गाय को रोटी खिलाने से हमें आर्थिक संकटो से छुटकारा मिलता है।
छाया का दान करें :- हर दिन शनिवार को एक कांसे की कटोरी ले और उसमें सरसों का तेल ले और एक सिक्का उसके अंदर डालकर उसमें अपनी परछाई को देखें और वो तेल, तेल मांगने वाले को दे दें या फिर आप शनिवार को शनि मंदिर जाकर वो तेल रख कर आ जाएं। अगर यह उपाय आप पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा हमेसा के लिये दूर हो जाएगी।
नारियल का उतार करने के फायदे :- आप एक पानीदार नारियल लें और उस नारियल को अपने ऊपर 21 बार वारें। और उस नारियल को अपने सिर के ऊपर वारने के बाद आप उसे किसी एक देवस्थान पर जाकर उसे अग्नि में जला दें। ऐसा आप उसी सदस्य के साथ करे जिस सदस्य पर कोई संकट हो।
जो भी कुछ संकट या उक्त उपाय होता है हमें उसे मंगलवार या शनिवार को ही करना चाहिए। अगर आप कुल 5 शनिवार भी ऐसा करेंगे तो आपके जीवन में अचानक से आए हुए कष्टों से आपको छुटकारा मिलेगा। अगर आपके घर के सदस्य कि तबियत ख़राब है तो यह उपाय उसके लिए बहुत ही फायदेमंद है।
जल अर्पण करने से यह होगा :- आप एक तांबे का लोटा ले और उसमे जल लें औरउस जल के अंदर थोड़ा सा लाल चन्दन मिला ले। उसी लोटे को आप अपने सिराने के पास रखकर सो जाएं। और सुबह उठके स्नान करके आप सबसे पहले उस जल को तुलसी माता जी के पौधे में चढ़ा दें। अगर आप ऐसा पुरे 43 दिनों तक करेंगे तो आपकी सारी परेशानियां धीरे धीरे करके दूर हो जाएंगी।
इसके अलावा आप दूध और पानी से भरा बर्तन भी अपने सिरहाने पर रखकर सो सकतें है। और अगले दिन सुबह उठकर इस मिश्रित पानी को एक कीकर की जड़ में डाल दें। ऐसा करने से आप मानसिक रूप से आप खुद को स्वस्थ्य महसूस करेंगे।और आपके मस्तिष्क का तनाव दूर होगा।
अपने दोनों कान छिदवाएं :- अपने हिन्दू धर्म में कर्ण भेदन संस्कार होता है। हालांकि आजकल इस संस्कार का लोग बहुत काम पालन करते है। जैसे की कुछ लोग अपना एक ही कान छिदवाते है। कुछ कुछ लोग अपने दोनों कान छिदवाते हैं। हालांकि बात तो दोनों एक ही है कान छिदवाने की। अगर आप कान छिदवाते तो आप राहु और केतु के बुरे संकट से बच सकते हो। जीवन में आने वाले संकटों का कारण राहु और केतु ही होता है।इसलिए कहा जाता है कि कान छिदवाना जरुरी है।
नाक छिदवाएं :- कान कि तो पाली और नाक के बाया भाग को छिदवाया जाता है। और आप सभी यह तो जानते ही होंगे कि नाक सिर्फ महिलाओं कि ही छिदवाई जाती है। लेकिन यदि आप लाल किताब के अनुसार आपका चंद्र, गुरु और बुध खराब स्थिति में चल रहा है और इसी कारण आपके जीवन में रोजगार और आपके परिवार पर संकट आ रहा है।तो इसलिए आपको इस संकट से बचने के लिए नाक छिदवाने के सलाह दी जाती है।
हमें जीवन में बार बार असफलताओं का सामना भी करना पड़ता है।तो इसके लिए भी हमें लाल किताब के विशेषज्ञ से जानकारी लेनी चाहिए। और ऐसा कहा जाता है कि पुरुषों को भी एक बार अपनी नाक छिदवाकर उसे अपनी नाक में 43 दिनों तक एक चांदी का तार डालकर रखना चाहिए। इससे भी हमें अपनी समस्याओं में राहत मिलती है। और आपको नाक छिदवाने से पहले आप अपनी कुंडली किसी लाल किताब के विसेसज्ञ के पास जरूर दिखाएं।
कंबल दान करने पर :- राहु और केतु संकट के लिए यह उपाय बताये गए है। कि एक ही कंबल में काला और सफेद रंग होना चाहिए। और उसमे कोई तीसरा रंग बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। अर्थात दोरंगी कंबल को 21 बार अपने ऊपर से वारकर उस कंबल को आपको किसी मंदिर में या किसी गरीब को दान कर दे। इससे आपको बहुत से फायदे होंगे।
मंगल ग्रह के उपाय :- आप लोग किसी भी लाल किताब के विशेषज्ञ से यह पूछकर कि सफेद सुरमा आंखों में लगाएं या नहीं। बहते हुए पानी में रेवड़िया, बताशे, शहद और सिंदूर जरूर बहाए। और आप हर मंगलवार को व्रत जरूर रखे तथा अपने क्रोद का त्याग भी अवस्य करें।
अन्य जानकारी : –