जानिये हिन्दी भाषा का साहित्य सागर और हिन्दी दिवस का महत्व | Hindi Diwas Ka Mahatva

हिन्दी दिवस का महत्व – Hindi Diwas Ka Mahatva

 

हिन्दी दिवस का महत्व

 

हिन्दी दिवस का महत्व – भारत देश की मातृभाषा हिन्दी जिस पर हम सभी इसे गर्व से स्वीकारते हैं। कि हम सभी हिन्दी भाषी हैं। अनेकता में एकता का स्वर हिन्दी भाषा के माध्यम से ही गूंजता हैं।  हमारे जीवन में हमारी भाषा का सबसे अधिक महत्व रहता हैं। एक भाषा ही है हममे तहज़ीब और जीवन को जीने के तरीके का विकास करती हैं। इसी वजह से सभी देशो की अपनी एक भाषा होती है। उसका का सम्मान करना उसके मान को बढ़ाना देशवासियों का कर्तव्य होता हैं। माना कि हमारी भाषा हमारी भावनाओं को व्यक्त करने का एक माध्यम हैं। परन्तु इस साधन में वो शक्ति हैं जो दुनियाँ को बदल सकती हैं। विभिन्नताओं के बीच में एक भाषा ही है जो आपकी एकता का आधार बनती हैं। और आपको एवं हम सभी को इस एकता के साधन का मान-सम्मान भी करना चाहिये। हिन्दी भाषा हमारी मातृभाषा हैं इसे सम्मान देना हमारा परम कर्तव्य हैं। 

हिन्दी दिवस का महत्व – हिन्दी दिवस भारत देश में हिन्दी भाषा का विकास करने हेतु बहुत ही बड़े पैमाने पर ये पर्व मनाया जाता है। भारत देश एक ऐसा देश है। जहाँ पर बहुत सी संस्कृतियाँ विधमान हैं। इन सांस्कृतिक भिन्नता के कारण कई प्रकार की भाषाएँ भी सम्मिलित है। चूँकि इतनी भाषाओँ के होने के कारण से यहाँ के औपचारिक कार्यों में यह निश्चय  कर पाना अधिक कठिन हो जाता है। कि किस भाषा में सभी औपचारिक कार्य को किया जाए। इसी वजह से हिन्दी को एक मुख्य भाषा के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। 

हिन्दी दिवस का महत्व – हिन्दी भाषा का महत्व हमारे भारत देश में बहुत अधिक है। भारत देश में हिन्दी दरअसल एक तरह से हमारे बीच एकता का प्रतीक भी है। अंग्रेजों से स्वतंत्रता पाने की लड़ाई के समय में भी लोगों को एकजुट हो कर रहने की व अंग्रेजो से लड़ने में हिन्दी भाषा ने अपना बहुत बड़ा योगदान हमे दिया। इस समय पूरे भारत देश में हिन्दी भाषा बोली जाती थी।  महात्मा गाँधी ने भी हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार पर जोर देने की बात कही थी। भारत की स्वतंत्रता के पश्च्यात इस भाषा के विकास करने हेतु कई विद्वानों ने भी कार्य किया था। 

 

हिन्दी भाषा का साहित्य सागर – Hindi Bhasha Ka Sahitya Sagar

 

हिन्दी दिवस का महत्व – हिन्दी भाषा एक बहुत ही सरल भाषा है। देवनागरी में लिखी जाने वाली यह हिन्दी भाषा अपने आप में बहुत ही समृद्ध भाषा है। इसके विकास के लिए कई महान कवियों और महान लेखकों ने अपने द्वारा रचित रचानाओं से इसे समृद्ध करने का कार्य भी किया है। इन महान कवियों में मैथिलीशरण गुप्त और रामधारी सिंह दिनकर और सुभद्रा कुमारी चौहान एवं महादेवी वर्मा एवं निराला आदि कवी प्रमुख रहे है।  तात्कालिक समय में भी कई कवि हिन्दी भाषा को अपनी रचनाओं क माध्यम से समृद्ध कर रहे हैं। इसके बाद गद्य साहित्य में भी मुंशी प्रेमचंद,निर्मल वर्मा,अज्ञेग,एवं जैनेन्द्र जैसे महान रचनाकारों ने भी हिन्दी भाषा का विकास करने का कार्य किया है। 

 

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