Ganesh Jayanti 2023 | गणेश जयंती 2023 कब है और लाभ

गणेश जयंती 2023 – Ganesh Jayanti 2023

Ganesh Jayanti – साल 2023 में गणेश जयंती का पूजा का समय और दिनांक,

साल 2023 में गणेश जयंती 24 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।  

माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश जयंती और तिल कुंड चतुर्थी व माघ चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। दक्षिण भारत की मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान् श्री गणेश का जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है की माघ शुक्ल चतुर्थी को सर्वप्रथम भगवान् श्री गणेश की तरंगे धरती पर आई थी। इसी कारण इस दिन श्री गणेश जयंती मनाई जाती है। भगवान् श्री गणेश जी की पूजा में लाल वस्त्र, लाल फूल और लाल चन्दन का उपयोग में लिया जाता है।श्री गणेश जयंती वाले दिन पूजा-अर्चना,उपवास, व अनन्य उपाय करने से भक्तो के जीवन से सभी प्रकार के कष्टों का निवारण हो जाता है। 

ऐसा करने से मनुष्य का मनोविकार दूर होता है व समस्याओ का समाधान होता है। 

गणेश जयंती वाले दिन की गई पूजा-अर्चना व उपासना करने से सर्वाधिक लाभ की प्राप्ति होती है। 

Ganesh Jayanti – अगनि पुराण में भागे व मोक्ष की प्राप्ति के लिए तिल कुंड चतुर्थी के व्रत का विधान भी बताया गया है।  इस गणेश जयंती वाले दिन चंद्र दर्शन करना वर्जित बताया गया है। यदि कोई व्यक्ति चंद्र दर्शन करता है तो ऐसा करने से मानसिक विकार उत्पन्न हो जाता है। 

त्यौहार का नाम     दिनांक         दिन / साल 
गणेश जयंती            24 जनवरी 2023 बुधवार / 2023

 गणेश जयंती पूजन समय

 चतुर्थी तिथि की शुरआत 03 : 20  पी.एम्  24 जनवरी 2023 

चतुर्थी तिथि  का समापन 12 :35 पी.एम्  25 जनवरी 2023 

गणेश पूजा के लाभ – Ganesh Puja Ke Labh 

Ganesh Jayanti – सनातन धर्म में गजानन, लंबोदर, विनायक आदि के नाम से जाने वाले भगवान् श्री गणेश की पूजा अत्यंत ही शुभ और लाभप्रद मानी जाती है। सनातन परंपरा में श्री गणेश को सुख-सौभाग्य का देवता माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि श्री गणेश जी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से श्री गणेश अपने भक्तो के सभी प्रकार के संकटो को हर लेते हैं। और उसके सभी काम बिना किसी भी प्रकार की बाधा के पूर्ण हो जाय करते है। श्री गणपति को सर्वशक्तिमान और बुद्धि का देवता माना गया है। जिनकी कृपा बरसने पर मनुष्य के साथ शुभ और लाभ व सौभाग्य भी जुड़ जाते हैं। 

आइये जानते है भगवान श्री गणेश पूजन के 5 बड़े लाभ के बारे में। 

  • सुख-समृद्धि के देवता हैं श्री गणेश 

Ganesh Jayanti – भगवान श्री गणेश को गुणों की भण्डार माना जाता है। जिनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रो में अपार सफलता और सुख-समृद्धि व सौभग्य मिलता है। श्री गणेश जी की पूजा से मनुष्य को सद्बुद्धि भी मिलती है। 

  • बिना बाधा के पूरे होते हैं सभी काम

Ganesh Jayanti –  मनुष्य के जीवन में हर किसी की कामना होती है कि उसके सभी काम बिना किसी बाधा के और समय पर पूरे हों। इसी कामना को पूरा करने के लिए हमारे हिंदू धर्म में श्री गणेश की पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि भगवान् श्री गणेश की पूजा किसी भी काम में आने वाली बढ़ाओ को दूर करके उसे समय पर ही पूरा करने का शुभ फल प्रदान करते है। 

  • मनचाहा फल देते हैं श्री गणेश 

Ganesh Jayanti – हिन्दू धर्म की परंपरा में सर्वप्रथम पूजनीय माने जाने वाले श्री गणेश जी की एक पत्नी का नाम सिद्धि हैं। जिसे कि आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक माना जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि श्री गणेश की पूजा-अर्चना करने पर मां सिद्धि का विशेष रूप से आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा भी मानते है कि सीधी तरह घूमी हुई गणेश जी की मूर्ति को सिद्धिविनायक भी कहा जाता है। जिनकी पूजा-अर्चना करने से हर काम समय पर पूर्ण होते हैं। 

  • श्री गणेश जी की पूजा से दूर होंगे कष्ट

Ganesh Jayanti – श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य के जीवन से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याएं और कष्ट दूर होते हैं। गणेश जी अपने भक्त के दु:ख एवं परेशानियों को हर कर भक्त को सुख-संपदा, सौभाग्य – शक्ति और आरोग्य भी अपने आशीर्वाद स्वरुप देतें हैं। 

  • गणेश पूजन से अहंकार का नाश होता हैं 

Ganesh Jayanti – ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की पूजा-अर्चना करने पर मनुष्य के जीवन से जुड़े सभी प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं। और उसके मन में किसी भी प्रकार का कोई क्रोध, अहंकार और नकारात्म्कता का विचार मष्तिष्क में नहीं रहता है। गणेश जी की पूजा करने से मनुष्य अपनी शक्तियों का सदुपयोग करते हुए जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ने का कार्य करने में सफलता प्राप्त करलेता है। 

गणेश पूजन की विधी – Ganesh Pujan Ki Vidhi 

Ganesh Jayanti – गणेश पूजा हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक मानी जाती है। कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पहले श्री गणेश जी की का नाम लेने से ही वह कार्य सफल माना जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पूरे विधि-विधान के साथ श्री गणेश जी की मूर्ति/तस्वीर स्थापित करने से उनकी कृपा और भी अधिक मिलती है। घर में धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं रहती है।

सुबह जल्दी उठ कर पहले स्नान आदि से निवृत हो जाएँ और साफ और स्वच्छ वस्त्र को धारण करें।

स्नान करने के पश्च्यात  पूजा की चौकी पर जल या गंगाजल छिड़क कर उसे साफ कर लें और फिर लाल कपड़ा बिछाएं।

अब अक्षत (चावल) डालकर गणेश जी की मूर्ति को स्थापित कर दें।

भगवान् श्री गणेश का गंगाजल से अभिषेक भी करें।

अभिषेक करने के पश्च्यात एक एक कर दूर्वा, अक्षत, फूल, माला, तिलक आदि श्री गणेश को अर्पित करें।

भगवान् श्री गणेश जी की मूर्ति के पास धूप व घी का दिया प्रज्ज्वलित कर रख दें।

श्री गणेश जी का पसंदीदा मोदक या मोतीचूर के लडूड का भोग लगाएं।

श्री गणेश पूजा करने के लिए भक्तगण को गणेश जी के मंत्रोंउच्चारण भी करें  हैं। 

फिर अंत में परिवार सहित भगवान् श्री गणेश जी की उच्च स्वर में आरती करें और प्रसाद का वितरण करें। 

 

 

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